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ये क्या हुआ? अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को छात्रों ने कोर्ट में घसीटा, जानें वजह

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Student Sues Donald Trump: अपने फैसलों से पूरी दुनिया की नाक में दम करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) खुद कुछ छात्रों से परेशान हो गए।

दरअसल, एक भारतीय स्टूडेंट और अन्य तीन छात्रों ने इस वक्त ट्रंप प्रशासन में खलबली मचा रखी है।

अमेरिका के मिशिगन राज्य में एक भारतीय छात्र और तीन अन्य विदेशी छात्रों ने स्टूडेंट वीजा (F-1 स्टेटस) रद्द किए जाने के खिलाफ अदालत में केस दायर किया है।

इनमें भारतीय छात्र चिन्मय देवरे, चीन के दो छात्र जियांगयुन बु और क्यूई यांग और नेपाल के योगेश जोशी शामिल हैं।

बिना जानकारी दिए वीजा स्टेटस कैंसिल

इन छात्रों का कहना है कि अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) और इमिग्रेशन विभाग (ICE) ने बिना कोई जानकारी दिए और बिना किसी सही कारण के उनका वीजा स्टेटस कैंसिल कर दिया है।

उन्होंने बताया कि अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की जानकारी रखने वाले SEVIS सिस्टम में उनका स्टेटस अचानक और गलत तरीके से खत्म कर दिया गया।

इसलिए उन्होंने अब इसके खिलाफ संघीय अदालत में मुकदमा किया है।

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Indian student Chinmay Dev

अदालत में क्या बोले छात्र

अमेरिका में पढ़ाई करने गए इन चारों छात्रों ने अदालत में कहा है कि उनका स्टूडेंट वीजा अचानक रद्द कर दिया गया।

मगर इससे पहले उन्हें न तो कोई नोटिस मिला और न ही कोई कारण बताया गया।

छात्रों का कहना है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और न ही इमिग्रेशन (आव्रजन) के नियमों का उल्लंघन किया है।

वे कभी किसी राजनीतिक गतिविधि में भी शामिल नहीं हुए।

छात्रों ने यह भी बताया कि कुछ को सिर्फ छोटे-मोटे ट्रैफिक चालान या चेतावनी मिली थी, लेकिन ऐसे मामलों को वीजा रद्द करने की वजह नहीं माना जा सकत।

ACLU ने जारी किया बयान

छात्रों की मदद कर रही संस्था अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन मिशिगन (ACLU) ने कहा है कि सरकार की यह कार्रवाई गलत और गैरकानूनी है।

इस मामले में ACLU की वकील रामिस वदूद ने कहा कि सरकार की ऐसी सख्त और गलत नीतियों से न सिर्फ छात्रों का जीवन प्रभावित होता है बल्कि इससे अमेरिका की शिक्षा प्रणाली की छवि भी खराब होती है।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटनाएं होती रहीं तो आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई करने से डर सकते हैं।

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सवालों के घेरे में है ट्रंप की नीतिया

इस वक्त ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीतियों की वजह से अमेरिका में पढ़ रहे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्र परेशान हो रहे हैं।

कई छात्रों का वीजा बिना सूचना के खत्म कर दिया गया है या उन्हें देश से बाहर भेजने (डिपोर्ट) का नोटिस मिल रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई बीच में रुकने का खतरा बन गया है।

छात्रों को डर है कि उन्हें किसी भी समय हिरासत में लिया जा सकता है या देश से निकाल दिया जा सकता है।

इससे फैसले टैरिफ नियमों को लेकर भी दुनिया भर में ट्रंप की आलोचना हो रही है।

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