IAS Santosh Verma controversy: मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा एक बार फिर चर्चा में हैं।
उनका एक नया विवादित वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने खुद को ‘माई का लाल’ बताते हुए, अजाक्स संगठन और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अजाक्स संगठन पर सीधा हमला
वीडियो में संतोष वर्मा ने अजाक्स संगठन के बड़े पदाधिकारियों पर गैरजिम्मेदार होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जब मौका मिला, तब इस संगठन के लोगों ने बहाने बनाकर उनका साथ नहीं दिया।
वर्मा ने यह भी कहा कि रिटायरमेंट के बाद अजाक्स के लोग अगर चुनाव लड़ने की सोचेंगे, तो वह उनके रास्ते का रोड़ा बनेंगे।

‘बदले की भावना से हो रहा है काम’
आईएएस अधिकारी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ हमेशा बदले की भावना के साथ काम किया गया है।
उन्होंने इशारा दिया कि उनके खिलाफ हो रही कार्रवाइयों के पीछे व्यक्तिगत और संगठनात्मक स्तर पर साजिश हो सकती है।
उन्होंने 2016 का जिक्र करते हुए कहा कि तब वे ‘माई के लाल’ बने थे और आज उन्हें तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

पहले से विवादों में घिरे हैं संतोष वर्मा
बता दें कि संतोष वर्मा पहले ही ब्राह्मण बेटियों को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के कारण चर्चा में हैं।
इस पर कई हिंदू और ब्राह्मण संगठनों ने उनके खिला़फ मोर्चा खोल रखा है और उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।
इस मामले में राज्य सरकार ने भी केंद्र सरकार को कार्रवाई का प्रस्ताव भेज दिया है।

“SC/ST के बच्चों को सिविल जज नहीं बनने दे रहा हाईकोर्ट”
इसके अलावा संतोष वर्मा ने ये दावा भी किया था कि हाईकोर्ट अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के बच्चों को सिविल जज बनने से रोक रहा है।
एक सम्मेलन में भाषण देते हुए अधिकारी ने कहा था कि, “एससी-एसटी समुदाय के युवा आईएएस, आईपीएस, डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे उच्च पद हासिल कर लेते हैं, लेकिन सिविल जज नहीं बन पाते।
उन्होंने सवाल उठाया, “हमारा बच्चा क्लैट (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) क्लियर करके एलएलबी-एलएलएम करता है, दूसरी बड़ी सेवाओं में चयनित होता है, उसके 75% से अधिक अंक आते हैं, फिर सिविल जज की परीक्षा में वह 50% अंक भी क्यों नहीं ला पाता?”
वर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है।


