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“सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी थी, लेकिन मैं उन्हें सुरक्षित नहीं भेज पाया”, पहलगाम हमले पर बोले CM उमर अब्दुल्ला

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Kashmir CM Omar Abdullah: सोमवार, 28 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई।

इस दौरान कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला भावुक हो गए।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी थी, लेकिन मैं उन्हें सुरक्षित नहीं भेज पाया।”

उन्होंने मृतकों के परिवारों से माफी मांगते हुए कहा कि उनके पास “कोई शब्द नहीं” हैं जो उनके दर्द को कम कर सकें।

“नेवी अफसर की विधवा और बच्चों से क्या कहूं?”

उमर अब्दुल्ला ने भावुक होकर कहा,

“मैं उन बच्चों से क्या कहूं, जिन्होंने अपने पिता को खून में लिपटा देखा?”

“उस नौसेना अधिकारी की विधवा से कैसे मिलूं, जिसकी शादी को कुछ ही दिन हुए थे?”

“कुछ पर्यटकों ने मुझसे पूछा – हमारा क्या कसूर था? हम तो पहली बार कश्मीर घूमने आए थे। अब इस छुट्टी का खामियाजा हमें जिंदगी भर भुगतना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि “मेजबान होने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं उन्हें सुरक्षित वापस भेजूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाया।”

21 साल बाद इतना बड़ा हमला

सीएम उमर ने कहा कि कुछ दिन पहले ही विधानसभा का बजट सत्र समाप्त हुआ था और उम्मीद थी कि अगली बैठक श्रीनगर में होगी।

लेकिन “किसने सोचा था कि ऐसी स्थिति आएगी कि हमें यहां शोक सत्र बुलाना पड़ेगा?”

उन्होंने याद दिलाया कि “यह पहला हमला नहीं है। हमने अमरनाथ यात्रा, डोडा के गांवों, कश्मीरी पंडितों और सिख बस्तियों पर हमले देखे हैं। लेकिन 21 साल बाद इतना बड़ा हमला हुआ है।”

पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन

कश्मीर के सीएम ने पहलगाम हमले को “कश्मीरियत और देश की एकता पर हमला” बताया।

केंद्र सरकार की कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) के फैसलों का समर्थन किया, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई शामिल है।

देशभर में कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई।

“हमदर्दी के अलावा कुछ नहीं दे सकते”

उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस सदन की तरफ से हमले की निंदा की जाए और मारे गए 26 परिवारों के साथ हमदर्दी जताई जाए।”

उन्होंने कहा कि “हमारे पास अल्फाज नहीं हैं जो उनके दर्द को कम कर सकें।”

इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है, और जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का संकल्प दोहराया है।

जिन लोगों ने यह किया कहने को यह कहते हैं कि हमारी भलाई के लिए किया क्या हमने इनको कहा था कि हम यह चाहते हैं, क्या यह हमारी इजाजत से हुआ?

हम में से कोई भी इस आतंकी हमले के साथ नहीं है. इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है।

आदिल की तारीफ की

सीएम ने आतंकी हमले के दौरान पर्यटकों की मदद करने वाले जम्मू-कश्मीर के निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह को श्रद्धांजलि दी।

सीएम ने कहा- आदिल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पर्यटकों की जान बचाने के लिए अपनी जान दे दी। हमे आदिल पर गर्व है।

स्टेटहूड पर बोले- लानत हो मुझपे अगर…

उन्होंने आगे कहा- जम्मू कश्मीर की सुरक्षा जम्मू कश्मीर के लोगों की चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. लेकिन मैं यह मौका इस्तेमाल कर के राज्य का दर्जा की मांग नहीं करूंगा।

“मैं ये मौका इस्तेमाल करके statehood की मांग नहीं करूंगा। क्या मेरी सियासत इतनी सस्ती है? लानत हो मुझपे अगर मैं ये कह कर मरकज के पास जाऊं कि अब 26 मर गए मुझे statehood दे दो..”

 स्टेटहूड की बात हम करेंगे लेकिन अभी सही मौका नहीं है।

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