Kanhaiya Mittal U-Turn: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच भजन गायक कन्हैया मित्तल का नाम चर्चा में है।
इसकी वजह है उनका अपने ही बयान से पलट जाना। कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस में जाने का अपना फैसला वापस ले लिया है।
सनातनियों की सुनेंगे, सनातनियों को चुनेंगे
जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे के गायक कन्हैया मित्तल ने अपना मन बदल दिया है और अब वो कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे।
कन्हैया ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कहा कि मैं नहीं चाहता किसी भी सनातनी का भरोसा टूटे।
https://twitter.com/KANHIYAMITTAL30/status/1833438500831494559
पिछले दो दिनों से मुझे यह अहसास हुआ कि मेरे सभी सनातनी भाई-बहन और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुझे बहुत प्यार करता है।
आप सभी परेशान हैं उसके लिए मै क्षमा चाहता हूं और जो मैंने मन की बात कही थी कि मैं कांग्रेस ज्वाइन करने वाला हूं। उसे मैं वापस लेता हूं।
हम सब राम के थे राम के हैं और राम के रहेंगे। मैं एक बार पुन:भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करता हूं।
8 सितंबर को कन्हैया ने कहा था कांग्रेस जॉइन करूंगा
कन्हैया मित्तल ने 8 सितंबर को भाजपा से निराश होकर कांग्रेस जॉइन करने का फैसला लिया था।
इसको लेकर कन्हैया मित्तल का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था।
https://twitter.com/GautamAwanaINC/status/1833005685640233098
कन्हैया मित्तल ने कहा कांग्रेस के लिए मेरे दिल में सॉफ्ट कॉर्नर रहा है। मेरे मन में कांग्रेस है।
मैंने कभी भाजपा ज्वाइन नहीं की। भाजपा के लोग मुझे गाना गाने के लिए बुलाते थे और मैं गाता भी था।
कन्हैया मित्तल ने कहा कि योगी आदित्यनाथ मेरे गुरु हैं और हमेशा रहेंगे।
जिस प्रकार एक मां के दो बेटे अलग-अलग राजनीतिक दल में हो सकते हैं तो एक गुरु और शिष्य क्यों नहीं?
CM योगी के प्रशंसक हैं कन्हैया मित्तल
कन्हैया मित्तल उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े प्रशंसक हैं।
उन्होंने 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे’ गाना गाया था।
यह गाना काफी फेमस हुआ था। उनका ये गीत एक तरह से भाजपा के प्रचार का थीम बन गया था।
मित्तल अक्सर भाजपा के कार्यक्रमों में नजर आते थे। इसलिए उनके कांग्रेस से जुड़ने की बात को भाजपा के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा था।
5 अक्टूबर को हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदान होने है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले कन्हैया इस बार का चुनाव लड़ना चाहते थे।
उनकी नजर अंबाला शहर और पंचकूला विधानसभा सीट पर थी।
कहा जा रहा है कि कन्हैया को भाजपा से विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद थी।
लेकिन, ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कांग्रेस से दांव आजमाने की कोशिश की थी।
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