I Love Bulldozer: उत्तर प्रदेश इन दिनों एक अजीबोगरीब ‘पोस्टर वॉर’ का गवाह बना हुआ है, जिसने धीरे-धीरे एक बड़े कानून-व्यवस्था के मुद्दे का रूप ले लिया है।
यह सिलसिला ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टरों से शुरू हुआ और अब इसके जवाब में ‘आई लव बुलडोजर’ और ‘आई लव महादेव’ जैसे पोस्टर सामने आ रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने प्रदेश की सियासत को गर्मा दिया है और प्रशासन को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश देते हुए साफ कहा है कि सरकार उन्हें कुचल देगी।
लखनऊ में ‘आई लव बुलडोजर’ के पोस्टर
इस पोस्टर वॉर के बीच 27 सितंबर को लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा मोर्चा के महासचिव अमित त्रिपाठी ने शहर के कई प्रमुख चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाए।
इन होर्डिंग्स पर ‘आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘आई लव बुलडोजर’ लिखा हुआ था।
इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एक बुलडोजर और अमित त्रिपाठी की अपनी तस्वीरें भी थीं।
‘बुलडोजर’ शब्द को राज्य सरकार द्वारा अवैध कब्जों और अपराधियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कार्रवाई अक्सर एक तरफा और विवादास्पद होती है।
ऐसे में, ‘आई लव बुलडोजर’ पोस्टर को सीएम योगी की नीतियों के समर्थन और ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टरों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
इसने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है।
‘आई लव मुहम्मद’ के जवाब में लखनऊ में लगे ‘I लव योगी आदित्यनाथ, I लव बुलडोजर’ के पोस्टर#Bareilly #बरेली #BareillyViolence #Bareillypolice #ILoveMuhammad #Muslim #Lucknow #UttarPradesh #UPPolice #BreakingNews
Bareilly | Arrested | Terrorist |pic.twitter.com/XtvdxP2Z1W— Chautha Khambha (@chauthakhamba) September 27, 2025
बरेली में हिंसा पर CM योगी का सख्त बयान
शुक्रवार को बरेली में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त एक्शन लेने की बात कही है।
उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, “मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो मानता था कि धमकी देंगे और जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा। कर्फ्यू भी नहीं लगने देंगे। ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां दंगा करना भूल जाएंगी।”
जब भी पर्व और त्योहार आते थे, उत्पात शुरू हो जाते थे। अब उत्पातियों और उपद्रवियों को पता लगेगा, उनको सात पीढ़ियां याद आएंगी। कभी-कभी लोगों की बुरी आदतें जाती नहीं हैं, इसलिए उनकी कायदे से डेंटिंग-पेंटिंग करानी पड़ती है…: #UPCM @myogiadityanath#UPYogiVision204 pic.twitter.com/kEDadUPi9T
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 27, 2025
उन्होंने आगे कहा कि उपद्रवियों पर ऐसी कार्रवाई होगी कि वे दोबारा ऐसी हरकत करने की सोच भी नहीं सकेंगे।
सीएम योगी ने प्रशासन को आदेश दिए हैं कि किसी भी उपद्रवी को बचने न दिया जाए और तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिशों को नाकाम करने के निर्देश दिए हैं।
जो जाति के नाम पर भावनाओं को भड़काते हैं, परिवार के नाम पर दोहन करते हैं,
इन्हीं के लिए हम लोगों ने बुलडोजर बनाया… pic.twitter.com/WwM1olmsMt
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 27, 2025
क्या हुआ था बरेली में
बरेली में शुक्रवार की नमाज के बाद इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा की अपील पर एक भीड़ सड़कों पर उतर आई थी।
मामला ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर को लेकर था।
पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
इसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की और भीड़ को तितर-बितर किया।
इस घटना में कई लोग हिरासत में लिए गए।
बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद बड़ा बवाल, ‘I Love Muhammad’ लिखे बैनर और पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे लोग#Bareilly #बरेली #BareillyViolence #BareillyIncident #ILoveMuhammad #Muslim #UttarPradesh #UPPolice #BreakingNews
Uttar Pradesh | Bareilly | Arrestedpic.twitter.com/Yq3mg5S0u3— Chautha Khambha (@chauthakhamba) September 26, 2025
पूरी खबर पढ़ें-
बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ जुलूस के दौरान हिंसा, नमाज के बाद हुआ पथराव तो पुलिस ने किया लाठीचार्ज
कानपुर से शुरू हुआ विवाद
इस पूरे विवाद की जड़ उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर है।
यहां 4 सितंबर को बारावफात (ईद मिलाद-उन-नबी) के मौके पर एक जुलूस निकाला गया।
इस जुलूस के दौरान एक समूह ने बिना किसी अनुमति के ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा एक बैनर या लाइटबोर्ड सड़क किनारे लगा दिया।
इस बैनर को लेकर स्थानीय हिंदू संगठनों ने तुरंत विरोध जताया।
उनका आरोप था कि यह जानबूझकर सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश है।
इस विरोध के बाद पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और बैनर को हटा दिया।
साथ ही, पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करते हुए 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
पुलिस का कहना था कि जुलूस के लिए पर्याप्त अनुमति नहीं ली गई थी और सार्वजनिक स्थान पर बिना इजाजत पोस्टर लगाना नियमों का उल्लंघन है।
उस समय लगा कि मामला शांत हो गया है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
विवाद ने पकड़ा जोर, दूसरे शहरों में फैली आग
कानपुर की इस घटना के बाद, यह विवाद सोशल मीडिया और राजनीतिक बयानबाजी के चलते पूरे प्रदेश में फैल गया।
कुछ दिनों के भीतर ही वाराणसी, आगरा, बरेली, लखनऊ जैसे शहरों में भी ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर और जुलूस देखने को मिले।
यह मामला अब सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आईं।
इसके जवाब में हिंदू संगठनों ने भी अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी।
Why is #IloveMahadev is not trending ?? pic.twitter.com/09vgZaiXdK
— Hinduism_and_Science (@Hinduism_sci) September 25, 2025
वाराणसी में संतों और कार्यकर्ताओं ने ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर लगाए।
उन्होंने शंखनाद करते हुए ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगाए। संतों ने कहा कि वे देश को किसी और रास्ते पर नहीं जाने देंगे।
उज्जैन जैसे शहरों में भी ‘आई लव महाकाल’ के पोस्टर लगे।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि मोहम्मद साहब से मोहब्बत हर मुसलमान के दिल में है, लेकिन इसे जताने के लिए सड़कों पर तमाशा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मस्जिदें नमाज के लिए हैं, न कि सड़कों पर उपद्रव के लिए।
अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बरेली की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम से मोहब्बत का सबसे बड़ा तरीका यही है कि किसी को तकलीफ न पहुंचाई जाए।
#WATCH बरेली (यूपी): कल ‘आई लव मुहम्मद’ विरोध प्रदर्शन और पथराव पर अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, “नमाज के बाद जो घटना हुई वो दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटनाएं नहीं होना चाहिए, किसी भी तरफ नहीं होनी चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए… pic.twitter.com/lup81dgpJx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2025
उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर से शुरू हुआ यह विवाद अब एक बड़े राजनीतिक मुद्दे में बदल चुका है।
एक तरफ सरकार और प्रशासन उपद्रव रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
पोस्टरों का यह ‘युद्ध’ सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में भी फैल चुका है।
अब देखना है कि प्रशासन की सख्त कार्रवाई और धार्मिक गुरुओं की अपीलें प्रदेश में शांति बहाल कर पाती हैं या नहीं।