Mosquito Artery Forceps: भिंड की एक महिला को डॉक्टरों की लापरवाही के चलते दो साल तक दर्द झेलना पड़ा।
जब जांच कराई गई तो पता चला कि ऑपरेशन के समय महिला के पेट में कैंची छोड़ दी गई थी।
वहीं जब फिर से ऑपरेशन हुआ है तो सामने आया कि महिला के पेट में कैंची नहीं बल्कि मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप था।
ये औजार धारदार नहीं होता है और इसे ऑपरेशन के दौरान खून रोकने में प्रयोग किया जाता है।
धारदार कैंची की जगह पेट से निकली चिमटी
ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह के कमला राजा अस्पताल में एक महिला का ऑपरेशन किया गया है।
भिंड जिले के सौंधा गांव की रहने वाली कमला देवी को पेट में कैंची रह जाने की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
डॉक्टरों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया, लेकिन महिला के पेट में कैंची की जगह एक चिमटी निकली।
इसे मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन के दौरान खून रोकने के लिए किया जाता है।
खास बात यह कि इसी अस्पताल में 2 साल पहले हुए एक ऑपरेशन के दौरान महिला के साथ लापरवाही की गई थी।
इसके बाद महिला पेट दर्द से परेशान रहने लगी।
जब भिंड के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन कराया तो पेट में कैंची जैसा औजार नजर आया।
पूरी खबर यहां पढ़ें – महिला के पेट में मिली कैंची, डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 2 साल तक झेला असहनीय दर्द
पूरे मामले की जांच कर रहा JAH प्रबंधन
ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में 20 फरवरी 2022 को पीड़ित महिला कमला का ओवरी में कैंसर की गठान का ऑपरेशन किया गया था।
इसी दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप महिला के पेट में रह गई थी।
हालांकि इस लापरवाही पर जयारोग्य अस्पताल समूह (JAH) प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है।
जिस डॉक्टरों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया था, उनकी जानकारी मांगी गई है।
हालांकि अधीक्षक का मानना है कि पूर्व के ऑपरेशन में चूक तो हुई है, क्योंकि ऑपरेशन में प्रयोग आने वाले औजारों की पहले और ऑपरेशन के बाद गिनती की जाती है।
शायद यही पर किसी से गलती हुई है, जो अब जांच का विषय है।
वहीं पीड़िता के परिजनों ने लापरवाही करने वाले डॉक्टर और स्टाफ पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।