Karachi Bakery: हैदराबाद की प्रसिद्ध “कराची बेकरी” में हाल ही में तोड़फोड़ की घटना हुई।
कुछ लोगों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाते हुए बेकरी में घुसकर वहां तोड़फोड़ की और दुकान के बोर्ड को नुकसान पहुंचाया।
यह घटना शमशाबाद स्थित कराची बेकरी की मुख्य शाखा में हुई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अराजक तत्वों को हटाया और मामले की जांच शुरू की।
कराची बेकरी के नाम पर विवाद
दरअसल, कुछ लोगों को कराची बेकरी के नाम पर आपत्ति थी।
उनका मानना था कि यह बेकरी पाकिस्तान के कराची शहर से संचालित होती है, जबकि वास्तव में यह एक पूरी तरह भारतीय ब्रांड है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव (खासकर पुलवामा हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद) के चलते कुछ लोगों ने इस बेकरी के नाम को “पाकिस्तानी” समझकर विरोध किया।
कराची बेकरी अपने भारत की हैं,कोई इन अंधभक्तों को समझाओ यार, नहीं तो अगला नंबर लाहौरी जीरा का होगा 😂#KarachiBakery #Banglore #ceasefire pic.twitter.com/nKARLuldCg
— Boka Maharaj 🐐 (@bokamaharaj) May 12, 2025
कराची बेकरी का इतिहास
बेकरी की स्थापना किसने की?
- कराची बेकरी की स्थापना 1953 में खानचंद रामनानी ने की थी।
- खानचंद मूल रूप से पाकिस्तान के कराची शहर के रहने वाले थे, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे हैदराबाद आ गए।
- उन्होंने अपने पुश्तैनी शहर के नाम पर “कराची बेकरी” नाम रखा, लेकिन यह एक 100% भारतीय कंपनी है।
बेकरी मालिकों ने क्या कहा?
- बेकरी के वर्तमान मालिक राजेश रामनानी और हरीश रामनानी ने स्पष्ट किया कि उनका पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है।
- यह बेकरी भारतीय प्रबंधन द्वारा चलाई जाती है।
- उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री और पुलिस से मदद मांगी ताकि बेकरी का नाम बदलने के लिए कोई जबरदस्ती न करे।
बेकरी ने बोर्ड ढक दिया
विवाद बढ़ने पर बेकरी ने अपने नाम के बोर्ड से “कराची” शब्द को ढक दिया, ताकि तनाव कम हो।
बेकरी के आसपास अब भारी पुलिस बल मौजूद है।
क्या बेकरी का नाम बदला जाएगा?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बेकरी मालिकों ने साफ किया है कि वे नाम नहीं बदलेंगे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
क्यों बढ़ रहा है विवाद?
1. भारत-पाकिस्तान तनाव का प्रभाव
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है।
कुछ लोग “कराची” नाम को पाकिस्तान से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि यह सिर्फ बेकरी के संस्थापक के मूल शहर का नाम है।
2. सोशल मीडिया पर अफवाहें
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दावा किया कि यह बेकरी पाकिस्तानी फंडिंग से चलती है, जो पूरी तरह गलत है।
इसके बाद हिंदू संगठनों और कुछ समूहों ने बेकरी का नाम बदलने की मांग की।
3. प्रदर्शन और हिंसा
कुछ दिनों से भगवा झंडे और तिरंगा लेकर लोग बेकरी के सामने प्रदर्शन कर रहे थे।
रविवार को हुए हमले में कुछ लोगों ने बेकरी के बोर्ड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया।