How Can India Take Back POK: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को भारत कब वापस हासिल करेगा?
ये सवाल करोड़ों भारतीयों से मन में कई सालों से है।
वहीं फिलहाल ये मुद्दा जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भी छाया रहा।
कई बार तो देश के रक्षा मंत्री से लेकर गृह मंत्री तक POK को लेकर कई मौकों पर बयान दे चुके हैं।
तो आईए जानते हैं वो तरीके जिनसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत वापस हासिल कर सकता है।
POK को वापस लेने की उम्मीद फिर चढ़ी परवान
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का मुद्दा जम्मू कश्मीर विधानसभा में छाया हुआ है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी रैली में कहा था कि POK के निवासियों को भारत का हिस्सा बनना चाहिए, हम उन्हें अपना मानते हैं।
राजनाथ सिंह ने POK के लोगों से कहा कि पाकिस्तान आपको विदेशी मानता है।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तो संसद में पाकिस्तान को मैसेज भी दे चुके हैं।
इसके अलावा POK का मुद्दा अमित शाह की चुनावी रैलियों का हिस्सा रहा है।
उन्होंने कई मौकों पर कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है और हम इसे वापस लेंगे।
अब इस तरह के बयानों के बाद से रह-रहकर POK को वापस लेने की उम्मीद परवान चढ़ने लगी है।
जानिए क्या कहता है पाकिस्तान का संविधान
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जो बयान है वो पाकिस्तान का संविधान भी कहता है।
उसके मुताबिक, POK विदेशी जमीन है, वो पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है।
यही नहीं पाकिस्तान सरकार भी कोर्ट में ये मान चुकी है।
पाकिस्तान सरकार ने 31 मई 2024 को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कहा था कि POK विदेशी जमीन है।
वहीं बात अगर पाकिस्तान के संविधान की करें तो आर्टिकल 1 कहता है कि पाकिस्तान में बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध प्रांत हैं।
उसके संविधान में POK जिसको वो आजाद कश्मीर कहता है, उसका कोई जिक्र नहीं है।
पाकिस्तान ने संविधान में इसका जिक्र आर्टिकल 257 में किया है।
इसमें कहा गया है कि POK पाकिस्तान का हिस्सा तब ही होगा जब वहां के लोग हमसे जुड़ना चाहेंगे।
POK को इन तरीकों से वापस ले सकता है भारत
अब सवाल ये कि भारत POK को वापस कैसे ले सकता है? इसके लिए कई तरीके हैं, जैसे –
1 – पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव –
पहला तरीका है पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना।
संयुक्त राष्ट्र या अन्य किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को जवाब देता रहा है।
यही नहीं वो पीओके में पाकिस्तान के कब्जे का मुद्दा भी उठाता रहा है।
POK में ह्यूमन राइट्स के उल्लंघन पर वो पाकिस्तान को घेरता रहा है।
यूएन और अन्य संगठनों के मंच से भारत को अपने बयानों में तेजी लानी होगी और उन मंच के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा।
2 – पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता –
दूसरा और अहम तरीका द्विपक्षीय वार्ता हो सकता है।
कई देशों का मानना है कि जब तक भारत और पाकिस्तान साथ में बैठकर बात नहीं करेंगे तब तक कोई हल नहीं निकलेगा।
पाकिस्तान आतंक के साथ-साथ वार्ता करना चाहता है लेकिन भारत का कहना है कि पहले आतंक खत्म हो फिर हम बात करेंगे।
भारत ने हर बार रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश की है।
नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब वह पाकिस्तान भी गए थे।
लेकिन पाकिस्तान को रिश्ते सुधारना पसंद नहीं है, वो आतंक को बढ़ावा देता रहा है।
3 – भारत का ताकतवर देशों से गठबंधन –
इसके अलावा एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत को ताकतवर देशों के साथ गठबंधन बनाकर रखना चाहिए, भारत इस मामले में पाकिस्तान से कहीं आगे भी है।
जितने भी ताकतवर देश हैं उनसे भारत का संबंध बेहद अच्छा है, चाहे अमेरिका हो या रूस, उसके साथ भारत का अलग गुट भी है।
4 – कानूनी और संवैधानिक कदम –
भारत ने हमेश कहा है कि पीओके उसका हिस्सा रहा है।
इसे लेकर 1947 में महाराजा हरि सिंह ने एक हस्ताक्षर भी किया था।
भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर उस कानूनी स्थिति का हवाला दे सकता है।
5 – सैन्य ऑपेरशन –
सैन्य ऑपरेशन भी वो तरीका है जिससे भारत पीओके को वापस ले सकता है, लेकिन ये आखिरी विकल्प होना चाहिए।
जंग में दोनों देशों को नुकसान होता है, वहीं जंग अर्थव्यवस्था को कमजोर करती है।
6 – ‘आंदोलन’ सबसे बेहतर विकल्प –
सबसे बेहतर विकल्प लोगों का आंदोलन हो सकता है।
भारत पीओके के लोगों के साथ एक आंदोलन की शुरुआत करे या जो आंदोलन चल रहे हैं उन्हें और मजबूत करे।
ये मजबूत तब ही हो सकता है जब पीओके के लोगों को लगेगा कि भारत के साथ होने पर ज्यादा फायदा है।
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