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1 अप्रैल से महंगी हुईं 900 से ज्यादा दवाइयां, पेन किलर, शुगर और एंटीबायोटिक की कीमत भी बढ़ी

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Medicines Prices Hike 1 April: नए वित्तीय वर्ष 2025-26 यानी 1 अप्रैल से देश में कई बड़े और नए नियम लागू हुए हैं।

इसमें कई चीजे सस्ती हुई हैं तो कई चीजों के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

इन्हीं बदलावों में से एक है दवाओं की कीमत जो आम आदमी के लिए बेहद जरूरी है।

लेकिन अब इसके आपको ज्यादा कीमत चुकानी होगी। क्योंकि मोदी सरकार ने 1 अप्रैस से करीब 900 से ज्यादा दवाइयों के प्राइस बढ़ा दिए हैं।

इतने प्रतिशत की बढ़ोतरी

नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने इस सभी 900 से अधिक आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.74 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है।

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केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में 900 से अधिक आवश्यक दवाओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी को लेकर एक लिखित जवाब दिया है।

उन्होंने कहा, “NPPA ने DPCO के पैराग्राफ 2(1)(u) की परिभाषा के मुताबिक, नई दवाओं की खुदरा कीमतों को तय कर दिया है।

“ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 (DPCO, 2013) के प्रावधानों के मुताबिक, सभी अनुसूचित दवाओं की कीमतों में होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) (ऑल कमोडिटीज) के आधार पर हर साल संशोधन किया जाता है।

वहीं, वित्तीय साल 2024-25 के लिए अनुसूचित दवाओं की कीमतों में WPI के वार्षिक बदलाव के आधार पर 1 अप्रैल, 2024 को 0.00551 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी की गई थी।

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दिल की बीमारी, डायबिटीज, एंटीबायोटिक महंगी

बढ़ी हुई कीमतों वाली दवाओं की लिस्ट में क्रिटिकल इंफेक्शन, दिल की बीमारी, डायबिटीज, मलेरिया, एंटीवायरल और एंटीबायोटिक की दवाइयां शामिल हैं।

इसका मतलब है कि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इलाज के लिए अब अधिक पैसे खर्च करने होंगे।

इसके अलावा ब्लड प्रेशर, बुखार की दवाई और पेन किलर भी महंगे होंगे।

ड्रग मैनुफैक्चर्स बढ़ा सकते हैं दवाइयों की कीमतें

हालांकि, ड्रग मैनुफैक्चर्स WPI के आधार पर इन दवाओं के अधिकतम खुदरा कीमतों को केंद्र सरकार की बिना किसी स्वीकृति के ही बढ़ा सकते हैं।

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इन दवाइयों के दाम बढ़ेंगे…

एंटीवायरल दवाइयां

  • Acyclovir (200 mg)– 7.74 रुपये प्रति टैबलेट
  • Acyclovir (400 mg)– 13.90 रुपये प्रति टैबलेट

एंटीबायोटिक्स

  • Azithromycin (250 mg)– 11.87 रुपये प्रति टैबलेट
  • Azithromycin (500 mg)– 23.98 रुपये प्रति टैबलेट
  • Amoxicillin + Clavulanic Acid Dry Syrup– 2.09 रुपये प्रति ml

पेनकिलर दवाइयां

  • Diclofenac– 2.09 रुपये प्रति टैबलेट
  • Ibuprofen (200 mg)– 0.72 रुपये प्रति टैबलेट
  • Ibuprofen (400 mg)– 1.22 रुपये प्रति टैबलेट

मलेरिया की दवा

  • Hydroxychloroquine (200 mg)– 6.47 रुपये प्रति टैबलेट
  • Hydroxychloroquine (400 mg)– 14.04 रुपये प्रति टैबलेट

डायबिटीज की दवा

  • Dapagliflozin + Metformin Hydrochloride + Glimepiride– 12.74 रुपये प्रति टैबलेट

स्टेंट की कीमतों में भी बढ़ोतरी

प्राधिकरण के अनुसार 1 अप्रैल से कोरोनरी स्टेंट की कीमतें भी WPI के आधार पर बढ़ाई गई हैं।

  • Bare-metal stent– 10692.69 रुपये
  • Drug-eluting stent– 38933.14 रुपये

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