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हिमाचल-उत्तराखंड में तबाही का मंजर: चंबा में लैंडस्लाइड से 11 श्रद्धालुओं की मौत, 3000 लोग फंसे

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Himachal-Uttarakhand Disaster उत्तर भारत के दो राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड इस समय भारी बारिश और उससे हुई तबाही से जूझ रहे हैं।

हिमाचल के चंबा जिले में एक भीषण लैंडस्लाइड में मणिमहेश यात्रा पर निकले 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि उत्तराखंड के तीन जिलों में बादल फटने से कई लोग लापता हैं और नदियां खतरनाक स्तर पर बह रही हैं।

यह स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है क्योंकि मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है।

दूसरी तरफ वैष्णो देवी में हुए लैंड स्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा 35 तक पहुंच गया है। यात्रा अभी स्थगित है।

आइए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से…

चंबा लैंडस्लाइड: मणिमहेश यात्रा पर निकले 11 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले का भरमौर इलाका इस समय दहशत और मौत के साये में है।

यहां भारी बारिश के बीच हुई एक भयानक लैंडस्लाइड ने 11 श्रद्धालुओं की जान ले ली।

ये सभी मणिमहेश यात्रा पर निकले हुए थे।

अधिकारियों के मुताबिक, मौत का कारण पहाड़ से गिरने वाले पत्थर और बाद में ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है।

इस हादसे में जान गंवाने वालों में 3 पंजाब, 1 उत्तर प्रदेश और 5 चंबा के स्थानीय निवासी शामिल हैं।

दो लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

यह इस इलाके में पिछले सप्ताह हुए हादसे के बाद दूसरी बड़ी त्रासदी है, जब लैंडस्लाइड में 7 लोगों की मौत हुई थी और 9 लापता हो गए थे।

3,000 श्रद्धालु अभी भी फंसे

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि भरमौर में लगभग 3,000 श्रद्धालु अभी भी फंसे हुए हैं।

बारिश और खराब मौसम के बावजूद, उन्हें बचाने के लिए बचाव अभियान (रेस्क्यू ऑपरेशन) जारी है।

सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं।

मौसम विभाग ने हिमाचल के ऊना, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में आज और बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।

उत्तराखंड में बादल फटा, रुद्रप्रयाग-चमोली में बिगड़े हालात

हिमाचल की त्रासदी के साथ-साथ पड़ोसी राज्य उत्तराखंड भी मौसम की मार झेल रहा है।

राज्य के रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी गढ़वाल जिलों में गुरुवार रात हुए बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है।

चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में बादल फटने से दो लोग लापता हैं और कई मवेशी मलबे में दब गए हैं।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण जिले की कई सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे बचाव दलों को मुश्किलें आ रही हैं।

टिहरी जिले में भी मूसलधार बारिश से हालात बिगड़ गए हैं और कई लोगों के लापता होने की खबर है।

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नदियां उफान पर

रुद्रप्रयाग जिले में स्थिति और भी गंभीर है। लगातार बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर पहुंच गया है।

पुलिस ने नदी किनारे बसे लोगों को तुरंत अपने घर खाली करके सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी की है। रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस गया है।

यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

अलकनंदा नदी में बद्रीनाथ हाईवे के डूब जाने से श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच की आवाजाही बंद हो गई है।

केदारनाथ घाटी के लावारा गांव में एक पुल तेज बहाव में बह गया है, जिससे कनेक्टिविटी और भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

सीएम ने किया ट्वीट

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर नजर रखते हुए ट्वीट करके बताया कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं। एसडीआरएफ की टीमों को बचाव उपकरणों के साथ घटनास्थल पर भेजा गया है।

वैष्णो देवी यात्रा स्थगित, अब तक 35 की मौत

इस बारिश का असर जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-एनसीआर में भी देखने को मिल रहा है।

भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण कटरा से वैष्णो देवी यात्रा शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी स्थगित रही।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों से अगली सूचना तक यात्रा न करने का आग्रह किया है।

गौरतलब है कि 26 अगस्त को यहाँ हुई लैंडस्लाइड में 35 लोगों की मौत हुई थी।

दिल्ली में फ्लाइट्स प्रभावित

दिल्ली-एनसीआर में हुई तेज बारिश ने हवाई यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 11:30 बजे तक कम से कम 146 फ्लाइटों के टेक-ऑफ और 30 फ्लाइटों की लैंडिंग में देरी हुई है। कुल मिलाकर 170 से ज्यादा फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं।

एयरपोर्ट प्राधिकरण ने यात्रियों से एयरलाइन कंपनियों से संपर्क करने की सलाह दी है।

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी भारत में अगले 5-6 दिनों तक बारिश जारी रहने का अनुमान है, जिससे इन इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में और भी चुनौतियाँ आ सकती हैं।

लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है।

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