BJP changes before Diwali: मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की अगुवाई में तैयार की गई नई प्रदेश कार्यकारिणी की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के लिए दिल्ली भेजा जा रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस नई टीम में करीब 60 प्रतिशत नए चेहरे शामिल होंगे।
साथ ही, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के कार्यकाल में हटाए गए संगठन मंत्रियों की वापसी की भी संभावना जताई जा रही है।
माना जा रहा है कि इस नई टीम का ऐलान दिवाली से पहले किया जा सकता है।
तीन महीने बाद तैयार हुई लिस्ट, दिल्ली से मिलने वाली है मंजूरी
हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष बने 2 जुलाई को हुए थे और अब उनका 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने वाला है।
इस दौरान वह पूर्व अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा गठित पुरानी टीम के साथ ही काम कर रहे थे।
बीते तीन महीनों में खंडेलवाल ने पूरे प्रदेश का दौरा करके कार्यकर्ताओं से व्यापक संवाद किया और संगठन की जमीनी हकीकत को समझा।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद अब नई टीम को अंतिम रूप दिया गया है।
इस महत्वपूर्ण लिस्ट को तैयार करने में खंडेलवाल को प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पूरा सहयोग मिला।
तीनों नेता लंबी चर्चा के बाद पदाधिकारियों के नामों पर सहमति बना पाए हैं।
अब यह सूची पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास मंजूरी के लिए भेजी गई है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस पर दिल्ली से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव? पुरानी टीम के कई सदस्य बन चुके हैं सांसद-विधायक
नई टीम के गठन की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछली कार्यकारिणी के कई प्रमुख सदस्य अब अन्य महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच चुके हैं।
वीडी शर्मा की टीम के 8 पदाधिकारी लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं, जबकि 8 अन्य विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने हैं।
इनमें से कुछ तो मंत्री पद तक पर पहुंचे हैं। ऐसे में, संगठन में इनकी जगह नए लोगों को लाना समय की मांग थी।
इसके अलावा, पार्टी के विभिन्न मोर्चों जैसे किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी अब सांसद या मंत्री बन गए हैं, जिससे इन पदों पर भी नए चेहरों की जरूरत है।
VD शर्मा के जमाने में हटाए गए नेताओं को मिल सकता है दूसरा मौका
इस नई टीम की सबसे चर्चित बात यह है कि इसमें उन नेताओं की वापसी हो सकती है, जिन्हें सितंबर 2021 में तत्कालीन अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संभागीय संगठन मंत्री के पद से हटा दिया था।
उस समय शैलेंद्र बरुआ (जबलपुर-होशंगाबाद), आशुतोष तिवारी (भोपाल-ग्वालियर), जितेंद्र लिटोरिया (उज्जैन), श्याम महाजन (रीवा-शहडोल), जयपाल चावड़ा (इंदौर) और केशव सिंह भदौरिया (सागर-चंबल) को पद से हटाकर प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बना दिया गया था।
बाद में, इनमें से पांच नेताओं को राज्य सरकार ने मंत्री का दर्जा देकर निगम मंडलों में जगह दी, लेकिन केशव सिंह भदौरिया को यह दर्जा नहीं मिला था।
माना जा रहा है कि खंडेलवाल की नई टीम में इन अनुभवी नेताओं को फिर से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिससे संगठन को उनके अनुभव का लाभ मिल सके।
मोर्चों के अध्यक्षों में भी होगा बदलाव
प्रदेश कार्यकारिणी के साथ-साथ पार्टी के विभिन्न मोर्चों (Fronts) के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे।
- ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह अब राज्य सरकार में मंत्री हैं।
- किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह होशंगाबाद से सांसद बन गए हैं।
- महिला मोर्चा की अध्यक्ष माया नारोलिया राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं।
इन खाली पड़े पदों को भरने के साथ-साथ युवा मोर्चा, अनुसूचित जाति (SC) मोर्चा और अनुसूचित जनजाति (ST) मोर्चा के अध्यक्षों में भी बदलाव किया जाना तय है।
इसका उद्देश्य पार्टी को नई ऊर्जा और जनाधार देना है।
संगठन को नई दिशा देने की तैयारी
साफ है कि हेमंत खंडेलवाल भाजपा के मध्य प्रदेश इकाई को एक नई दिशा और ऊर्जा देने जा रहे हैं।
60% नए चेहरे लाने का मतलब है युवाओं और नए नेतृत्व को मौका देना, जबकि पुराने अनुभवी नेताओं की वापसी संगठन में स्थिरता लाने का काम करेगी।
दिवाली से पहले होने वाले इस बड़े बदलाव का मकसद आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों के लिए पार्टी को मजबूत और सक्रिय बनाना है।
अब सबकी निगाहें दिल्ली से आने वाली मंजूरी पर टिकी हैं।