Bangladesh Illegal Migrant MP: भारत सरकार ने बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध आप्रवासियों की पहचान करने के लिए एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 दिनों के भीतर इन देशों के नागरिकों के दस्तावेजों की जांच करने का आदेश दिया है।
मध्य प्रदेश में भी इस निर्देश का पालन किया जाएगा।
रामेश्वर शर्मा का बड़ा बयान
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए जरूरी है।
उन्होंने बताया कि थाना स्तर पर बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
अगर किसी के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, तो उन्हें देश से निर्वासित किया जा सकता है।
अब बिना वैध दस्तावेज के देश में कोई नहीं रहेगा।
भारत ने बांग्लादेशी सामानों पर प्रतिबंध लगाए
इस बीच, भारत सरकार ने बांग्लादेश से होने वाले आयात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं।
यह कदम बांग्लादेश की हालिया व्यापार नीतियों और भारत-विरोधी बयानों के जवाब में उठाया गया है।
किन सामानों पर प्रतिबंध लगे हैं?
भारत ने बांग्लादेश से निम्नलिखित सामानों के आयात पर रोक लगा दी है:
- रेडीमेड कपड़े (शर्ट, पैंट, टी-शर्ट)
- प्रोसेस्ड फूड (बिस्किट, चिप्स, कन्फेक्शनरी)
- कार्बोनेटेड और एनर्जी ड्रिंक्स
- प्लास्टिक उत्पाद (बाल्टी, खिलौने, फर्नीचर)
- कॉटन वेस्ट और इंडस्ट्रियल कॉटन बाय-प्रोडक्ट्स
- लकड़ी के फर्नीचर (सोफा, बेड, टेबल)
इन सामानों को अब भारत में सीमा स्थलों (लैंड पोर्ट्स) के जरिए आयात नहीं किया जा सकेगा।
बांग्लादेश को अब समुद्री मार्ग (मुंबई या कोलकाता बंदरगाह) से ही इन वस्तुओं का निर्यात करना होगा, जिससे उनकी लागत बढ़ जाएगी।
भारत ने यह कदम क्यों उठाया?
बांग्लादेश की व्यापार नीतियां: अप्रैल 2025 में, बांग्लादेश ने भारतीय यार्न (धागा) के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया और भारतीय ट्रकों को कस्टम क्लीयरेंस में देरी करने लगा।
भारत-विरोधी बयान: बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने चीन में एक भाषण में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को “सेवन सिस्टर्स” कहा और कहा कि ये क्षेत्र बांग्लादेश पर निर्भर हैं। इससे भारत सरकार नाराज़ हो गई।
चीन का प्रभाव: बांग्लादेश में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए चिंता का विषय है।
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
रेडीमेड गारमेंट सेक्टर को झटका: बांग्लादेश से भारत को 700 मिलियन डॉलर (लगभग 6,000 करोड़ रुपये) के कपड़े निर्यात होते हैं। समुद्री मार्ग से आयात करने पर लागत बढ़ेगी, जिससे बांग्लादेशी उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
नौकरियों पर खतरा: गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग और फर्नीचर उद्योग में हजारों मजदूरों की नौकरियां जा सकती हैं।
विदेशी मुद्रा की कमी: बांग्लादेश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। निर्यात घटने से उसकी विदेशी मुद्रा भंडार और कम होगी।
भारत को क्या फायदा होगा?
घरेलू उद्योगों को बढ़ावा: भारतीय कपड़ा, फूड और फर्नीचर उद्योग को फायदा होगा, क्योंकि बांग्लादेशी सामान कम मात्रा में आएंगे।
सुरक्षा चिंताओं का समाधान: अवैध प्रवासियों की जांच से आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी।
कुलमिलाकर भारत सरकार का यह कदम बांग्लादेश को एक स्पष्ट संदेश देता है कि वह व्यापार और सुरक्षा मामलों में कोई समझौता नहीं करेगा।
यह निर्णय देश की आर्थिक और सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।