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इंदौर ट्रक हादसे में तीसरी मौत: नो-एंट्री जोन में घुसा था नशे में धुत ड्राइवर, 15 लोगों को मारी थी टक्कर

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Indore Truck Accident: इंदौर के एरोड्रम इलाके में सोमवार शाम सात बजे एक भयानक सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 15 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

यह हादसा ट्रक ड्राइवर की लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है, जिसने नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए ‘नो एंट्री’ वाले इलाके में प्रवेश किया और करीब एक किलोमीटर तक वाहनों और पैदल चलने वालों को कुचलता चला गया।

ड्राइवर के शरीर में शराब की इतनी अधिक मात्रा पाई गई, जो आमतौर पर 8-9 लोग मिलकर पीते हैं।

तीसरे शख्स की भी अस्पताल में मौत, पत्नी अब भी घायल

इस घटना में घायल हुए 45 वर्षीय महेश खतवास की मंगलवार सुबह अरविंदो अस्पताल में मौत हो गई।

यह इस हादसे में होने वाली तीसरी मौत है। महेश की पत्नी रचना अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।

इससे पहले, हादसे के समय ही 50 वर्षीय प्रोफेसर लक्ष्मीकांत सोनी और 62 वर्षीय सहायक कैलाश चंद्र जोशी की मौके पर ही मौत हो गई थी।

जोशी का शव पहचानने में भी काफी समय लगा क्योंकि वह ट्रक की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गए थे।

अब भी शहर के विभिन्न अस्पतालों— वर्मा यूनियन, बांठिया, भंडारी, अरविंदो और गीतांजलि—में 12 लोग भर्ती हैं।

घायलों में संदीप बिजवा, अनिल नामदेव, कुमारी दीक्षा, संस्कृति वर्मा, रजनी खतवास, पलक जोशी, अनिल कोठारी, अशोक गोपलानी, काजल गोपलानी, संविद डूडानी और अंकिता डूडानी शामिल हैं।

नशे में धुत ड्राइवर के खून में 857 mg शराब

हादसा रचने वाले ट्रक (MP09 ZP 4069) के ड्राइवर, जिसका नाम सोहेल बताया जा रहा है, को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

मेडिकल जांच में उसके खून में शराब की मात्रा 857 mg पाई गई, जो कि एक बेहद खतरनाक स्तर है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका मतलब है कि उसने करीब आधा लीटर शराब पी रखी थी।

यह मात्रा इतनी ज्यादा थी कि उसे किसी बात का होश नहीं रहा होगा।

गौरतलब है कि व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए शराब की कोई भी मात्रा अनुमेय नहीं है।

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आरोपी ड्राइवर

पुलिस ने पत्थर मारकर रोका

वायरलेस चौराहे पर तैनात ट्रैफिक कांस्टेबल पंकज यादव ने बताया कि उन्होंने ट्रक को तेजी से और टकराते हुए आते देखा।

चिल्लाकर रोकने का प्रयास करने पर भी वह नहीं रुका। ड्राइवर पूरी तरह नशे में दिख रहा था।

इस पर यादव ने सड़क से एक पत्थर उठाया और ट्रक की ओर फेंका।

पत्थर लगने पर ड्राइवर ने ब्रेक लगाया।

ट्रक के रुकते ही पुलिसकर्मी ने उसके केबिन में चढ़कर चाबी निकाल ली और ड्राइवर को पकड़ लिया।

सवाल: नो-एंट्री में घुसा कैसे ट्रक? 

यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 17 सितंबर को इंदौर दौरे को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।

इस घटना ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ‘नो एंट्री’ वाले जोन में यह ट्रक घुसा कैसे?

इसका जवाब देने की स्थिति में कोई भी अधिकारी नहीं दिख रहा है।

विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने ट्रक को रोका था, लेकिन किसी बड़े अधिकारी के कहने पर उसे जाने दिया गया।

सीएम नाराज, जांच के आदेश दिए

इस घटना से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव काफी नाराज और दुखी हैं।

उन्होंने तत्काल अपर मुख्य सचिव (ACS) गृह, शिवशेखर शुक्ला को इंदौर जाकर इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।

सीएम ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस घटना को दुखद बताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने धार में अपना कार्यक्रम रद्द करके इंदौर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।

उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी तय की जाएगी और नो-एंट्री नियम की अनदेखी कैसे हुई, इसकी जांच की जाएगी।

इंदौर की विधायक मालिनी गौड़, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और अन्य स्थानीय नेता भी घटनास्थल और अस्पतालों पर पहुंचे।

लोगों में गुस्सा, ट्रैफिक प्रबंधन पर उठे सवाल

इस घटना ने आम जनता में गुस्सा पैदा किया है।

लोग ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

उनका कहना है कि पुलिस का ध्यान सिर्फ चालान काटने पर होता है, जबकि यातायात प्रबंधन और सुरक्षा के मूल मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

हादसे के बाद से सोशल मीडिया पर भी प्रशासन की जमकर आलोचना हो रही है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल, मांगी मुआवजे की बड़ी रकम

इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने इस घटना को गंभीर और चिंताजनक बताया।

उन्होंने मांग की है कि मृतकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 25 लाख रुपये और सामान्य रूप से घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि मुख्यमंत्री के अपने जिले में ऐसी घटना कैसे हो सकती है।

ड्राइवर गिरफ्तार, जांच जारी

फिलहाल, ACS गृह की जांच का इंतजार है।

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने बताया कि ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।

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