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“ब्राह्मण बेटियों” पर IAS संतोष वर्मा के टिप्पणी से नाराज BJP-कांग्रेस, CM मोहन से की कार्रवाई की मांग

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

IAS Santosh Verma controversy: “ब्राह्मण बेटियों” पर मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के विवादित बयान का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।

अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में दिए गए उनके बयान को लेकर BJP और Congress दोनों दलों के ब्राह्मण नेताओं ने सख्त रुख अपनाया है।

BJP विधायक उमाकांत शर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो वह व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट जाएंगे।

विवाद क्या है?

23 नवंबर 2025 को भोपाल में हुए अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में संतोष वर्मा ने कहा था,

“जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” 

इस बयान को ब्राह्मण समाज के खिलाफ अपमानजनक और समाज में तनाव फैलाने वाला बताया जा रहा है।

BJP-Congress ने उठाई एक सुर में आवाज

इस मुद्दे पर BJP और Congress एक साथ आ गए हैं।

मंगलवार को दोनों पार्टियों के ब्राह्मण विधायकों और नेताओं का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिला।

प्रतिनिधिमंडल ने संतोष वर्मा के तत्काल निलंबन और उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा ऐसा बयान देना असंवेदनशील, अनुचित और प्रशासनिक सेवा के नैतिक मानदंडों का उल्लंघन है।

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Congress के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने किया, जबकि BJP की ओर से विधायक रीति पाठक, सीतासरण शर्मा, रमेश मेंदोला और अभिलाष पाण्डेय शामिल हुए।

BJP विधायक उमाकांत शर्मा का कड़ा रुख

सिरोंज से BJP विधायक उमाकांत शर्मा ने इस मामले में सबसे आक्रामक रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ हमारा लक्ष्य है। किसी भी बेटी का अपमान करना, अनैतिक, अभद्र और जाति विशेष के खिलाफ टिप्पणी करना सार्वजनिक अपराध है।” 

शर्मा ने आगे कहा कि उन्हें विश्वास है कि राज्य सरकार और केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय जल्द कार्रवाई करेगी, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट जाकर निजी परिवाद (इस्तगासा) पेश करेंगे।

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सरकार की कार्रवाई 

इस मामले में राज्य सरकार ने पहले ही संतोष वर्मा को नोटिस जारी कर दिया है।

26 नवंबर को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि उनका बयान आईएएस अधिकारियों से अपेक्षित आचार संहिता के अनुरूप नहीं है और यह अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता व गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है।

समाज में गहरा आक्रोश

संतोष वर्मा के बयान के बाद से प्रदेश के ब्राह्मण समाज में गहरा आक्रोश है।

नेताओं का कहना है कि यह बयान सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला और महिलाओं का अपमान करने वाला है।

उनका मानना है कि ऐसे अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी न कर सके।

आगे क्या होगा

अब सभी की निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह इस मामले में कितनी गंभीर और त्वरित कार्रवाई करती है।

एक तरफ सरकार ने नोटिस जारी कर प्रक्रिया शुरू की है, वहीं दबाव बनाने के लिए BJP के अपने ही विधायक कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं।

ऐसे में मामला और गर्माने की संभावना है।

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