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रेलवे कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा: मोदी कैबिनेट ने 1865 करोड़ रुपये के बोनस का किया ऐलान

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Railway Employees Diwali Bonus: त्योहारों के मौसम की शुरुआत के साथ ही केंद्र सरकार ने देश के रेलवे कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है कि भारतीय रेलवे के लगभग 11 लाख कर्मचारियों को इस दिवाली पर 78 दिनों का वेतन बोनस के रूप में दिया जाएगा।

इस फैसले से रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों के चेहरों पर दिवाली की रोशनी की तरह चमक आ जाएगी।

मोदी कैबिनेट का फैसला

कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों के लिए ‘प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस’ यानी PLB को मंजूरी दे दी है।

यह बोनस उनके 78 दिन के वेतन के बराबर होगा। इसका लाभ भारतीय रेलवे के ग्रुप C और ग्रुप D स्तर के कर्मचारियों को मिलेगा।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बोनस का भुगतान दिवाली के त्योहार से पहले ही कर्मचारियों के बैंक खातों में सीधे कर दिया जाएगा, ताकि उनकी दिवाली और भी खुशहाल हो सके।

इस बोनस पर कुल 1,865 करोड़ 68 लाख रुपये की राशि खर्च होगी।

किन कर्मचारियों को मिलेगा यह बोनस?

यह बोनस रेलवे में काम करने वाले लगभग सभी गैर-राजपत्रित (Non-Gazetted) कर्मचारियों को दिया जाएगा। इनमें शामिल हैं:

  1. ट्रैक का रखरखाव करने वालों को
  2. ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट
  3. ट्रेन के संचालन की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रेन मैनेजर (गार्ड)
  4. स्टेशनों की कमान संभालने वाले स्टेशन मास्टर
  5. विभिन्न कार्यों के पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर)
  6. तकनीशियन और उनके सहायक
  7. रेलवे लाइन के पॉइंट्स बदलने वाले पॉइंट्समैन
  8. रेलवे आफिस का काम करने वाले कर्मचारियों को

यानी, रेलवे की दिन-रात चलने वाली सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में जुटे अधिकांश कर्मचारी इस बोनस के हकदार होंगे।

पिछले साल से तुलना और यूनियनों की मांग

पिछले साल 2022-23 के लिए भी रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का ही बोनस दिया गया था, लेकिन उस समय कर्मचारियों की संख्या लगभग 11.72 लाख थी और कुल राशि 2,029 करोड़ रुपये थी।

इस बार कर्मचारियों की संख्या थोड़ी कम (10.91 लाख) है, इसलिए राशि भी कुछ कम है।

हालांकि, रेलवे कर्मचारियों के यूनियन इस बोनस की गणना के तरीके से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।

उनका कहना है कि यह बोनस अभी भी पुराने छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये के आधार पर दिया जा रहा है।

जबकि अब सातवें वेतन आयोग लागू होने के बाद न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये हो गया है।

भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) और अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी संघ (AIRF) जैसे यूनियनों ने मांग की है कि बोनस की गिनती का आधार मौजूदा सैलरी स्ट्र्क्चर के अनुसार बढ़ाया जाना चाहिए।

उन्होंने आठवें वेतन आयोग की स्थापना की मांग को लेकर भी सरकार से गजट नोटिफिकेशन जारी करने का अनुरोध किया है।

बिहार को मिली चुनावी सौगात

इस कैबिनेट बैठक में बिहार को चुनावी सौगात भी मिली है। कैबिनेट ने बिहार में दो बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है:

  1. बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेलवे लाइन का दोहरीकरण: इस 104 किलोमीटर लंबे रेलवे खंड को डबल लाइन में बदलने के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इस पर 2,192 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे इस इलाके में ट्रेनों का आवागमन और सुगम हो सकेगा।
  2. साहेबगंज-बेतिया हाईवे का चार-लेन निर्माण: NH-139W के इस हिस्से को चार लेन का बनाने के प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी मिली है। करीब 79 किलोमीटर लंबे इस हाईवे के निर्माण पर 3,822 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी, जिससे बिहार के इस क्षेत्र की सड़क संपर्क क्षमता मजबूत होगी।

कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले

रेलवे बोनस और बिहार की परियोजनाओं के अलावा, कैबिनेट ने देश के विकास से जुड़े कई अन्य अहम फैसले भी लिए:

  • शिपबिल्डिंग को बढ़ावा: देश में जहाज निर्माण उद्योग, समुद्री वित्तपोषण और घरेलू क्षमता को मजबूत करने के लिए एक बहुत बड़ा 69,725 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया गया है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बल मिलेगा।
  • वैज्ञानिक शोध में निवेश: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास योजना के लिए 2,277 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इससे देश में वैज्ञानिक शोध को गति मिलेगी।
  • मेडिकल शिक्षा का विस्तार: देश में मेडिकल शिक्षा के ढांचे को और मजबूत करने तथा डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए 15,034 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

कुल मिलाकर, मोदी कैबिनेट की इस बैठक के फैसले दिवाली के मौके पर आम जनता से लेकर अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचने वाले हैं।

11 लाख रेलवे परिवारों को बोनस का सीधा लाभ मिलेगा, तो बिहार जैसे राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास तेज होगा।

साथ ही, शिपिंग, विज्ञान और चिकित्सा शिक्षा जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक निवेश से देश की प्रगति को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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