Homeन्यूजMP CM मोहन यादव के UP-Bihar दौरे से BJP को कितना फायदा?

MP CM मोहन यादव के UP-Bihar दौरे से BJP को कितना फायदा?

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देश में इन दिनों सिर्फ और सिर्फ सियासी चर्चाओं का बोलबाला है। चुनाव की बेला बिलकुल चरम पर है और 1 जून को मतदान के आखिरी चरण के साथ ही सियासी दलों और उनके प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी।

बहरहाल इस दफा के पूरे चुनावी परिदृ्ष्य को देखें तो बीजेपी ने विरोधियों की काट के लिए वो तमाम इंतजाम पहले से ही कर लिए थे जो प्रतिद्वंदियों को उन्हीं के अखाड़े मे चित्त करने के लिए जरूरी थी।

मिसाल मध्य प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव हैं जिन्होंने एमपी की सभी सीटों पर मतदान के बाद उन तमाम राज्यों और सीटों का दौरा किया जहां यादव वोट डिसाइडिंग फैक्टर है।

खासतौर से यूपी और बिहार में विरोधियों की झोली भरने वाले यादवों को साधने और अपने पाले में करने के लिए बीजेपी ने इस दफा डॉक्टर मोहन यादव को बड़ी जिम्मेदारी दी।

यकीनन सारी अटकलों को खारिज करते हुए डॉक्टर मोहन यादव को सीएम बनाना लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की सोची समझी रणनीति ही थी, कहना गलत नहीं होगा।

आइए समझते हैं उन 10 लोकसभा सीटों का सियासी गणित जहां मोहन यादव जोर लगाने पहुंचे थे…

  1. हमीरपुर – इस सीट पर यादव वोटर्स निर्णायक हैं क्योंकि यहां बीजेपी ने ठाकुर तो बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में उतारा है।
  2. झांसी – चंबल और बुंदेलखंड से सटी इस सीट पर पहले से ही बीजेपी का कब्जा है लेकिन यहां यादव वोट डिसाइडिंग फैक्टर है।
  3. गाजीपुर – इस लोकसभा सीट पर यादव बाहुल्य पांच विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से 4 विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है और एक पर बसपा का।
  4. बलिया – यहां ढाई लाख यादव हैं और करीब तीन लाख ब्राह्मण। यहां यादव सध गए तो सब सध गया वाला मामला है।
  5. कुशीनगर – इस लोकसभा में जातीय समीकरण थोड़े पेचीदा हैं। ये पूरा इलाका ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम और कुशवाह बाहुल्य माना जाता है। यहां 8 फीसदी वोटर यादव हैं।
  6. जौनपुर – यहां तीन लाख से ज्यादा दलित वोटर्स हैं। दूसरे नंबर पर ब्राह्मण, मुस्लिम और यादव आते हैं जो करीब ढाई-ढाई लाख हैं।
  7. आजमगढ़ – इस सीट पर मुस्लिम और यादव वोटर्स की जुगलबंदी से सांसद चुने जाते रहे हैं। यहां 21 फीसदी यादव और 17 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं।
  8. महाराजगंज – इस सीट पर 9 फीसदी यादव हैं और 18 फीसदी दलित हैं।
  9. श्रावस्ती – इस सीट पर 20 फीसदी मुस्लिम और 15 प्रतिशत यादव वोटर्स हैं।
  10. वाराणसी – वाराणसी सीट से पीएम मोदी बीजेपी के प्रत्याशी हैं। यहां डॉक्टर मोहन यादव ने कई जनसभाएं कीं हैं।

उत्तर प्रदेश की यादव बाहुल्य सीटों में प्रचार के अलावा डॉक्टर मोहन यादव ने बिहार की दो सीटों पर भी प्रचार किया जिनमें पाटलीपुत्र और पटना साहब सीट शामिल हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश में लागू लाड़ली बहना योजना का जमकर बखान किया। मोहन यादव यहां चुनावी सभाओं के अलावा उन इलाकों में भी पहुंचे जो यादव बाहुल्य थे।

कुलजमा देखा जाए तो डॉक्टर मोहन यादव का बिहार दौरा SP-RJD के MY फैक्टर की काट के तौर पर देखा जा रहा है।

बहरहाल बीजेपी चुनाव दर चुनाव विरोधियों को कमजोर और ज्यादा कमजोर करने की अपनी सोची समझी रणनीति के तहत काम कर रही है और विरोधियों की काट कैसे की जाए ये वो अच्छी तरह जानती है।

और फिर यूपी और बिहार में यादवों को रिझाने महाकाल के मोहन से अच्छी मिसाल और कौन हो सकता था।

 

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