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जैसलमेर अग्निकांड: बस मालिक और ड्राइवर गिरफ्तार, CM ने किया मुआवजे का ऐलान

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Jaisalmer Bus Fire: राजस्थान के जैसलमेर बस अग्निकांड मामले में पुलिस ने बुधवार रात बस मालिक तुराब अली और ड्राइवर शौकत को गिरफ्तार कर लिया।

एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि इस मामले में 2 FIR दर्ज हुई थी।

बता दें कि 14 अक्टूबर की दोपहर जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक प्राइवेट एसी स्लीपर बस में लगी आग ने 22 लोगों की जान ले ली और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

हादसे को लेकर राजस्थान की राजनीति भी गर्मा गई है।

इसी बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

अलग-अलग श्रेणियों में आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। घोषणा के अनुसार:

  • सामान्य मृतकों के परिवार: प्रत्येक मृतक के परिवार को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
  • एक परिवार में तीन या अधिक मौतें: जिन परिवारों में तीन या इससे अधिक सदस्यों की मौत हुई है, उन्हें 25-25 लाख रुपए की विशेष सहायता राशि दी जाएगी।
  • गंभीर रूप से घायल: गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 2-2 लाख रुपए मिलेंगे।
  • साधारण घायल: साधारण रूप से घायल हुए लोगों को 1-1 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।

हादसे की भयावहता: जलते हुए लोग, बनते रहे वीडियो

इस पूरी घटना का सबसे दिल दहला देने वाला पहलू वह वीडियो है जो हादसे के बाद सामने आया।

इस वीडियो में एक झुलसा हुआ युवक जलती हुई बस से बाहर निकलकर लोगों से मदद मांगता दिखाई दे रहा है।

वह बार-बार कह रहा है, “भाई, किसी गाड़ी में बैठा दो…” लेकिन उसके आसपास खड़े लोग सिर्फ वीडियो बनाने और तमाशा देखने में व्यस्त हैं।

और भी हैरान कर देने वाली बात यह है कि एक कार ड्राइवर ने उस घायल युवक को अपनी कार में बैठा तो लिया, लेकिन तुरंत बाद उसे उतारकर वहां से चला गया।

थका-हारा और झुलसा हुआ युवक सड़क किनारे गिर गया।

आखिर में, एक बाइक सवार युवक अमीन खान ने हिम्मत दिखाई और उसे अपनी बाइक पर बैठाकर नजदीकी जवाहिर हॉस्पिटल पहुंचाया, जिससे उसकी जान बच सकी।

अमीन ने मदद से पहले लोगों से कहा, “भाई वीडियो बनाओ, ताकि बाद में पुलिस पूछे तो बता सको कि मैं सिर्फ मदद कर रहा था।”

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हादसे के कारण: क्या कहती है जांच?

इस भीषण अग्निकांड के कारणों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई तरह के दावे सामने आ रहे हैं:

  1. शॉर्ट सर्किट: सबसे पहले बस में शॉर्ट सर्किट को आग का प्रमुख कारण बताया गया।
  2. एसी कंप्रेशर का फटना: कुछ सूत्रों का दावा है कि एसी का कंप्रेशर पाइप फटने से आग लगी।
  3. पटाखों से भरी डिग्गी: स्थानीय लोगों का एक वर्ग यह दावा कर रहा है कि बस की डिग्गी (खाली स्थान) पटाखों से भरी हुई थी, जिसके कारण आग तेजी से भड़की।

जैसलमेर एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि इस मामले में एक SIT (विशेष जांच दल) का गठन किया गया है और जल्द ही जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी।

एक टीम को बस के कागजात की जांच के लिए चित्तौड़गढ़ भी भेजा गया है, क्योंकि यह बस वहीं पंजीकृत थी।

बस में गंभीर कमियां: न इमरजेंसी गेट, न विंडो हैमर

प्रत्यक्षदर्शियों और जांच में अब तक जो बातें सामने आई हैं, वे बस में मौजूद गंभीर कमियों को उजागर करती हैं।

बताया जा रहा है कि यह बस बिल्कुल नई थी और महज तीन महीने पहले ही इसकी बॉडी तैयार हुई थी।

1 अक्टूबर को इसका पंजीयन हुआ और 14 अक्टूबर को ही यह हादसा हो गया।

चश्मदीदों का कहना है कि बस में न तो कोई इमरजेंसी गेट था और न ही विंडो तोड़ने के लिए हैमर (कुहाड़ी) मौजूद थे।

इस वजह से लोग आग लगने के बाद बस से बाहर नहीं निकल सके।

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कई लोग एक-दूसरे के ऊपर चिपकी हुई हालत में मिले।

एक चश्मदीद हजार सिंह ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद बस का ड्राइवर मौके से भाग गया था।

इन गंभीर लापरवाहियों के मद्देनजर, चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने ही इस बस की बॉडी को मंजूरी दी थी।

अस्पताल में हालात

इस हादसे में मृतकों की संख्या 22 हो गई है।

54 साल की भागा बानो और 10 साल के यूनुस समेत कई लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई।

जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के अनुसार, अभी भी 5 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और 8 अन्य घायलों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया चल रही है।

18 शवों की पहचान हुई

डीएनए परीक्षण के बाद 10 शव एम्स हॉस्पिटल और 9 शव महात्मा गांधी हॉस्पिटल जोधपुर में रखे गए हैं। एम्स के एक शव की पहचान नहीं हो पाई है।

एम्स हॉस्पिटल में इनके शव रखे गए हैं…

1. जितेश चौहान 2. महेन्द्र (लवारण) 3. खुशी (लवारण) 4. इरफान खान (बम्बोरो की ढाणी) 5. बरकत खान (बासनपीर) 6. शाहरूख खान (चाम्पला) 7. अयुब खान (बासनपीर) 8. बसीरा (बासनपीर) 9. जसु (कोटड़ी) 10. अज्ञात

महात्मा गांधी हॉस्पिटल में इनके शव रखे हैं-

1. स्वरूप (जोधपुर) 2. गोपीलाल (लाठी) 3. जोगराज सिंह (झलारिया) 4. पार्वती (लवारण) 5. दीक्षा (लवारण) 6. शौर्य (लवारण) 7. दीपक (जैसलमेर) 8. राजेन्द्र सिंह चौहान (जैसलमेर) 9. हसीना (बम्बोरो की ढाणी)

प्रशासन ने लापता व्यक्तियों की सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:

  • जिला नियंत्रण कक्ष, जोधपुर: 0291-2650349, 2650350
  • महात्मा गांधी अस्पताल, जोधपुर: 9414159222

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राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

इस त्रासदी ने राजनीतिक बहस को भी जन्म दिया है।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर मृतकों की संख्या छिपाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा, “सरकार हर बार जिम्मेदारी तय करने के बजाय आंकड़े छिपाने और लापरवाही ढंकने में लग जाती है।”

उन्होंने प्रदेश में हो रही लगातार दुर्घटनाओं को सरकार की नाकामी बताया।

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