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जाने कौन है अबु मोहम्मद अल-जोलानी, जिसने किया असद के 24 साल लंबे शासन का अंत

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Mohammed al-Jolani: सीरिया में तख्तापलट हो गया है और राष्ट्रपति बशर-अल-असद देश छोड़कर भाग गए।

वहीं सीरिया में हुए इस घटनाक्रम के बाद एक नाम काफी चर्चा में है, जो है अबु मोहम्मद अल जोलानी।

सिविल वॉर का प्रमुख चेहरा जोलानी ने ना सिर्फ सीरियाई राष्ट्रपति को घुटने टेकने पर मजबूर किया, बल्कि बशर अल-असद के लंबे साम्राज्य को भी उखाड़ फेंका है।

आइए जानते हैं असद के 24 साल पुराने शासन का अंत करने वाले अबु मोहम्मद अल-जोलानी के बारे में-

50 साल बाद सीरिया में घुसी इजराइली सेना

सीरिया में पिछले हफ्ते हालात अचानक बदल गए और देखते ही देखते विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया।

24 साल से असद की सत्ता को कोई हिला नहीं सका था, लेकिन विद्रोहियों ने 11 दिन में इसे पलट दिया।

विद्रोहियों के आते ही राष्ट्रपति बशर-अल-असद देश छोड़कर भाग गए और इसी के साथ उनके शासन का अंत हो गया।

एक रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजीतिक शरण दी है।

वहीं अमेरिका ने सीरिया में असद सरकार के पतन का स्वागत किया है।

अमेरिका ने रविवार को सीरिया में ISIS के 75 से ज्यादा ठिकानों पर हवाई हमले किए।

टारगेट सीरिया के पूर्वी इलाके बदियाह रेगिस्तान में थे।

इस हमले में B-52 बॉम्बर, F-15 और A-10 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल हुआ है।

Syria Civil War
Syria Civil War

पूरी खबर यहां पढ़ें – Syria Civil War: सीरिया में तख्तापलट, एक गलती जो बनी गृहयुद्ध का कारण

जोलानी पर अमेरिका ने रखा 84 करोड़ का इनाम

सीरिया में बशर अल-असद के 24 साल के शासन और 13 साल से चल रहे गृह युद्ध का अंत हो गया है।

विद्रोही ने इसके बाद ऐलान किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण चाहते हैं और तब तक प्रधानमंत्री को कुर्सी पर बने रहने के लिए कहा है।

इस अभियान की कमान संभालने वाले शख्स का नाम है अबु मोहम्मद अल-जोलानी, जो सिविल वॉर में विद्रोहियों का प्रमुख चेहरा है।

Mohammed al-Jolani
Mohammed al-Jolani

साल 1982 में सऊदी अरब में जन्मे जोलानी का नाम पहले भी काफी सुर्खियों में रहा है।

जोलानी पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर यानी 84 करोड़ 67 लाख का इनाम रखा है।

मोहम्मद जोलानी का असली नाम अहमद अल शारा है और उनके पिता पेट्रोलियम इंजीनियर थे।

बचपन में जोलानी सात साल तक सऊदी अरब में रहे, फिर उनका परिवार सीरिया लौट आया।

सीरिया के सिविल वॉर में ऐसे आया जोलानी

जोलानी ने 2003 में अल-कायदा जॉइन किया, उस वक्त अमेरिका ने इराक पर हमला किया था।

अमेरिका ने 9/11 हमले के बाद जब सीरिया में आतंक के खिलाफ युद्ध शुरू किया, तो जोलानी वहां लेबनान में लड़ने पहुंच गया।

बगदाद में जोलानी ने अमेरिका सेना के खिलाफ जंग शुरू कर दी और यहां उसने अलकायदा से मिलकर ईरान के अमेरिकी सेना के साथ लड़ाई लड़ी।

साल 2005 में जोलानी को मोसुल में गिरफ्तार कर अमेरिकी जेल में रख गया।

अमेरिकी जेल से रिहाई के बाद जोलानी की सीरिया के सिविल वॉर में एंट्री हुई।

Mohammed al-Jolani
Mohammed al-Jolani

अलकायदा और ईरान ने अबू बकर बगदादी के नेतृत्व में खुद को इस्लामिक स्टेट के तौर पर दिखाया।

इस वक्त बगदादी और जोलानी दोस्त थे, हालांकि बाद में दोनों में दुश्मनी हो गई।

साल 2011 में जब सीरिया में असद की सरकार ने विद्रोहियों पर हमला किया, तो इस्लामिक स्टेट के नेता ने जोलानी को वहां अपना नेता बनाकर भेजा।

सीरिया में तभी जोलानी ने सिविल वॉर में अलकायदा के सहयोगी के तौर पर काम किया।

वहीं कहा यह भी जाता है कि जोलानी के नेतृत्व में ही अल-नुसराह फ्रंट ने पूरे सीरिया में कई आतंकवादी भी हमले किए हैं।

इस्लामिक नेता जोलानी करता है आधुनिक होने का दावा

सीरिया में जिस विद्रोही गुट ने पूरे देश पर कब्जा जमाया है, उसका नाम हयात तहरीर अल-शाम (HTS) है।

यह गुट लंबे समय से बशर सरकार के खिलाफ लड़ रहा था और कभी आंतकी संगठन अल कायदा की शाखा रहा है।

हालांकि, 2016 में इस संगठन ने खुद को अल कायदा से अलग कर लिया था, लेकिन पश्चिमी देश HTS को आतंकी संगठन मानते हैं।

एचटीएस का नेतृत्व अभी अबु मोहम्मद-अल जोलानी के पास है, जो बेहद कट्टरपंथी माना जाता है।

Mohammed al-Jolani
Mohammed al-Jolani

HTS प्रमुख जोलानी एक इस्लामिक नेता है, लेकिन वह खुद के आधुनिक होने का दावा करता है।

जोलानी का इरादा एक नई सरकार बनाने और अपनी छवि को सुधारने पर है।

जोलानी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका मकसद निर्दोष लोगों को मारना नहीं है।

वो सीरिया में ऐसी सरकार चाहते हैं, जहां जनता अपने नेता चुन सके।

Syria Civil War
Syria Civil War

दमिश्क पर कब्जे के बाद जोलानी HTS को एक वैध और मजबूत प्रशासनिक इकाई के तौर पर पेश करना चाहते हैं।

वो चाहते हैं कि दुनिया उनके संगठन को आतंकवाद से जोड़कर न देखें, बल्कि सीरिया के भविष्य में एक अहम भूमिका निभाने वाला मानें।

सीरिया की सत्ता किसके पास, नई सरकार में लगेगा समय

सीरियाई विद्रोहियों ने देश की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर असद परिवार का 50 साल लंबा शासन समाप्त कर दिया।

इस गृह युद्द में असंभव को संभव करने का काम अबु मोहम्मद-अल जोलानी की अगुवाई वाले HTS ने किया है।

ऐसे में यहां की सत्ता पर फिलहाल कब्जा तो HTS का ही है, लेकिन इसे वह पूरी तरह से नहीं चला रहा है।

इसकी वजह ये है कि सत्ता का हस्तांतरण अभी नहीं हुआ है।

Syria Civil War
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जोलानी ने भी अपने सैनिकों को सार्वजनिक संविधानों से दूर रहने का आदेश दिया है।

ऐसे में माना जा रहा है कि सत्ता का हस्तांतरण पूरा होने के बाद ही HTS देश की बागडोर संभालेगा।

वहीं विद्रोही नेता अबु मोहम्मद अल-जोलानी को नई सरकार के प्रमुख लीडर के तौर पर देखा जा रहा है।

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