Illegal Colonies: भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान का फैसला बदलने वाली है।
शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का फैसला लिया था, लेकिन अब मोहन यादव की सरकार इसे पलटने जा रही है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में मोहन कैबिनेट के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बयान दिया कि प्रदेश में किसी भी अवैध कॉलोनी को वैध नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सरकार जल्द ही अवैध कॉलोनियों (Illegal Colonies) पर नजर रखने के लिए एक कड़ा कानून लाएगी। अवैध कॉलोनियां विकसित करने में एक ”मजबूत गठजोड़” शामिल है, जिसे रोकने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायक हरदीप सिंह डंग द्वारा अवैध कॉलोनियों का मुद्दा उठाया गया था जिसके जवाब में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए कहा कि अवैध कालोनियों को वैध नहीं किया जा रहा।
लेकिन, वहां नागरिक सुविधाएं मिल जाएं, अधोसंरचना का विकास हो, रहवासी भवन अनुज्ञा ले सकें, यह काम अवश्य जनहित में किया जा रहा है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में विकसित होने वाली अवैध कॉलोनियों (Illegal Colonies) को रोकने के लिए सीएम मोहन यादव के निर्देश पर कड़ा कानून बनाया जा रहा है।
विजयवर्गीय ने कहा कि सभी कलेक्टर्स को ये निर्देश दिए जाएंगे कि वो चिन्हित करें कि राजस्व की भूमि कौन सी है और निकायों की कौन सी।
राज्य में 6,000 से अधिक कॉलोनियों की पहचान अनधिकृत कॉलोनियों के तौर पर की गई है। मोहन सरकार के इस कदम से इन कॉलोनियों में रहने वाले निवासी प्रभावित हो सकते हैं।
गौरतलब है कि सीएम रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने बीते साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बीच घोषणा की थी कि दिसंबर 2016 से दिसंबर 2022 के बीच विकसित सभी अवैध कॉलोनियों (Illegal Colonies) को नियमित किया जाएगा।
उस समय शिवराज सिंह चौहान ने कहा था – अवैध क्यों? क्या आपने ये मकान किसी अवैध प्रक्रिया से बनाए हैं? आपने ये घर अपनी मेहनत की कमाई से खरीदे हैं। इसे अवैध क्यों कहा जा रहा है? इसे अवैध घोषित करने का निर्णय स्वयं अवैध है। मैं इसे खत्म कर दूंगा।
हालांकि, अब डॉ. मोहन यादव की सरकार इसे बदलने की तैयारी में है।
बता दें कि इससे पहले भी मोहन यादव पूर्व सीएम शिवराज के कई फैसलों को बदल चुके हैं जिनमें मध्य प्रदेश गान के सम्मान में लोगों को खड़ा रहना, भोपाल से बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने जैसे फैसले शामिल हैं।