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ISRO ने रचा इतिहास, Earth Observation सैटेलाइट EOS-8 का हुआ सफल प्रक्षेपण

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Manish Kumar
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ISRO SSLV-D3 Launch: नई दिल्ली। धरती की निगरानी के लिए एसएसएलवी-डी3 मिशन (SSLV-D3) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

यह सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा से बाहर करीब 475 किमी ऊपर स्थापित किया गया।

यह एक साल तक काम करेगा। EOS-08​ सैटेलाइट का मकसद पर्यावरण और आपदा को लेकर सटीक जानकारी देना है।

ISRO SSLV-D3 Launch: एक दिन बाद हुआ लॉन्च – 

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इससे पहले ISRO ने 15 अगस्त को लॉन्चिंग की तारीख तय की थी। फिर इसे एक दिन बाद लॉन्च किया गया।

एसएसएलवी-डी3 के अंदर नया अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-8 लॉन्च किया गया है।

साथ ही एक छोटा सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी पैसेंजर सैटेलाइट भी रॉकेट से भेजा गया है।

ये दोनों सैटेलाइट्स धरती से 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक गोलाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएंगे।

ISRO SSLV-D3 Launch: उपग्रहों का वजन 175.5 KG – 

एसएसएलवी-डी3-ईओएस-08 मिशन में ले जाए गए उपग्रहों का वजन 175.5 किलोग्राम है।

ईओएस-08 मिशन के उद्देश्यों में माइक्रोसेटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना शामिल है।

ईओएस-08 में तीन पेलोड लगे हैं।

इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआइआर), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं।

ISRO SSLV-D3 Launch: निगरानी के लिए किया गया है डिजाइन – 

ईओआइआर पेलोड को उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी के लिए तस्वीरें खींचने के लिए डिजाइन किया गया है।

जीएनएसएस-आर समुद्र की सतह की हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, बाढ़ का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमता प्रदर्शित करेगा।

एसआईसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा।

इसरो लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के जरिये पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-08 को प्रक्षेपित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यह एसएसएलवी-डी3 की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान होगी।

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