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Indigo crisis: सैकड़ों फ्लाइट रद्द होने के बाद बैकफुट पर आया DGCA, वापस लिया वीकली रेस्ट नियम

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Indigo Flight Cancellations: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो पिछले चार दिनों से गंभीर संकट से जूझ रही है।

इस संकट के कारण देशभर के प्रमुख हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल है, हज़ारों यात्री फंसे हुए हैं और एयरलाइन ने अब तक 1200 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी हैं।

यह मुद्दा अब संसद तक पहुंच गया है, जहां विपक्ष ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस संकट से निपटने के लिए क्रू सदस्यों के साप्ताहिक अवकाश संबंधी नियम को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है।

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चार दिन से जारी है अफरातफरी, यात्रियों को भारी परेशानी

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद समेत देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर पिछले चार दिनों से भारी भीड़ और अव्यवस्था देखी जा रही है।

शुक्रवार को भी इंडिगो ने 500 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, जिसमें दिल्ली से उड़ने वाली सभी घरेलू उड़ानें शामिल हैं।

यात्रियों को फ्लाइट रद्द होने की सूचना समय पर नहीं मिल रही है, जिसके कारण कई लोग 24 घंटे से अधिक समय से एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं।

एयरपोर्टों पर पानी, खाना और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए भी समस्या उत्पन्न हो गई है।

कई स्थानों पर यात्रियों और एयरलाइन स्टाफ के बीच तनावपूर्ण स्थिति देखी गई, कहीं-कहीं मारपीट की नौबत भी आ गई।

DGCA ने वापस लिया विवादास्पद नियम, मिली राहत

इस संकट के बीच DGCA ने एक बड़ा फैसला लेते हुए क्रू सदस्यों के साप्ताहिक विश्राम संबंधी नियम को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है।

इस नियम के तहत क्रू सदस्यों को साप्ताहिक आराम के स्थान पर कोई अन्य अवकाश नहीं दिया जा सकता था।

DGCA ने कहा कि यह निर्णय एयरलाइनों से प्राप्त अभ्यावेदन और परिचालन की निरंतरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता को देखते हुए लिया गया है।

इससे पहले, DGCA ने 1 नवंबर से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियम लागू किए थे, जिसमें पायलटों और क्रू सदस्यों के लिए साप्ताहिक आराम का समय बढ़ाया गया था और रात की लैंडिंग को सीमित किया गया था।

इन नियमों का उद्देश्य उड़ान सुरक्षा को बढ़ाना था, लेकिन इसके कारण एयरलाइनों को पायलटों की कमी का सामना करना पड़ा।

पायलटों की कमी है संकट की मुख्य वजह

इंडिगो इस समय गंभीर क्रू शॉर्टेज (स्टाफ की कमी) का सामना कर रही है।

कंपनी के पास देश में सबसे बड़ा विमान बेड़ा है और वह प्रतिदिन लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है।

DGCA के नए नियम लागू होने के बाद बड़ी संख्या में पायलट अनिवार्य आराम अवधि के कारण ड्यूटी पर नहीं आ सके, जिससे उड़ानों का रद्द होना शुरू हो गया।

DGCA के अनुसार, नवंबर महीने में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें से 755 उड़ानें सीधे तौर पर FDTL नियमों के कारण रद्द हुईं।

केवल मंगलवार को ही 1,400 उड़ानें देरी से संचालित हुईं।

इंडिगो ने DGCA से अस्थायी रूप से FDTL नियमों में छूट की मांग की थी और कहा था कि परिचालन सामान्य करने में उन्हें तीन महीने का समय लग सकता है।

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संसद में गूंजा मुद्दा, राजनीतिक बहस तेज

इंडिगो के संकट ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि यह संकट सरकार के ‘मोनोपॉली मॉडल’ का नतीजा है और एविएशन सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा खत्म हो रही है।

राज्यसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया, जहां कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस संकट के कारण यात्रियों के साथ-साथ सांसदों को भी अपने क्षेत्रों में जाने में परेशानी हो रही है।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इस मामले पर नागरिक उड्डयन मंत्री विस्तृत जवाब देंगे।

सरकार की नाराजगी और इंडिगो पर दबाव

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस पूरे मामले पर गहरी नाराजगी जताई है।

उन्होंने एक समीक्षा बैठक में कहा कि नए नियमों के लिए तैयारी का पर्याप्त समय था, फिर भी स्थिति इतनी गंभीर कैसे हो गई।

मंत्री ने इंडिगो को निर्देश दिए कि वह जल्द से जल्द फ्लाइट परिचालन सामान्य करे और यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न होने दे।

इसके अलावा, मंत्री ने स्पष्ट किया कि एयरलाइन हवाई किराया न बढ़ाए और फ्लाइट रद्द या देरी की स्थिति में यात्रियों को होटल, भोजन और अन्य सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराए।

DGCA ने भी इंडिगो से क्रू भर्ती, प्रशिक्षण रोडमैप, रोस्टर पुनर्गठन और सुरक्षा योजना पर काम करने को कहा है, साथ ही हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

कब तक सामान्य होंगे हालात?

DGCA द्वारा नियम वापस लेने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इंडिगो का परिचालन जल्द ही सामान्य हो जाएगा।

हालांकि, कंपनी ने DGCA को बताया था कि पूरी तरह सामान्य स्थिति में आने में तीन महीने तक का समय लग सकता है।

इस बीच, इंडिगो ने यात्रियों से माफी मांगी है और कहा है कि वह जल्द से जल्द परिचालन सुधारने पर काम कर रही है।

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इस संकट ने भारतीय विमानन क्षेत्र की कुछ मौलिक समस्याओं को उजागर किया है।

पायलटों की कमी, नियमों में अचानक बदलाव और एकाधिकार की बढ़ती प्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

सरकार और नियामक संस्थाओं को भविष्य में इस तरह के संकटों से बचने के लिए बेहतर योजना और समन्वय की आवश्यकता होगी।

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