HomeएंटरटेनमेंटKangana Ranaut: क्या छिन जाएगा कंगना रनौत का सांसद पद? हाईकोर्ट से...

Kangana Ranaut: क्या छिन जाएगा कंगना रनौत का सांसद पद? हाईकोर्ट से मिला ये नोटिस

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Kangana Ranaut Election Challenged: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत का विवादों से पुराना नाता है। अब जबकि वो राजनीति में आ चुकी हैं और MP भी बन चुकी हैं। तब भी विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। तभी तो अब उनकी सांसदी पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। जानते हैं क्या है पूरा मामला…

कंगना के निर्वाचन पर खड़े हुए सवाल
कंगना को हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बने हुए 2 महीने भी पूरे नहीं हुए लेकिन इससे पहले ही उनका पद सवालों के घेरे में आ गया है।

दरअसल, उनके निर्वाचन को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसके बाद कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस भेजा है और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने 21 अगस्त तक एक्ट्रेस से जवाब मांगा है।

निर्दलीय उम्मीदवार ने दायर की याचिका
खबरों के अनुसार, किन्नौर के निर्दलीय उम्मीदवार लायक राम नेगी ने हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की है और पेटिशन में दलील दी है कि तय मानदंड पूरे होने के बावजूद उनका नामांकन खारिज कर दिया गया था।

ऐसे में कंगना रनौत का चुनाव रद्द किया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें- कंगना ने लिया शंकराचार्य से पंगा, लिखा- ‘हिन्दू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं’

बिना वजह खारिज किया पर्चा
वहीं, रिटर्निंग ऑफिसर (मंडी के डिप्टी कमिश्नर) पर आरोप लगाते हुए उन्हें भी इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग की गई है। लायक राम नेगी वन विभाग के पूर्व कर्मचारी हैं। उन्होंने समय से पहले रियटायरमेंट लिया और नामांकन पत्र दाखिल करते समय रिटर्निंग अफसर को ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट भी पेश किया।

बिजली-पानी, टेलीफोन आदि विभागों सो नो ड्यूज पाने के लिए एक दिन का समय दिया गया था। लेकिन जब नेगी ने सभी प्रमाण पत्र पेश तो रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया.

खारिज हो सकती है याचिका
अगर याचिकाकर्ता यह साबित करने में असफल रहा कि उसका नामांकन पत्र अवैध रूप से खारिज किया गया था तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 100 के तहत अदालत इस याचिका को अमान्य घोषित करते हुए रद्द कर सकती है।

बता दें कि मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी की सांसद बनी कंगना रनौत ने कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74 हजार वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया था।

कंगना रनौत को 5.37 लाख वोट मिले थे जबकि विक्रमादित्य सिंह को 4.62 लाख के करीब वोट मिले थे।

ये भी पढ़ें- कांवड़ यात्रा विवाद: सोनू सूद पर भड़कीं कंगना रनौत, कहा-अब खुद की रामायण बनाएंगे

- Advertisement -spot_img