IPS GP Singh: छत्तीसगढ़ के सीनियर IPS जीपी सिंह जल्द फिर से वर्दी में दिखेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस अधिकारी को बहाल करने का आदेश जारी किया है।
जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग केस में कार्रवाई की गई थी।
कभी फोर्सफुली रिटायर किए गए जीपी सिंह, अब नौकरी मिलते ही डीजी बनने की रेस में शामिल होंगे।
IPS जीपी सिंह की बहाली का आदेश जारी
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह जिन्हें कभी जबरन सेवानिवृत्ति दी गई थी, वो अब एक बार फिर नौकरी पर लौट आए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार 12 दिसंबर को आदेश जारी कर आईपीएस जीपी सिंह को पुन: सेवा में बहाल कर दिया है।
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है।
20 जुलाई 2023 को पारित निलंबन आदेश को खारिज करते हुए उसी दिनांक से पद पर बहाल किया है।
जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग केस में कार्रवाई की गई थी, जिसके बाद उन्हें फोर्सफुली रिटायर कर दिया गया था।
इस आदेश को आईपीएस ने CAT में चुनौती दी, जिस पर उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश को कैट ने गलत बताया और उन्हें बहाली का आदेश दिया।
अब नौकरी वापस मिलते ही जीपी सिंह डीजी की रेस में भी शामिल हो गए हैं।
छत्तीसगढ़ में एक डीजीपी और तीन डीजी का पद है।
इस साल आईपीएस पवन देव, अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता को डीजी प्रमोट किया गया है।
फरवरी 2025 में अशोक जुनेजा रिटायर हो जाएंगे।
उसके बाद एडीजी SRP कल्लूरी और इसी बैच के जीपी सिंह डीजी की रेस में शामिल हो गए हैं।
फोर्सफुली रिटायर किए गए थे IPS जीपी सिंह
जीपी सिंह का पूरा नाम गुरजिंदर पाल सिंह है, जो छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईपीएस हैं।
20 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जीपी सिंह की सेवा समाप्त कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
इस आदेश को जीपी ने CAT (Central Administrative Tribunal) में चुनौती दी।
CAT ने 10 अप्रैल 2024 गृह मंत्रालय का आदेश रद्द करते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने और सभी लाभ देने के निर्देश दिए।
गृह मंत्रालय ने CAT के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाई कोर्ट ने 23 अगस्त को याचिका खारिज कर दी थी।
इसके बाद गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की, जिसे 10 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले और अन्य कानूनी राय को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने अब जाकर जीपी सिंह को सेवा में बहाल करने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए आदेश की प्रति छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को भेज दी गई है।
जीपी सिंह के विभाग को लेकर गृह विभाग और मुख्यमंत्री के बीच चर्चा होगी।
राज्य का गृह विभाग तय करेगा कि छत्तीसगढ़ के इस आईपीएस अधिकारी को कौन सी जिम्मेदारी दी जाए।
वो कारण जिनसे जीपी सिंह को मिली बहाली
छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये पहली बार था, जब कोई IPS अधिकारी जेल गया होगा।
जीपी सिंह पर चल रहे मुकदमों को आधार बनाकर उन्हें उनकी नौकरी से अलग किया गया।
ये रिटायरमेंट प्रदेश में तब की कांग्रेस सरकार की रिपोर्ट के आधार पर हुआ था।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुए आदेश में लिखा गया है कि जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्तता दिखाई दे रही है।
यह भी लिखा गया है कि ऐसा काम की एक सरकार अफसर से उम्मीद नहीं की जा सकती इस लिए ये कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले में केंद्र की ओर से कहा गया कि जीपी सिंह के खिलाफ तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे।
बचाव पक्ष ने सिंह की ओर से बताया कि तीनों आपराधिक प्रकरणों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने रद्द कर दिया है।
आईपीएस जीपी सिंह खुद ACB के चीफ थे और जब उनके घर पर साल 2021 में छापा पड़ा तो वो ADG रैंक पर थे।
अदालत में जीपी सिंह ने कहा था कि ये उनके खिलाफ साजिश है।
ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस है, मेरे खिलाफ दर्ज FIR पूरी तरह से गलत है।
वहीं जीपी सिंह के वकील ने भी पुलिसिया कार्रवाई को गलत ठहराया था।
जो संपत्ति जीपी सिंह के नाम बताई जा रही है, वो उनकी नहीं है और न ही उनका उससे कोई लेना-देना है।
2022 में जीपी सिंह को रायपुर की जेल से जमानत पर रिहा किया गया, तो उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी कि वो मीडिया से बात न करें।