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भारत आर्थिक महाशक्ति बनने के रास्ते पर : हरिवंश

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India Becomes Economic Superpower: वर्धा। राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि भारत आर्थिक महाशक्ति बनने के रास्ते पर है। उन्होंने कहा कि आर्थिक समृद्धि प्राप्‍त होने पर भारत का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल होगा। श्रम, उद्योग और उद्यम ही भारत के भविष्‍य की दिशा तय करेगा।

हरिवंश बुधवार को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा में आयोजित ‘भावी दुनिया में भारत’ विषय पर विशेष व्‍याख्‍यान दे रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने की।

राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश ने आगे कहा कि बिना आर्थिक रूप से सफल हुए कोई भविष्‍य नहीं है। यह अस्तित्‍व से जुड़ा सवाल और पहली बुनियादी सोच है। भारत को सोने की चिडि़या का देश कहा जाता था। इतिहास में हम समृद्ध थे, यही धारणा इस कथन के पीछे थी।

India Becomes Economic Superpower: उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सन 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्‍प लिया है। इस संकल्‍प की पूर्ति के लिए हमें 13.5 आर्थिक विकास की दर से आगे बढ़ना होगा। इससे हम आर्थिक रूप से समृद्ध तो होंगी ही, हमारी सारी समस्‍याएं भी हल होंगी।

कोविड़ विपदा का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि इस विपदा का सामना करने के लिए भारत ने महज 9 महीने के भीतर दो-दो टीके बनाए। हममें क्षमता है यह दिखा दिया। अर्जुन के लक्ष्‍य की तरह हमारी नज़र अपने ध्‍येय को साकार करने के लिए होनी चाहिए। मिलकर काम करने से हम नये भारत का निर्माण कर सकते हैं। आज हम तेज उभरती अर्थव्‍यवस्‍था में से एक हैं। यदि हम 2024 तक 55 ट्रिलियन डालर की अर्थव्‍यवस्‍था हासिल करते हैं तो इससे रोजगार में निश्चित ही वृद्धि होगी।

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India Becomes Economic Superpower: उन्‍होंने भविष्‍य के भारत में युवाओं की भूमिका का उल्‍लेख करते हुए कहा कि पूरे भारत में स्‍टार्टअप का माहौल बना हुआ है। युवा रोजगार सृजन करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारी मेधा अनेक बड़ी बड़ी कंपनियों में सेवाएं दे रही हैं।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में चंद्रयान, मंगलयान और आदित्‍य एल-1 के कारण हम दुनिया में अग्रणी हो रहे हैं। इस क्षेत्र ने 20 हजार करोड़ से भी अधिक का आर्थिक योगदान दिया है। कृषि उद्योग, खिलौना उद्योग में भी हमारा निर्यात बढा है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह दुनिया को बदल देगा। इसमें अभिशाप भी है और अवसर भी। सेमी-कंडक्‍टर निर्माण में भी हम अग्रसर हो रहे है। विकास-विकास और विकास ही लक्ष्‍य हो तब हम आने वाले दिनों में दुनिया में अग्रणी होंगे।

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India Becomes Economic Superpower: उन्‍होंने युवाओं से आह्वान किया वे अपना राष्‍ट्रीय लक्ष्‍य तय करें। अपने भाषण में उन्‍होंने महात्‍मा गांधी, चाण्‍यक्‍य, मार्क्‍स, बसवेश्‍वर, स्‍वामी विवेकानंद से लेकर एपीजे अब्‍दुल कलाम, नारायण मूर्ति, अजिम प्रेमजी आदि भारत के निर्माताओं के प्रेरक उद्धरणों का उल्‍लेख करते हुए रा‍ष्‍ट्रीय शिक्षा नीति, राजनीति, कौशल भारत आदि विषयों पर अपने विचार रखे।

अध्‍यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह ने कहा कि हमें अपनी विरासत और संस्‍कृति का स्‍मरण करते हुए आगे बढ़ना है। हमें नेतृत्‍वकारी भूमिका निभानेवाले लोगों के कार्य सामने रखने होंगे। उन्‍होंने कहा कि पश्चिम की यात्रा शक्तिपथ पर ले जाती है तो भारत की यात्रा मुक्ति पथ पर ले जाती है।

विषय परिवर्तन करते हुए शिक्षा विभाग के अधिष्‍ठाता प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि भारत ने युद्ध नहीं बल्कि बुद्ध के संदेश को पूरी दुनिया में पहुचाया है। हमारी चितंन परंपरा दुनिया को भविष्‍य का रास्‍ता दिखाती है।

स्‍वागत भाषण जनसंचार विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो. कृपाशंकर चौबे ने किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सिंह ने हरिवंश का शॉल, सूतमाला एवं विश्‍वविद्यालय का प्रतीक चिन्‍ह भेंट कर स्‍वागत किया। वर्धा के जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने हरिवंश का पुष्‍पगुच्‍छ देकर स्‍वागत किया।

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