Hindenburg And SEBI : अडानी समूह को लेकर खुलासे का तूफान अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि हिंडनबर्ग ने एक और रिपोर्ट जारी कर दी।
अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने के बाद हिंडनबर्ग ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
जिसके बाद से देश में सियासी जंग छिड़ गई है। जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वहीं बीजेपी ने रिपोर्ट की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं।
सेबी और अडानी में फाइनेंशियल कनेक्शन
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट एक बार फिर चर्चा में है।
हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन और अडानी ग्रुप के आपस में फाइनेंशियल कनेक्शन हैं। ये रिपोर्ट करीब 106 पेज की है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मुताबिक SEBI (Securities and Exchange Board of India) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति की मॉरिशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल’ डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।
इस कंपनी में गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है।
आरोप ये भी है कि इन पैसों का इस्तेमाल शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया है।
सेबी और अडानी ग्रुप ने दी सफाई
अडानी समूह का कहना है कि सेबी चीफ के साथ उनका कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है। अडानी समूह के मुताबिक उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है।
पहले लगाए गए सभी आरोपों की गहन जांच की जा चुकी है। जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिया है।
वहीं अडानी समूह से पहले सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर चुकी हैं।
उन्होंने आरोपों को निराधार और चरित्रहत्या करने का प्रयास बताया है।
इस मामले में एक्टपर्ट का कहना है कि हिंडनबर्ग के आरोपों के पीछे लाभ हासिल किए जाने की मंशा छिपी हो सकती है।
पिछली रिपोर्ट से मार्केट में बड़े स्तर पर उथल-पुथल देखने को मिली थी।
ऐसे में नई रिपोर्ट से भी मार्केट को प्रभावित किया जा सकता है। कुछ समय के लिए शेयर मार्केट और अडाणी स्टॉक्स पर असर पड़ सकता है।
अडानी पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च का मामला कोई नया नहीं है।
यह विवाद पिछले साल जनवरी में उस समय शुरू हुआ था, जब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी पहली सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की थी।
उसमें हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के ऊपर शेयरों के भाव चढ़ाने समेत फंड के हेर-फेर जैसे गंभीर आरोप लगाया था।
हिंडनबर्ग ने इसे कॉरपोरेट वर्ल्ड के इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड करार दिया था।
हिंडनबर्ग का कहना है कि अडानी ग्रुप पर जो खुलासे किए हैं, उसके हमारे पास सबूत हैं।
इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप को 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था।
अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिटलाइजेशन में गिरावट आई थी। यहां तक उन्हें अपना एफपीओ वापस लेना पड़ा था।
हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच सौंपी। SEBI ने अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दी थी।
सेबी का कहना है कि हमने 26 मामलों में 25 की जांच पूरी कर ली है।
इस मामले में सेबी ने 27 जून 2024 को हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
हालांकि, अब तक हिंडनबर्ग की तरफ से इस नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है।
वहीं हिंडनबर्ग ने सेबी पर ठीक से जांच नहीं करने का आरोप लगाया।
हिंडनबर्ग का खुलासा, विपक्ष ने सरकार को घेरा
हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे ने राजनीतिक दुनिया में भी हलचल मचा दी है।
विपक्षी दलों ने SEBI की निष्पक्षता और सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए साथ ही केंद्र सरकार को भी घेरा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि SEBI ने ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के खुलासों में क्लीन चिट दी थी। अब उसी सेबी के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सेबी चीफ ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.
Honest investors across the country have pressing questions for the government:
– Why… pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मामले में कौन जांच करेगा जब प्रधानमंत्री को खुद अडानी को बचाने में लगे हुए हैं और सारी संस्थाओं को अडानी के नाम कर रहे हैं।
https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1822513299642302638?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1822513299642302638%7Ctwgr%5E79d9b469cb4af19c912a37b91bd5c845b9b3c310%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Findia%2Fnews%2Fstory%2Fhindenburg-report-sebi-chairperson-madhabi-puri-buch-rahul-gandhi-congress-demands-jpc-bjp-ntc-bikt-2007970-2024-08-12
वहीं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज कर बीजेपी ने विपक्ष के हमलों पर पलटवार किया और इसे मार्केट रेगुलेटर को बदनाम करने की साजिश बताया।
This post confirms that Balak Buddhi Rahul Gandhi has gone rogue. The Leader of Opposition is now openly inciting and seeding doubt about the genuineness of the Indian stock markets. This blatant attempt to undermine confidence in our economy reveals true intention of Rahul… https://t.co/OlSV9erOTV
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 11, 2024
अडानी को लेकर सरकार के खिलाफ पहले से ही आक्रामक विपक्ष को हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट ने एक नया मुद्दा दे दिया है।
विपक्षी दलों ने सेबी प्रमुख के इस्तीफे की मांग करते हुए आरोपों की जांच जेपीसी से कराने की मांग की है।
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