Gang Of Fraudsters: इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने निवेश के नाम पर ठगी करने वाली अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है।
पुलिस ने 2 शातिर आरोपी गिरफ्तार किए है, जो अब तक करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर चुके है।
निवेश के नाम पर झांसा देकर करते थे ठगी
शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर ठगी करने वाली राजस्थान की अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा हुआ है।
इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने गैंग के दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपी 11 राज्यों में धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे चुके है।
आरोपियों के बैंक खाते में 6 करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक के ट्रांजैक्शन मिले है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी एक गैंग चलाते है, जिसमें और भी सदस्य शामिल है।
फिलहाल पकड़े गए दोनों आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।
गैंग के और सदस्यों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
पुलिस ने जल्द ही और आरोपियों के गिरफ्तार होने की संभावना जताई है।
फरियादी से 26 लाख रुपए से अधिक जमा कराए
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि फरियादी अमित उपाध्याय ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें किसी वाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया था।
लगातार चैटिंग और कॉलिंग के माध्यम से लुभावने वादे देकर पैसा डबल करने के नाम पर उनके साथ ठगी की गई।
ठगों ने फरियादी से विभिन्न बैंक खातों में 26 लाख रुपए से अधिक जमा कर लिए थे।
जब ठगी का एहसास हुआ और फरियादी ने उस नंबर पर कॉल किया तो सभी नंबर उन्हें बंद मिले।
फरियादी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, जिसमें विभिन्न तथ्य सामने आए।
पुलिस को एक खाता एसबीआई बैंक रतलाम का मिला, जिसमें 6.5 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन मिले।
खाताधारक विनय यादव को पुलिस ने पकड़ा और जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने अन्य साथी राहुल यादव की जानकारी दी।
विनय यादव को रतलाम और राहुल यादव को उदयपुर से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वह अच्छे मुनाफे का लालच देकर शेयर एडवाइजरी कंपनी में निवेश करवाते हैं।
निवेशकों को कुछ दिन में रुपये दोगुना करने का आश्वासन देते थे और जब अमाउंट खाते में आ जाता है तो वह अपना संपर्क तोड़ लेते हैं।
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