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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने के खेल का खुलासा, बिहार से आरोपी गिरफ्तार

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Prashant Sharma
Prashant Sharma
प्रशांत शर्मा, 15 सालों से पत्रकारिता में हैं। शुरुआत साधना न्यूज एमपी-सीजी से हुई। इसके बाद प्रदेश टुडे के फाउंडर मेंबर रहे। प्रदेश टुडे के बाद न्यूज एक्सप्रेस एमपी-सीजी चैनल की लॉन्चिंग टीम के साथ बतौर क्राइम रिपोटर जुड़े रहे। इसके बाद लंबी पारी नेशनल और रीजनल चैनल इंडिया न्यूज में रही। कुछ दिन न्यूज वर्ल्ड चैनल में दमदार रिपोर्टिंग करने के बाद मृदुभाषी अखबार में संपादक की भमिका में रहे। फिलहाल चौथा खंभा टीम के साथ मिलकर दमदारी से पत्रकारिता कर रहे हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड बनाने वाले वेबसाइट व युवक के बारे में बड़ा खुलासा किया है।

बताया जा रहा है कि 12वीं फेल 20 वर्षीय युवक 20-20 रुपये में फर्जी तरीके से वोटर आईडी कार्ड बना रहा था, जिसे देखकर बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी असली-नकली की पहचान नहीं कर पाते।

20 वर्षीय बिहार निवासी इस युवक ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाना सीखा था जिसे देखकर पुलिस वाले भी हैरान रह गए। जानकारी के मुताबिक, इस युवक ने अब तक 28 हजार से ज्यादा फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाया है।

मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख के मुताबिक,

उन्हें चुनाव आयोग के द्वारा सीक्रेट टिप मिली थी, जिसमें युवक द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़ा की जानकारी दी गई थी जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस की साइबर एक्सपर्ट की टीम सक्रिय हुई और आरोपी को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से दबोच लिया गया।

पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी युवक ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया, जिसे सुनकर मध्य प्रदेश पुलिस के साइबर एक्सपर्ट भी दंग रह गए। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी युवक एक वेबसाइट के जरिये फर्जी मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाता था। उसने फर्जी सिम क्रेडिट कार्ड, फर्जी बैंक खाते और फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करके अमेरिकी सर्वर से सर्वर स्पेस इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग लिया था।

इतनी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के कारण पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में कठिनाई हो रही थी जिसके बाद साइबर पुलिस ने इसके लिए ओपन सोर्स इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग किया तब जाकर पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई।

साइबर पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि यह वेबसाइट बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में संचालित हो रही है और इसे 20 साल की रंजन चौबे ने बनाया है। पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि रंजन चौबे नामक यह युवक पहले साइबर कैफे चलाता था जहां से उसने फर्जी वेबसाइट बनाने का आइडिया लिया।

स्टेट साइबर सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख के मुताबिक,

इस वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति फर्जी मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवा सकता था। जब भी कोई यह फर्जी कागज बनवाना चाहता था तो उसे एक बार कोड स्कैन करना पड़ता था। स्कैन करने पर नागरिकों के खाते से 20 रुपये कट जाते थे और लोगों का पैन कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य कार्ड बन जाते थे।

साइबर सेल के एसपी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी की फर्जी वेबसाइट से कोई भी व्यक्ति अन्य का फोटो, नाम, पता, हस्ताक्षर एवं अन्य जानकारी का उपयोग कर फर्जी दस्तावेज बनवा सकता था। पुलिस के अनुसार आरोपी मूलत: पूर्वी चंपारण में हरसिद्धि थाना के अंतर्गत सोनवर्षा का रहने वाला है।

आरोपी रंजन चौबे ने वेबसाइट और फर्जी कार्ड बनाने बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब से सीखा। उसने ऑनलाइन सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपये प्राप्त करने लगा। उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम लिया। पेटीएम और एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया।

वेबसाइट तैयार करने के लिए रंजन ने विदेशी कंपनी से डोमेन खरीदा। इसके बाद टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की। आरोपी इतना शातिर था कि हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था।

अब मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल उन लोगों की तलाश कर रही है जिन्होंने आरोपी युवक की वेबसाइट से फर्जी आधार, वोटर या पैन कार्ड बनवाए हैं। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन कार्ड का इस्तेमाल भारत विरोधी कामों में भी हुआ है।

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