Ram Lala Winter Routine: देश के कई राज्यों में सर्दी ने दस्तक दे दी है। उत्तर प्रदेश में भी सर्दी अपना असर दिखा रही है।
ऐसे में अयोध्या में राम लला को भी ठंड से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं, जो 20 नवंबर से शुरू भी हो गए हैं।
आइए जानते हैं बालक राम के लिए सर्दियों में क्या खास इंतजाम किए गए हैं।
गरम पानी से स्नान, ओढ़ेंगे गरम रजाई
बदलते मौसम के साथ आम लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव होते हैं, जैसे गरम पानी से नहाना, कंबल ओढ़ना।
इसी तरह अयोध्या में भी अब राम लला को स्नान कराने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल किया जाएगा और उन्हें गरम रजाई भी ओढ़ाई जाएगी।
प्रभु श्री रामलला सरकार के अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने के उपरान्त यह पहली शीत ऋतु है। इसी के दृष्टिगत अब प्रभु सौम्य ऊनी वस्त्र धारण करना प्रारंभ करेंगे।
आज के शुभवस्त्रम् में विशेष रूप से गुजरात की पटोला इक्कत सिल्क से बने पटुका और लद्दाख के पश्मीना से निर्मित अंग्वस्त्र… pic.twitter.com/GbHOzbenpq
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) November 20, 2024
इसकी शुरुआत 20 नवंबर को अगहन पंचमी के साथ हो चुकी हैं।
भोग में भी हुआ परिवर्तन, पिएंगे बादाम वाला दूध
इतना ही नहीं भगवान श्री राम के भोग में भी बदलाव हुए हैं, जिसमें ठंडी चीजों को हटाकर गर्माहट देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल किए गए हैं। जैसे- मेवे, सूखे फल, और गर्म मसाले।
वैसे तो प्रभु राम को रबड़ी या पेड़े का भोग लगाया जाता है। लेकिन अब ड्राई फ्रूट्स जैसे रबड़ी भी उसमें शामिल किया जा रहा है।
साथ ही बादाम और पिस्ता मिलाकर गर्म दूध का भोग भी राम लला को लगाया जा रहा है और भोजन में पूरी, सब्जी और हलवा परोसा जा रहा है।
राम लला के लिए खास ऊनी वस्त्र
राम लला के लिए कपड़े डिजाइन करने वाले मनीष त्रिपाठी ने बताया कि बालक राम के लिए अब ठंड के हिसाब से कपड़े सिलाए जा रहे हैं।
20 नवंबर से राम लला को सिर्फ गर्म या ऊनी वस्त्र ही पहनाए जाएंगे। उन्हें लद्दाख की पश्मीना शाल और उत्तराखंड के ऊनी वस्त्र ओढ़ाए जाएंगे।
सालों से चली आ रही है परंपरा
ये परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। जहां बदलते मौसम के साथ ही श्री राम की दिनचर्या और खान-पान में बदलाव होता है।
बालक रूप में विराजे हैं श्री राम
अयोध्या के मंदिर में प्रभु श्री राम 5 साल के बालक स्वरूप में विराजमान हैं। ये उनकी जन्मभूमि है। इसलिए उनकी पूजा और आराधना एक बालक की तरह की जाती है।