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12 दिन बाद UP में नेपाल बॉर्डर के पास मिली कटनी की लापता लेडी अर्चना तिवारी

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Archana Tiwari Missing Case: इंदौर से कटनी जा रही नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से लापता हुई छात्रा अर्चना तिवारी का रहस्य आखिरकार 12 दिनों बाद सुलझ गया है।

अर्चना को भोपाल जीआरपी ने यूपी में नेपाल बॉर्डर के पास लखीमपुर खीरी से मंगलवार देर रात बरामद किया है। टीम अर्चना को लेकर वहां से रवाना हो चुकी है।

इससे पहले 29 वर्षीय अर्चना ने मंगलवार सुबह अपनी मां को फोन किया और खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी।

इस पूरे मामले में एक बड़ा मोड़ तब आया था जब पता चला कि ग्वालियर के एक पुलिस आरक्षक, राम तोमर, का उससे दो साल से संपर्क था और उसी ने उसका ट्रेन टिकट बुक किया था।

क्या है पूरा मामला? ट्रेन में कहां गायब हुई लड़की?

अर्चना तिवारी कटनी की रहने वाली थी और इंदौर में सिविल जज की परीक्षा की तैयारी कर रही थी।

7 अगस्त को वह इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस की एसी कोच (B-3) में कटनी के लिए चढ़ी। लेकिन जब ट्रेन कटनी पहुंची, तो उसकी सीट पर सिर्फ उसका बैग मिला, वह खुद गायब थी।

यह घटना सुनकर हड़कंप मच गया। परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

इंदौर, भोपाल, कटनी की पुलिस और जीआरपी ने मिलकर तलाश शुरू की, यहां तक कि जंगलों में भी उसे ढूंढा गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

पुलिस आरक्षक का सामने आया रोल, टिकट बुक करने का हुआ खुलासा

जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। पता चला कि ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में तैनात आरक्षक राम तोमर का अर्चना से करीब दो साल से संपर्क था।

उसने अपनी ही पुलिस आईडी और अपने निजी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके अर्चना के लिए इंदौर से कटनी का ट्रेन टिकट बुक किया था।

जब पुलिस ने आरक्षक राम तोमर से पूछताछ की, तो उसने बताया कि हां, वह अर्चना को लंबे समय से जानता है और उसने उसका टिकट कराया था, लेकिन वह ट्रेन में सवार नहीं हुई।

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पुलिस को यह भी पता चला कि दोनों के बीच लंबे-लंबे फोन कॉल्स हुआ करते थे।

हैरानी की बात यह है कि ग्वालियर के एक हवलदार की बेटी से भी अर्चना की जान-पहचान थी और वह उससे मिलने भी आई थी।

आरक्षक के कमरे से मिली आपत्तिजनक सामग्री

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरक्षक राम तोमर के कमरे पर छापा मारा।

इस दौरान वहां कई लड़कियों का सामान और कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई, जिससे इस मामले के और पेच खुलने की उम्मीद है।

पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है।

लापता छात्रा ने मां को लगाया फोन, पुलिस ट्रेस कर रही लोकेशन

इस पूरे केस में सबसे बड़ा और राहत भरा मोड़ तब आया जब 13 दिन बाद अर्चना ने सीधे अपनी मां को फोन किया और बताया कि वह पूरी तरह सुरक्षित है।

उसके परिवार के एक करीबी ने भी इस बातचीत की पुष्टि की है।

यहां क्लिक करके देखें अर्चना के कजिन ने क्या कहा

अब देखना है कि पुलिस इस मामले में आगे क्या करती है।

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