Indore Airport Rat Case: पूरे देश में स्वच्छता का परचम लहराने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक ऐसी घटना हुई है, जिसने सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
दिलचस्प बात ये है कि ये घटना किसी गली मोहल्ले में नहीं बल्कि इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट पर हुई, जो देश के टॉप एयरपोर्ट्स में शामिल है।
दरअसल, 23 सितंबर को इंदौर एयरपोर्ट पर एक यात्री के पैंट में चूहे ने घुसकर काट लिया था, जिसके बाद यात्री को एयरपोर्ट पर बेसिक मेडिकल सुविधाएं भी नहीं मिल पाई थी।
इस घटना के सामने आने के बाद एयरपोर्ट मैनेजमेंट ने कड़ा एक्शन लिया है।
डॉक्टर को हटाया, अस्पताल को नोटिस
इस घटना ने एयरपोर्ट प्रबंधन को हिलाकर रख दिया और उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
सबसे पहले, मेडिकल रूम में तैनात डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह को उनके कर्तव्यों का पालन न करने और यात्री के साथ संवेदनशीलता न बरतने के आरोप में ड्यूटी से हटा दिया गया।
उनके खिलाफ एक नोटिस भी जारी किया गया है।

‘पेस्ट कंट्रोल ऑफ इंडिया’ पर जुर्माना
दूसरा, एयरपोर्ट की सफाई और कीट नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी ‘पेस्ट कंट्रोल ऑफ इंडिया’ पर जुर्माना लगाया गया है और उन्हें एक नोटिस भी दिया गया है।
एयरपोर्ट के निदेशक वीके सेठ ने साफ कहा कि अगर भविष्य में सफाई या कीट नियंत्रण में कोई लापरवाही पाई गई या फिर ऐसी कोई घटना दोबारा हुई, तो कंपनी का अनुबंध फौरन कैंसिल कर दिया जाएगा।
साथ ही, एयरपोर्ट पर मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने वाले ‘अमलतास ग्रुप’ को भी एक कड़ी चेतावनी के साथ नोटिस भेजा गया है।

क्या हुआ था?
यह घटना 23 सितंबर की है। भोपाल के रहने वाले अरुण मोदी, जो एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं, अपनी पत्नी के साथ इंदौर से बेंगलुरु जाने वाली इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से यात्रा कर रहे थे।
फ्लाइट के समय से पहले ही वे एयरपोर्ट पहुंच गए और ग्राउंड फ्लोर के डिपार्चर हॉल में रिकलाइनर सीट पर आराम करने बैठ गए।
तभी अचानक एक चूहा उनकी पैंट के अंदर घुस गया।
अरुण मोदी घबरा कर उठे और उन्होंने बाहर से ही चूहे को पकड़ने की कोशिश की।
इस कोशिश के दौरान चूहे ने उनके घुटने के पीछे के हिस्से को काट लिया।
अरुण ने जल्दी से अपनी पैंट उतारी और चूहे को पकड़ लिया।
इस शोरगुल को सुनकर एयरपोर्ट का स्टाफ वहां पहुंचा और उन्हें एयरपोर्ट के मेडिकल रूम में ले गया।
मेडिकल रूम में नया संकट
अरुण मोदी के लिए असली मुसीबत तब शुरू हुई जब वे मेडिकल रूम पहुंचे।
चूहे के काटने के बाद सबसे जरूरी होता है रैबीज (हाइड्रोफोबिया) और टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना।
अरुण ने तुरंत अपने निजी डॉक्टर से फोन पर बात की, जिन्होंने उन्हें तुरंत रैबीज का इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी।
लेकिन हैरानी की बात यह थी कि इंदौर एयरपोर्ट के मेडिकल रूम में रैबीज का इंजेक्शन ही उपलब्ध नहीं था।
अरुण ने डॉक्टर से अनुरोध किया कि कम से कम एक प्रिस्क्रिप्शन (दवा की पर्ची) लिखकर दे दें ताकि वे बेंगलुरु पहुंचकर वहां इंजेक्शन लगवा सकें। डॉक्टर ने यह पर्ची लिखकर दे दी।
इसके बाद जब अरुण ने टिटनेस का इंजेक्शन लगाने का आग्रह किया तो शुरू में स्टाफ ने यह बताया कि वह इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं है।
अरुण की नाराजगी और एयरपोर्ट मैनेजर के हस्तक्षेप के बाद ही मेडिकल स्टाफ ने टिटनेस का इंजेक्शन लगाया।
पुरानी समस्या, नया विवाद
यह पहली बार नहीं है जब इंदौर एयरपोर्ट पर चूहों और गंदगी की शिकायतें सामने आई हैं।
इससे पहले भी कई यात्रियों ने एयरपोर्ट टर्मिनल के अंदर, खासकर फूड काउंटर्स के आस-पास, चूहों के दौड़ते देखे जाने की शिकायत की है।
कुछ यात्रियों ने तो इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं।
मच्छर, तिलचट्टे और आवारा कुत्तों की मौजूदगी की भी शिकायतें हो चुकी हैं।
हैरानी की बात यह है कि यह घटना उस समय हुई जब एयरपोर्ट पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा चल रहा था।
International airport Indore welcomes new guest – A rat. @SwachhIndore @IndoreCollector @comindore @jdjsindore pic.twitter.com/5XPZlaM4tj
— Author On Travel (@Shivimuskan) March 26, 2025
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने राजनीतिक स्तर पर भी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अमित चौरसिया ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इससे ‘स्वच्छ इंदौर’ की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने मांग की कि लापरवाही बरतने वाली सफाई एजेंसी को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाए।
इंदौर एयरपोर्ट की घटना एक चेतावनी की तरह है जो देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों के प्रबंधन के लिए एक सबक है