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इंदौर में 3 मंजिला इमारत ढही: दो की मौत-12 घायल, जानें कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Indore Building Collapse: सोमवार की रात इंदौर शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक, जवाहर मार्ग स्थित दौलतगंज में एक भीषण हादसा हो गया।

झंडा चौक के पास स्थित एक तीन मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई।

इस घटना में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 12 लोग घायल हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।

घटना के वक्त इमारत में करीब चार से छह परिवार रहते थे।

कैसे हुआ हादसा

रात करीब सवा नौ बजे का वक्त था। दौलतगंज के लोग आराम से सो रहे थे।

तभी अचानक एक भयानक धमाके के साथ वहां स्थित तीन मंजिला इमारत जमींदोज हो गई।

इमारत के गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आस-पास के लोग दहशत में आ गए।

मलबे में दबे लोगों की चीखें सुनकर इलाके में भगदड़ मच गई।

स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े, लेकिन भारी मलबे और उपकरणों के अभाव में फंसे लोगों को निकालना मुश्किल हो रहा था।

रेस्क्यू के लिए पहुंची SDRF की टीम

हादसे की सूचना मिलते ही इंदौर प्रशासन और पुलिस ने फौरन कार्रवाई की।

नगर निगम की रिमूवल टीम, पुलिस बल और एसडीईआरएफ (SDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गईं।

रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के लिए तीन जेसीबी मशीनें और एक पोकलेन क्रेन लगाई गईं।

मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसे हटाकर रेस्क्यू कार्य में आसानी के लिए बिजली की आपूर्ति भी काट दी गई।

तंग गलियों के चलते एम्बुलेंस का मलबे के पास तक पहुंचना असंभव था, इसलिए घायलों को स्ट्रेचर पर लिटाकर लोगों ने हाथों से जवाहर मार्ग तक पहुंचाया, जहां एम्बुलेंस खड़ी थीं।

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घंटों चला रेस्क्यू: मलबे में जिंदगी की तलाश

रेस्क्यू टीमों ने रातभर मलबे में फंसे लोगों को बचाने के कड़ी मेहनत की।

रात करीब 11:30 बजे तक मलबे के नीचे से एक महिला और दो बच्चों की आवाजें आ रही थीं।

उनकी चीखें सुनकर रेस्क्यूकर्मियों ने जहां से आवाज आ रही थी, वहां ऑक्सीजन छोड़ी और कंक्रीट के सरिए काटकर उन तक पहुंचने की कोशिश जारी रखी।

क्रेन की मदद से भारी स्लैब हटाए गए।

रात करीब 1 बजे तक 13 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था और उन्हें एमवाय अस्पताल पहुंचाया गया।

हालांकि, दुर्भाग्य से दो लोगों की जान नहीं बच सकी।

दो लोगों की मौत

मृतकों की पहचान 20 वर्षीय अल्फिया (पिता रफीउद्दीन) और फहीम के रूप में हुई है।

अल्फिया का शव रात करीब डेढ़ बजे निकाला गया, जबकि फहीम का शव मंगलवार सुबह चार बजे मलबे से बरामद किया जा सका।

करीब छह घंटे तक चले इस रेस्क्यू अभियान में प्रशासनिक अधिकारी और रेस्क्यू टीमें लगातार जुटी रहीं।

घायलों की स्थिति

इस हादसे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है।

घायलों में तीन महीने की मासूम बच्ची याशिरा, सात साल का बच्चा नबी अहमद और 60 वर्षीय रफीउद्दीन और 62 वर्षीय सैबुद्दीन शामिल हैं।

अधिकांश घायलों के सिर, छाती और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं।

सभी 12 घायलों को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां चार लोगों की हालत गंभीर चिंताजनक बनी हुई है।

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घायलों का इलाज जारी है और उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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हादसे का मुख्य कारण: बेसमेंट में सालों से जमा था पानी

प्रारंभिक जांच और स्थानीय लोगों के बयानों से पता चलता है कि यह हादसा लापरवाही और उपेक्षा का परिणाम था।

बताया जा रहा है कि इमारत के बेसमेंट में सालों से पानी भरा हुआ था।

इस पानी को कभी नहीं निकाला गया, जिसके कारण इमारत की नींव लगातार कमजोर होती गई।

आखिरकार, नींव के धंसने से पूरी इमारत भरभराकर गिर गई।

जानकारों के मुताबिक, यह इमारत करीब 10-15 साल पुरानी थी और इसके निर्माण में हुई लापरवाही भी एक कारण हो सकती है।

नगर निगम के अधिकारियों ने इसे एक अवैध निर्माण बताया है।

मकान मालिक सम्मू बाबा का है और इसमें किराएदार रह रहे थे।

किसी ने नहीं निकाला पानी, सबने झेला नतीजा

इस त्रासदी की सबसे दुखद बात यह है कि इसे टाला जा सकता था।

सूत्रों के अनुसार, संपत्ति को लेकर परिवार के सदस्यों के बीच चल रहे विवाद के कारण किसी ने भी बेसमेंट के पानी को निकालना उचित नहीं समझा।

एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहने की जिद ही आखिरकार इतनी बड़ी तबाही की वजह बनी।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: जांच का वादा, जिम्मेदारों पर कार्रवाई

हादसे की सूचना मिलते ही कलेक्टर शिवम वर्मा और पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह समेत प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।

उन्होंने रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव और स्थानीय विधायक गोलू शुक्ला भी घटनास्थल पर पहुंचे।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस दुर्घटना की विस्तृत जांच कराई जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इमारत की नींव कमजोर होने और बेसमेंट में पानी भरने की बात सामने आई है।

जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही, शहर में ऐसी अन्य पुरानी और खतरनाक इमारतों का सर्वे कराने पर भी विचार किया जा रहा है।

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