Jabalpur Hospital Rat Case: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
जबलपुर स्थित विक्टोरिया (एल्गिन) जिला अस्पताल के हड्डी रोग (ऑर्थोपेडिक) वार्ड में चूहों का आतंक इतना बढ़ गया है कि वे मरीजों के बेड पर घूमते और उनके भोजन के डिब्बों (टिफिन) तक में देखे गए हैं।
इस गंभीर लापरवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
वायरल वीडियो ने खोली अस्पताल की पोल
वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अस्थि वार्ड में तीन चूहे मरीज के बिस्तर पर और आसपास बेखौफ घूम रहे हैं।
यह वीडियो एक मरीज के परिजन ने रविवार रात करीब 3 बजे रिकॉर्ड किया था।
मामला शाहपुरा निवासी 10 वर्षीय मदन चौधरी का है, जो हाथ के ऑपरेशन के बाद इस वार्ड में भर्ती हैं।

मरीजों के बिस्तर पर घूम रहे चूहे
मदन के पिता मनोज चौधरी ने बताया कि चूहे वार्ड में खुलेआम घूम रहे थे और कई बार मरीज के ऊपर तक गिर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इसकी कई बार नर्सों और डॉक्टरों से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मजबूर होकर उन्हें यह वीडियो बनाकर सार्वजनिक करना पड़ा।
. @rshuklabjp जी आखिर हमारे मध्य प्रदेश में यह क्या हो रहा है?
इंदौर के MY अस्पताल में चूहों द्वारा दो नवजातों की जान लेने के बाद भी जबलपुर मेडिकल कॉलेज में चूहे पाए गए और आज जबलपुर के जिला अस्पताल में बेड और टिफिन तक में चूहे दिखाई दिए।
कुंभकर्ण तो फिर भी छह महीने सोता था,… pic.twitter.com/59sB0mCwQJ
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) December 15, 2025
जीतू पटवारी बोले- मरीजों की जान से खिलवाड़
इस वीडियो को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी शेयर किया है।
साथ ही कई सवाल भी उठाए है। उन्होंने लिखा- आखिर हमारे मध्य प्रदेश में यह क्या हो रहा है? इंदौर के MY अस्पताल में चूहों द्वारा दो नवजातों की जान लेने के बाद भी जबलपुर मेडिकल कॉलेज में चूहे पाए गए और आज जबलपुर के जिला अस्पताल में बेड और टिफिन तक में चूहे दिखाई दिए। कुंभकर्ण तो फिर भी छह महीने सोता था, आपका स्वास्थ्य मंत्रालय तो दो साल से गहरी नींद में है।
‘चूहे-सांप हैं अस्पताल के मूल निवासी’: सिविल सर्जन का विवादित बयान
इस पूरे मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी का बयान और भी चौंकाने वाला है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने चूहों और सांपों को “अस्पताल के मूल निवासी” बताया।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए चूहे निकल रहे हैं।
सफाई की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए उन्होंने कहा कि यह काम सफाई ठेकेदार का है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले, नवजातों की हुई थी मौत
यह कोई पहला या अकेला मामला नहीं है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चूहों की समस्या पुरानी और गंभीर होती जा रही है:
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जबलपुर मेडिकल कॉलेज: महज तीन महीने पहले, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में दो मरीजों के पैर चूहों ने कुतर दिए थे।
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इंदौर का एमवाई हॉस्पिटल: यहां नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में चूहों के काटने से दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। संक्रमण फैलने के कारण उनकी मौत हो गई थी, जिसके बाद नर्सिंग स्टाफ को निलंबित किया गया था और मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया था।
Rats Bite 2 Newborns’ fingers, head, shoulder inside ICU of a govt hospital in Indore. One of them died two days later. Maharaja Yashwantrao Chikitsalaya (MYH) is one of the biggest govt hospitals in Madhya Pradesh. pic.twitter.com/7f5NMCJ31s
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 3, 2025
इन घटनाओं से साफ है कि यह कोई छोटी-मोटी व्यवस्था की चूक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था में गहराई तक पैठी लापरवाही और उदासीनता का परिणाम है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने कहा है कि मामला उनके संज्ञान में है।
वीडियो की सत्यता की पुष्टि होने पर जांच कराई जाएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, आखिरी बार पेस्ट कंट्रोल (कीटनाशक छिड़काव) 27 नवंबर 2025 को हुआ था।

जानलेवा हो रही है उदासीनता
एक अस्पताल, जहां बीमार और कमजोर मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं, अगर वहां चूहों का इस तरह आतंक है, तो यह मरीजों के जीवन से सीधा खिलवाड़ है।
चूहों से टीबी, लेप्टोस्पायरोसिस, हैन्टावायरस जैसी कई गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं।
सिविल सर्जन जैसे अधिकारी का बयान इस समस्या को ‘सामान्य’ बताता है, जो चिंताजनक है।
मरीजों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण देना स्वास्थ्य विभाग की पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
अब देखना यह है कि क्या इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन क्या कदम उठाता है।


