Indore Bridge Rat Case: इंदौर, मध्य प्रदेश का “स्वच्छ शहर” का तमगा अब चूहों के सामने फीका पड़ता नजर आ रहा है।
शहर के यातायात के लिहाज से अहम शास्त्री ब्रिज चूहों की भेंट चढ़ गया है।
रविवार की सुबह अचानक ब्रिज की सड़क का एक हिस्सा धंस गया, जिससे वहां 5 फीट गहरा और 6 फीट लंबा एक बड़ा गड्ढा बन गया।
इस घटना ने प्रशासन और आम जनता के होश उड़ा दिए हैं।
क्या हुआ था?
रविवार की सुबह, इंदौर के लगभग 72 साल पुराने शास्त्री ब्रिज पर अचानक सड़क धंस गई।
गांधी प्रतिमा से शास्त्री मार्केट की ओर आने वाली सड़क पर बने इस गड्ढे की वजह से पुल के पुराने सरिए (मजबूत धातु की छड़ें) तक दिखाई देने लगे।
यह दिन अवकाश का था, इसलिए वाहनों का आवागमन कम था और जिस वजह से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों ने तुरंत यातायात पुलिस को सूचना दी, जिसने मौके पर पहुंचकर बैरिकेडिंग कर दी और वाहनों को दूसरे रास्ते से भेजना शुरू कर दिया।

गड्ढे के पीछे की हैरान कर देने वाली वजह
जब नगर निगम की टीम मलबा डालकर गड्ढा भरने पहुंची, तो उनके सामने चौंकाने वाला राज खुला।
ब्रिज के नीचे करीब 20 से ज्यादा चूहों के बिल मिले।
जांच में पता चला कि चूहों ने लगातार पुल की मिट्टी और उसके आधार (बेस) को कुतर-कुतरकर इतना खोखला कर दिया था कि सड़क का वह हिस्सा अपना भार नहीं संभाल पाया और धंस गया।
नगर निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि पिछले 10 महीनों से यह इलाका अंदर ही अंदर कमजोर हो रहा था, लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि इसकी वजह चूहे हैं।

चूहों की बढ़ती संख्या की वजह क्या है?
स्थानीय अधिकारियों का मानना है कि इसकी एक बड़ी वजह ब्रिज के नीचे होने वाला रोजाना का भोजन वितरण है।
यहां रहने वाले भिक्षुक और खानाबदोश लोगों द्वारा छोड़ा गया खाना चूहों को बड़ी संख्या में आकर्षित करता है।
इस अतिरिक्त भोजन ने चूहों की आबादी को अनियंत्रित तरीके से बढ़ा दिया है, जिसके चलते उन्होंने पुल की दीवारों और आधार में कई सुरंगें बना ली हैं, जिससे पुल की संरचना कमजोर हुई है।
पहले भी इंदौर में हुआ चूहा कांड
यह इंदौर में चूहों का पहला आतंक नहीं है। पिछले कुछ महीनों में चूहों ने शहर को कई बार हिलाकर रख दिया है:
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एमवाई हॉस्पिटल त्रासदी:
3 सितंबर को, एमवाई हॉस्पिटल में दो नवजात शिशुओं की मौत की वजह चूहों का हमला पाया गया। एक मामले में तो चूहों ने एक नवजात की चारों उंगलियां तक खा ली थीं।
Rats Bite 2 Newborns’ fingers, head, shoulder inside ICU of a govt hospital in Indore. One of them died two days later. Maharaja Yashwantrao Chikitsalaya (MYH) is one of the biggest govt hospitals in Madhya Pradesh. pic.twitter.com/7f5NMCJ31s
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 3, 2025
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एयरपोर्ट पर हमला:
देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट के डिपार्चर लाउंज में एक यात्री की पैंट में घुसकर एक चूहे ने उसे काट लिया था।
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अग्निकांड:
23 अक्टूबर को, एक व्यवसायी के पेंटहाउस में चूहों के कारण एक दीया गिर गया, जिससे आग लग गई और उस व्यक्ति की मौत हो गई।
क्या कह रहा है प्रशासन और विपक्ष?
नगर निगम ने अब पेस्ट कंट्रोल (कीटनाशक अभियान) शुरू करने और फायर ब्रिजेड को सतर्क करने का आदेश दिया है।
साथ ही, जीएसआईटीएस के तकनीकी विशेषज्ञों से ब्रिज की पूरी तरह से जांच करवाने का फैसला किया गया है।
वहीं, विपक्ष ने इस घटना पर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस के नेता चिंटू चौकसे ने कहा कि रखरखाव के अभाव में शास्त्री ब्रिज दम तोड़ रहा है और महापौर शहर की सड़कों के गड्ढे ठीक करने का कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

शास्त्री ब्रिज का ऐतिहासिक महत्व
शास्त्री ब्रिज का निर्माण सन 1953 में हुआ था।
448 मीटर लंबे इस ब्रिज के निर्माण पर उस समय लगभग एक करोड़ रुपये की लागत आई थी।
यह ब्रिज पश्चिमी और पूर्वी इंदौर को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिससे रोजाना लाखों वाहन गुजरते हैं।
लगातार बढ़ते यातायात के बोझ और अब इस तरह की घटनाओं के बाद इस ब्रिज के स्थान पर एक नए ब्रिज की मांग और जोर पकड़ने लगी है।

एक गंभीर चेतावनी
शास्त्री ब्रिज का धंसना सिर्फ एक अलग घटना नहीं, बल्कि इंदौर शहर के “रॉडेंट कंट्रोल” यानी चूहा नियंत्रण सिस्टम की पूर्ण विफलता का संकेत है।
MY हॉस्पिटल से लेकर एयरपोर्ट और अब एक ऐतिहासिक पुल तक, चूहों का यह आतंक दर्शाता है कि स्वच्छता का खिताब जीतने के बाद भी शहर की मूलभूत समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह न सिर्फ इस ब्रिज को सुरक्षित करे, बल्कि पूरे शहर में एक प्रभावी और स्थायी कीट नियंत्रण व्यवस्था लागू करे, ताकि भविष्य में ऐसी कोई और दुर्घटना न हो।


