Lathicharge Farmers: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में सोमवार को एक बार फिर खाद पाने के इंतजार में लगी लाइन में खड़े किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
इस घटना में कई किसान घायल हो गए, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी।
दरअसल, लहार कस्बे की वृहत्ताकार सहकारी समिति सोमवार को तीन दिन के बाद खुली थी।
सुबह 5 बजे से लाइन में लगे थे किसान
फसल बोने का समय निकला जा रहा है, इस जल्दबाजी में किसान सुबह लगभग 5 बजे से ही खाद लेने के लिए लाइन में लग गए थे।
कई किसान घंटों से भूखे-प्यासे, तेज धूप और उमस में खड़े थे।
दोपहर 2 बजे तक भीड़ इतनी बढ़ गई कि समिति के कर्मचारी वितरण की व्यवस्था संभालने में नाकामयाब रहे।
हालात बिगड़ते देख समिति प्रबंधन ने पुलिस को बुला लिया।
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— Free Press Madhya Pradesh (@FreePressMP) September 8, 2025
भूखे-प्यासे किसानों पर क्यों उतरी पुलिस की लाठी?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसानों को जमीन पर बैठने का आदेश दिया।
लंबे समय से खड़े और थके हुए किसानों ने इस आदेश का विरोध किया।
इसी बीच लहार थाने के प्रधान आरक्षक रामराज सिंह गुर्जर ने नाराजगी में किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया।
इस हमले में 3-4 किसान घायल हो गए और माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

विधायक ने उठाई आवाज, एसपी ने की तत्काल कार्रवाई
लाठीचार्ज की खबर मिलते ही लहार के विधायक अंबरीश शर्मा मौके पर पहुंचे।
उन्होंने किसानों का पक्ष लेते हुए जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से सख्त लहजे में बात की।
उन्होंने इस घटना को “अन्नदाता का अपमान” बताया और कहा कि इसकी किसी भी कीमत पर अनदेखी नहीं की जाएगी।
इस घटना पर भिंड के एसपी असित यादव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषी प्रधान आरक्षक रामराज सिंह गुर्जर को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच (सेवा निलंबित) कर दिया।
एसपी ने स्पष्ट किया कि किसानों की सुरक्षा और सुविधा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार श्री विजय यादव ने किसानों पर बल प्रयोग का सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के संबंध में दी जानकारी#CMMadhyaPradesh#JansamparkMP@mprevenuedeptt#भिण्ड#Bhind pic.twitter.com/FwcLmIMBWg
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किसानों की पीड़ा: “खाद नहीं, लाठियां मिल रही हैं”
घटना के शिकार एक किसान नरेंद्र कुमार ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा,
“हम सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में खड़े हैं। फसल बोने का सही समय निकल रहा है। हमें खाद नहीं मिल रही है और ऊपर से पुलिस हमें पीट रही है। सरकार किसानों की मदद करने के बजाय उन्हें मुसीबत में डाल रही है।”
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रीवा में भी हुई थी ऐसी ही घटना
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब MP में खाद को लेकर किसानों के साथ ऐसा ही बर्ताव हुआ था।
इससे ठीक 6 दिन पहले, 2 सितंबर की रात को रीवा जिले की करहिया मंडी में भी खाद के लिए लाइन में लगे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
वहां भी किसानों ने खाद न मिलने पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी, जिसके जवाब में पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और भीड़ को तितर-बितर किया था।
पुलिस का कहना था कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए “हल्का बल प्रयोग” किया गया था।
रीवा और आसपास के इलाकों में किसानों को खाद मिलने में 24 से 48 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है।
पहले पुलिस ने नाश्ता कराया फिर की लाठीचार्ज#Rewa #Kisan #KhadSankat #LathiCharge #MPNews #PotholesMarketing #OGFastest1MPreSales #FailureStalin #MARKRoarsLoud @RewaCollector @BJP4MP @INCMP @Aidalsinghkbjp pic.twitter.com/r43Ul4gAQO
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यह लगातार की जा रही घटनाएं MP में किसानों की मुश्किल हालात और खाद जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए उनकी जद्दोजहद को उजागर करती हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार और किसानों के प्रति संवेदनशीलता की तत्काल आवश्यकता है ताकि “अन्नदाताओं” को उनका हक दिलाने के लिए लगी लाइनों में उन्हें लाठियां न झेलनी पड़ें।


