Supreme Court Indigo: इंडिगो एयरलाइंस में पिछले पांच दिनों से जारी फ्लाइट रद्द होने का संकट और गहरा गया है।
इस मामले ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है, जहां एक वकील ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
वहीं, एयरलाइन का कहना है कि उड़ान सेवाओं को सामान्य होने में अभी करीब 10 दिन और लग सकते हैं, जिससे हजारों यात्रियों की परेशानी बढ़ने की आशंका है।

देशभर के एयरपोर्ट्स पर हाहाकार:
आज भी देश के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स से इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द हुई हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट से 106, मुंबई से 109, हैदराबाद से 69 और पुणे से 42 फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं।
लखनऊ, अहमदाबाद, पटना और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों के एयरपोर्ट्स से भी कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
इससे यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं और उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया:
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए एक जांच समिति गठित करने की घोषणा की है।
मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि समिति यह पता लगाएगी कि गलती कहा और किससे हुई और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने सरकार पर यात्रियों को तत्काल राहत न मिल पाने का आरोप लगाया।
उन्होंने संकट से निपटने के लिए एयर इंडिया की उड़ानों की संख्या बढ़ाने और अन्य एयरलाइन्स से समन्वय करने की मांग की।
साथ ही, उन्होंने इस दौरान हवाई किराए में अचानक बढ़ोतरी (सर्ज प्राइसिंग) पर लगाम लगाने की भी बात कही।

रेलवे ने बढ़ाया सहयोग:
इंडिगो यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे ने राहत का हाथ बढ़ाया है।
रेलवे ने 37 ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़ने का फैसला किया है।
ये ट्रेनें देशभर में 114 से अधिक अतिरिक्त फेरे लगाएंगी, ताकि फ्लाइट रद्द होने से प्रभावित यात्री ट्रेन के जरिए अपनी मंजिल तक पहुंच सकें।

भविष्य में सुधार की उम्मीद:
हालांकि एयरलाइन ने सेवाएं सामान्य करने के लिए समय मांगा है, लेकिन अगले 10 दिन तक यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
इस संकट ने एयरलाइनों के परिचालन प्रबंधन और यात्री सुविधाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सभी की नजर अब सुप्रीम कोर्ट और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जांच समिति पर टिकी है कि वे इस समस्या का जल्द और स्थायी समाधान कैसे निकालते हैं।


