Homeन्यूजलाडो अभियान: देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने...

लाडो अभियान: देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने बनाई ये योजना

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Lado Abhiyan On Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस का हिंदू धर्म में खास महत्व है। दिवाली के 11 दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को छोटी दिवाली भी कहते हैं।

इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से किया जाता है।

कहते है ये दिन इतना शुभ होता है कि बिना मुहूर्त देखे ही इस दिन लड़के-लड़की की शादी करवा सकते हैं और लोग ऐसा करते भी हैं।

इस साल देव उठनी ग्यारस 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

बाल विवाह जैसी कुरीति भी जुड़ी

मगर इस दिन के साथ बाल विवाह जैसी कुरीति भी जुड़ी है, जिसे रोकने के लिए मध्य प्रदेश प्रशासन कई सालों से लाडो अभियान चला रहा है।

इस साल भी बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

आइए जानते हैं क्या है लाडो अभियान और देवउठनी एकादशी पर क्यों होते हैं बाल विवाह…

Lado Abhiyan, Dev Uthani Ekadashi, Child Marriage, Administration will stop child marriage
Lado Abhiyan On Dev Uthani Ekadashi

देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह क्यों?

देवउठनी एकादशी से विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं और कई जगहों पर सामूहिक विवाह के कार्यक्रम भी होते हैं।

इसी दौरान कई लोग चोरी-छिपे बाल विवाह भी करवाते हैं। क्योंकि बाल विवाह करना एक अपराध है, इसलिए खुलेआम बाल विवाह नहीं हो सकते।

ऐसे में सार्वजनिक कार्यक्रमों में सबकी नजरे बचाकर बाल विवाह कराए जाते हैं।

Lado Abhiyan, Dev Uthani Ekadashi, Child Marriage, Administration will stop child marriage
Lado Abhiyan On Dev Uthani Ekadashi

बाल विवाह रोकने के लिए बना उड़नदस्ता

इस कुरीति को रोकने के लिए एमपी के कई जिलों में अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इंदौर कलेक्टर ने जिले के सभी अनुभागों के लिए बाल विवाह रोकथाम दल गठित किए हैं।

इसके साथ ही अनुभाग के एसडीएम व तहसीलदार को अनुभाग का दल प्रभारी बनाया है। बाल विवाह की सूचना के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

साथ ही इसके लिए प्रभारी बनाए गए हैं। इस कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 07562221666 है।

Lado Abhiyan, Dev Uthani Ekadashi, Child Marriage, Administration will stop child marriage
Lado Abhiyan On Dev Uthani Ekadashi

इस सभी को माना जाएगा दोषी, यह है नियम

बाल विवाह प्रतिषेध नियम छह के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका और 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है।

बाल विवाह होने पर अधिनियम की धारा नौ के तहत नाबालिग किशोरी से विवाह करने वाले युवक को दोषी माना जाता है।

धारा 10 में विवाह संपन्न कराने वाले आयोजक, माता-पिता और पंडित, मौलवी दोषी होते हैं।

धारा 11 में विवाह में शामिल घराती-बराती, सेवा प्रदाता दोषी माने जाते हैं।

अधिकतम दो वर्ष की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।

बाल विवाह की जानकारी मिलने पर सबसे पहले चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर काल करें।

Lado Abhiyan, Dev Uthani Ekadashi, Child Marriage, Administration will stop child marriage
Lado Abhiyan On Dev Uthani Ekadashi

15 सालों में रोके 159 बाल विवाह

पिछले कुछ वर्षों से सख्ती और जागरूकता के चलते बाल विवाह के मामलों में कमी आई है। मगर, फिर भी यह पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है।

इस वर्ष अब तक छह बाल विवाह रोके गए हैं। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में एक भी सामूहिक विवाह आयोजन में बाल विवाह का प्रकरण नहीं बना है।

महिला व बाल विकास विभाग के लाडो अभियान के तहत पिछले 15 सालों में 159 बाल विवाह रोके गए हैं।

(All Image Credit- FreePik)

- Advertisement -spot_img