Tirupati Laddu And Atonement: तिरूपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डू के प्रसाद में चर्बी मिले घी के इस्तेमाल के बाद देशभर में बहस छिड़ी हुई है।
मामले में जहां जांच की बात की जा रही है, वहीं राजनीति भी हो रही है और इल्जाम भी लगाए जा रहे हैं।
इसी विवाद के बीच अब सवाल भी उठ रहे हैं कि जिन्होंने भी वो लड्डू खाया है उनका धर्म तो कहीं भ्रष्ट नहीं हो गया।
ऐसे में क्या उपाय किए जाएं और शास्त्रों में प्रायश्चित का क्या तरीका है? आईए जानतें हैं –
बागेश्वर धाम ने बताया प्रायश्चित का उपाय
कुछ दिनों विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में पशु चर्बी के मिलावट की बात सामने आई थी।
ये खबर सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। लाखों भक्त सदमे में हैं जिन्होंने इस प्रसाद को खाया है।
अब जिन्होंने इस का प्रसाद को ग्रहण किया है, उसके मन में यही सवाल चल रहा है कि अपने पाप का प्रायश्चित कैसे करें?
काशी में सनातनी पद्धती और धार्मिक अनुष्ठानों के जरिए शुद्धिकरण किया जा रहा है।
वहीं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पाप के प्रायश्चित का उपाय बताया है।
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जानवरों की चर्बी वाला प्रसाद खाया तो 9 दिन करें ये काम
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के मुताबिक जिन लोगों ने तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद खाया हैं।
उन्हे 9 दिन का प्रायश्चित करना चाहिए इससे उनकी आस्था पुन: पवित्र होगी।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने मांग की है तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में चर्बी मिलाने वालों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
साथ ही उन्होंने सनातन हिन्दू बोर्ड बनाने की भी वकालत की है।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि धर्म विरोधी ताकतें हिंदू समाज को भटकाने का और धर्म भ्रष्ट करने की साजिश रची जा रही है।
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किसी भी मंदिरों में ना हो तिरुपति जैसी घटना
तिरूपति बालाजी मंदिर में बंटने वाले लड्डुओं में चर्बीयुक्त घी के इस्तेमाल के खुलासे से सनातनधर्मियों में रोष व्याप्त है।
मामला सामने आने के बाद तिरूपति बालाजी मंदिर को भी धार्मिक अनुष्ठानों से पवित्र किया गया है।
मंदिर प्रबंधन ने पुष्टि की है कि मंदिर की व्यवस्थाएं अब पुन: ठीक कर ली गई हैं, लड्डू बनाने में अब शुद्ध देशी घी का ही इस्तेमाल हो रहा है।
मध्य प्रदेश में भी डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने सुनिश्चित किया है कि मध्य प्रदेश में तमाम मंदिरों में बनने और बंटने वाले प्रसाद की गुणवत्ता सतत निगरानी और जांच के इंतजाम पुख्ता किए जाएं।
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