NHAI Removed Lawyer: इंदौर-देवास बायपास पर लगातार जाम और यातायात व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
इस दौरान एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने अपनी वकील अनीता शर्मा को केस से हटा दिया, जिन्होंने पहले विवादित बयान देते हुए कहा था कि
“लोग बिना काम के इतनी जल्दी क्यों निकलते हैं? जाम तो लगेगा ही।”
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने अचानक अपना वकील बदल दिया और दिल्ली की एमवी किनी फर्म के वकील को नियुक्त किया।
हाईकोर्ट ने नए वकील को अगली सुनवाई में शारीरिक रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने नई याचिका खारिज की, कंपनी को जवाब देने का समय दिया
इस मामले में पहले से ही एडवोकेट तनिष्क पटेल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है।
हाल ही में सीनियर एडवोकेट गिरीश पटवर्धन ने एक नई जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दिया कि
“जब पहले से ही इस मामले पर सुनवाई हो रही है, तो नई याचिकाओं की जरूरत नहीं है।”

इसके अलावा, बायपास पर फ्लाईओवर का निर्माण कर रही कंपनी डीजी बाहिलकर कोर्ट में अपना जवाब पेश नहीं कर पाई।
हाईकोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह का अतिरिक्त समय देते हुए 23 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
एनएचएआई का दावा: “जाम में मौतों की खबर भ्रामक”
इससे पहले, अर्जुन बरोदा क्षेत्र में जाम के कारण तीन लोगों की मौत की खबरें आई थीं।
लेकिन एनएचएआई ने जांच के बाद इन खबरों को गलत बताया है। प्राधिकरण का कहना है कि –
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एक व्यक्ति की मौत शाजापुर से इंदौर आते समय हुई थी, जिसका जाम से कोई संबंध नहीं है।
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दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है, जो बायपास जाम से असंबंधित है।
एनएचएआई ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूत्रों से जानकारी लेने की अपील की है।

एनएचएआई ने ट्रैफिक सुधारने का दावा किया
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने बताया कि अर्जुन बरोदा क्षेत्र में डायवर्जन मार्ग की मरम्मत पूरी हो चुकी है और अब यातायात सामान्य है।
उन्होंने कहा कि बायपास पर वाहनों की आवाजाही अब सुगम हो गई है और यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो रही है।
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि “हमने खुद जाम की समस्या को महसूस किया है” और एनएचएआई को इसका समाधान करने के निर्देश दिए थे।

आगे की कार्रवाई:
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अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
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एनएचएआई और कंस्ट्रक्शन कंपनी को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना होगा।
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हाईकोर्ट ने फिलहाल डायवर्जन व्यवस्था जारी रखने का आदेश दिया है।
इस मामले में जनता और अधिकारियों की नजरें अब 23 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें बायपास जाम का स्थायी समाधान ढूंढने की उम्मीद की जा रही है।