Horror Building: ऐतिहासिक धरोहर जो भूतिया बिल्डिंग बन गई है, दीवारों पर लिखा है ओ स्त्री कल आना।
इसके अलावा खूनी पंजों के निशान भी जगह-जगह बने हैं, जिससे ये और भयावह दिखती है।
हम ना तो स्त्री फिल्म के सेट की बात कर रहें हैं और ना ही चंदेरी के किसी जगह की।
हम बात कर रहें एक मेडिकल कॉलेज की, जो लंबे समय से जर्जर हालत में है।
ये जगह इतनी खौफनाक हो गई है कि समझ ही नहीं आता कि इसे ऐतिहासिक धरोहर कहें या भूतिया बिल्डिंग।
‘भूतिया बिल्डिंग’ की दीवारों पर लिखे डरावने कोट
ये मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर, इस शहर का किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज लंबे समय से जर्जर हालत में है।
मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक धरोहर को कुछ शरारती तत्वों ने भूतिया घर बना डाला।
यहां कुछ युवाओं ने हैलोवीन यानी भूतिया पार्टी की, जिसके बाद की जो तस्वीरें सामने आई उसने सभी को चौंका दिया।
यहां की दीवारों पर पेंट किए गए, मोटी कीलें ठोकी गई, कंकाल भी सजाए गए।
इसके अलावा खूनी पंजों के निशान भी जगह-जगह बनाए गए।
परिसर में कॉफिन सजाकर कब्रिस्तान बनाए गए, खूनी फव्वारे लगाए गए।
लाल और काले स्प्रे से “ओ स्त्री कल आना”, “यू आर डेड”, “यू मेड ए मिस्टेक”, और “इट्स योर टर्न” जैसे डरावने कोट दीवारों पर लिखे गए।
जिससे यह ऐतिहासिक स्थल और भयावह दिखने लगा है।
इतना ही नहीं इसी परिसर में डिनर परोसा गया, शराब की बोतलें यहां से मिली है।
पार्टी के लिए सरकारी बिल्डिंग का उपयोग, उठे सवाल
पार्टी के लिए सरकारी बिल्डिंग के उपयोग करने और बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाने पर अब सवाल उठ रहे है।
यह धरोहर कई सालों से उपेक्षित पड़ी थी।
लेकिन, इस घटना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन का ध्यान फिर से अपनी ओर खींच लिया है।
धरोहर की देखरेख का जिम्मा एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पास है।
कॉलेज प्रशासन मामले की जांच कर रहा है कि आखिर किसने इस ऐतिहासिक इमारत को इस रूप में बदल दिया।
मेडिकल कॉलेज के डीन संजय दीक्षित का कहना है कि एक ग्रुप ने मेडिकल कॉलेज भवन का दौरा करने की अनुमति मांगी थी, पार्टी का मुझे पता नहीं है।
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता अभिजीत पांडे ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव से की है।
शिकायत में उन्होंने कहा कि निजी पार्टी के लिए सरकारी बिल्डिंग का उपयोग कैसे हो गया और अनुमति आखिर किस आधार पर दी गई।
इसके एवज में कितना शासकीय शुल्क लिया गया। इसका खुलासा भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को करना चाहिए।
200 साल से ज्यादा पुरानी है ये ऐतिहासिक बिल्डिंग
इंदौर में महाराजा यशवंत राव अस्पताल के पास स्थित ये ऐतिहासिक बिल्डिंग 200 साल से ज्यादा पुरानी है।
पुराने मेडिकल कॉलेज के नाम से मशहूर किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में हुआ था।
यह अनूठी वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है, बताया जाता है कि इस तरह की सिर्फ तीन बिल्डिंग हैं।
किंग एडवर्ड मेडिकल (KAM) स्कूल की स्थापना 1848 में हुई थी।
एक सदी बाद करीब 1953 में एमजीएम अस्तित्व में आया।
KAM स्कूल फ्रेंच गोथिक शैली की वास्तुकला का एक उदाहरण है और यह शहर के युवाओं के बीच ‘हॉगवर्ट्स’ के नाम से भी मशहूर है।
केईएम स्कूल के पीछे के मैदान में छात्रों के लिए ट्रैक, बैडमिंटन कोर्ट और अन्य खेल सुविधाएं विकसित करने की भी योजना तैयार की गई थी।
लेकिन, वक्त के साथ सब कुछ हवा हो गया और अब ये जगह शरारती तत्वों का अड्डा बन गई है।
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