Jitu Patwari FIR Controversy: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) के खिलाफ दर्ज FIR को लेकर राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है।
पटवारी ने दावा किया है कि यह मामला झूठा और राजनीतिक प्रेरित है और उन्होंने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई सबूत पेश किया जाता है, तो वे पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं।
क्या है पूरा मामला?
अशोकनगर के मुंगावली क्षेत्र में गजराज लोधी नामक युवक ने जीतू पटवारी पर रिश्वत और दबाव डालने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई थी।
लोधी ने आरोप लगाया कि पटवारी ने उन्हें गलत बयान देने के लिए मोटरसाइकिल का लालच दिया था।
हालांकि, बाद में लोधी ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने जीतू पटवारी के कहने पर ही यह आरोप लगाया था, जिससे मामला और उलझ गया।

जीतू पटवारी का पलटवार
पटवारी ने इस मामले को बीजेपी की साजिश बताते हुए कहा:
“अगर मेरे खिलाफ एक भी सबूत मिलता है, तो मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं और कांग्रेस के खिलाफ झूठे मामले बना रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि “जितनी FIR कर रहे हैं, उतनी ही गिनते जाएं”, क्योंकि भविष्य में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
अगर अलग ले जाकर चर्चा का एक भी सबूत हो, तो मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा! pic.twitter.com/DDZ360CInO
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) June 30, 2025
बीजेपी का जवाब
पटवारी के बयान पर तेज प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि दो युवकों ने शपथ पत्र देकर पटवारी पर लालच देने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि “जीतू पटवारी को अपने वादे के अनुसार इस्तीफा देना चाहिए”।
बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह कार्यकर्ताओं को भावनात्मक रूप से भड़का रही है।
कांग्रेस का प्रदर्शन
इस मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदौर में संभागायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने:
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राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया कि पटवारी के खिलाफ झूठा मामला बनाया गया है।
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शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने कहा कि “बीजेपी सरकार विपक्ष को डराने के लिए झूठे केस बना रही है, लेकिन कांग्रेस डरने वाली नहीं है।”

कुलमिलाकर यह मामला अब राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
जहां कांग्रेस इसे बीजेपी की साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि पटवारी को न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है और क्या जीतू पटवारी को इस्तीफा देना पड़ेगा।


