High Court Notice On DJ Sound: जबलपुर। ध्वनि प्रदूषण के कारण बढ़ती बीमारियों को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेस हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि डीजे की तेज आवाज के लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की युगल पीठ ने मामले में सुनवाई की।
प्रारंभिक सुनवाई के बाद केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
High Court Notice On DJ Sound: ध्वनि प्रदूषण गंभीर समस्या –
जबलपुर के नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. गोविंद प्रसाद मिश्रा, इंडियन एयर फोर्स के रिटायर्ड अफसर आरपी श्रीवास्तव समेत चार अन्य सीनियर सिटीजन ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गई है कि डीजे की तेज आवाज पर बैन लगाया जाए।
हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि डीजे के तेज आवाज से हार्ट अटैक आता है।
इसके बावजूद भी इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
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तेज आवाज से बढ़ रही ब्लड प्रेशर की समस्या –
याचिका में दावा किया गया है कि डीजे की अत्यधिक तेज आवाज से लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या हो रही है।
याचिका की सुनवाई मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की युगलपीठ में हुई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने याचिका में उठाए गए मुद्दों को मजबूती देने के लिए कई विशेषज्ञों की रिपोर्ट भी लगाई है।
इन रिपोर्ट्स को देखने के बाद एमपी हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किए हैं।
High Court Notice On DJ Sound: नहीं हो रहा तय मापदंडों का पालन –
याचिका में दलील दी गई है कि देश में 12 में से 10 माह में कोई न कोई धार्मिक त्योहार और शादी विवाह के आयोजन होते हैं।
इस दौरान बजाये जाने वाले डीजे साउंड को लेकर तय मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है।
नियमानुसार 75 डेसीबल की तीव्रता ही मानव शरीर सहन कर सकता है।
इससे ज्यादा की तीव्रता से इंसान को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और यह मानव शरीर के लिए खतरा है।
13 साल के बच्चे की मौत का मामला भी उठाया गया –
याचिका में नवरात्रि के दौरान भोपाल में तेज आवाज में डीजे बजाने से 13 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत का मुद्दा भी उठाया गया।
याचिका में दुनिया के कई विकासशील और गरीब देशों का भी जिक्र किया गया है जिसमें उन देशों में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए अमल में लाए गए फैसलों की भी जानकारी अदालत को दी गई।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
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