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NEET-UG मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: छात्रों की सभी याचिकाएं खारिज, नहीं होगा रीटेस्ट

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

NEET-UG Retest: इंदौर हाईकोर्ट ने सोमवार, 14 जुलाई को NEET-UG परीक्षा के दौरान बिजली जाने से हुई परेशानी को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में रीटेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है।

यह फैसला 37 पन्नों के आदेश में दिया गया, जिसमें छात्रों को कोई राहत नहीं मिली।

क्या था पूरा मामला?

4 मई को NEET-UG परीक्षा के दौरान इंदौर में भारी बारिश के कारण कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली चली गई थी।

इससे कुछ छात्रों को परेशानी हुई, जिसके बाद करीब 70 छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रीटेस्ट की मांग की थी।

उनका तर्क था कि बिजली कटौती की वजह से उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।

कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिकाएं?

हाईकोर्ट ने एनटीए और प्रशासन के तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि:

  • 49 परीक्षा केंद्रों में से केवल 18 पर ही बिजली की समस्या आई थी।
  • ज्यादातर जगहों पर जनरेटर की व्यवस्था थी और कुछ ही मिनटों में बिजली बहाल हो गई।
  • इंदौर से ही ऑल इंडिया रैंक-2 हासिल करने वाला छात्र भी था, जो साबित करता है कि परीक्षा प्रभावित नहीं हुई।
  • 27,000 से अधिक छात्रों में से केवल 70 ने ही याचिका दायर की, जिससे साफ है कि ज्यादातर छात्रों को कोई समस्या नहीं हुई।

कोर्ट ने एनटीए और प्रशासन को दिए ये निर्देश

हालांकि याचिकाएं खारिज कर दी गईं, लेकिन हाईकोर्ट ने एनटीए और स्थानीय प्रशासन को भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए निर्देश दिए:

  • परीक्षा केंद्रों का चयन करते समय बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाए।
  • पावर बैकअप की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो।

छात्रों के तर्क और कोर्ट की प्रतिक्रिया

याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया था कि:

  • पिछले साल वंशिका यादव केस में रिटेस्ट की अनुमति दी गई थी।
  • छात्रों ने साल भर मेहनत की थी और एक-एक अंक उनके लिए महत्वपूर्ण था।
  • कुछ केंद्रों पर सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं था, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठे।

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वंशिका यादव केस अलग था क्योंकि उसमें पेपर लीक का मामला था, जबकि इस बार केवल तकनीकी समस्या थी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि सीटों की संख्या सीमित है और रिटेस्ट से चयन प्रक्रिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

इस फैसले के बाद अब NEET-UG 2024 के परिणामों में कोई बदलाव नहीं होगा और रीटेस्ट नहीं होगा। हालांकि, कोर्ट ने भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए एनटीए और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं।

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