Homeन्यूजMP में अब नहीं होंगे दैवेभो-स्थायीकर्मी: 7 कर्मचारी श्रेणियां खत्म, जानें मौजूदा...

MP में अब नहीं होंगे दैवेभो-स्थायीकर्मी: 7 कर्मचारी श्रेणियां खत्म, जानें मौजूदा कर्मचारियों का क्या होगा?

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

MP Cabinet Decisions: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक में राज्य के प्रशासनिक ढांचे को सरल बनाने और विकासात्मक परियोजनाओं को गति देने के लिए कई अहम निर्णय लिए हैं।

इनमें सरकारी कर्मचारियों के वर्गीकरण को सरल बनाना, तीन आदिवासी बहुल जिलों के लिए 1782 करोड़ रुपये का सिंचाई पैकेज और छह जिलों में वन विज्ञान केंद्र स्थापित करना प्रमुख है।

ये फैसले राज्य में कार्य संस्कृति को और स्पष्ट तथा पारदर्शी बनाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।

कर्मचारी वर्गीकरण में ऐतिहासिक बदलाव – अब केवल तीन श्रेणियां

मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की जटिल श्रेणियों को समाप्त कर एक सरल व्यवस्था लागू करने का ऐतिहासिक फैसला किया है।

दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन, कार्यभारित और स्थायीकर्मी सहित कुल 7 प्रकार की कर्मचारी श्रेणियों को अब खत्म कर दिया गया है।

भविष्य में सरकारी सेवाओं में कर्मचारियों की केवल तीन श्रेणियां रहेंगी: नियमित, संविदा और आउटसोर्स

इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक स्पष्टता लाना और न्यायालयीन प्रक्रियाओं में होने वाली गफलत को कम करना है।

सरकार का तर्क है कि चूंकि स्थायी और अस्थायी श्रेणी के कर्मचारियों की सेवा शर्तें, वेतन और पेंशन लगभग समान हैं, इसलिए अलग-अलग श्रेणियां बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं था।

इस बदलाव के बाद विभागों को हर साल अस्थायी पदों के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेने की आवश्यकता भी नहीं रहेगी।

मौजूदा कर्मचारियों का क्या होगा?

जिन सात श्रेणियों को समाप्त किया गया है, उनमें कार्यरत कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति तक काम करते रहेंगे।

उनके रिटायर होने के साथ ही वह पद स्वत: समाप्त हो जाएगा।

अगर भविष्य में विभाग को उस पद की आवश्यकता होगी, तो उसके विरुद्ध एक नियमित पद शुरू कर भर्ती की जाएगी।

साथ ही, कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि कार्यभारित कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर उसके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियमित पद पर नियुक्ति दी जाएगी।

आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बड़ी घोषणाएं

कैबिनेट ने राज्य के आदिवासी बहुल और पिछड़े इलाकों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान देते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी।

  • 1782 करोड़ का सिंचाई पैकेज: अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों में सिंचाई सुविधा बढ़ाने और बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए 1782 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को स्वीकृति मिली है। यह राशि अपर नर्मदा, राघवपुर और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजनाओं में उपयोग होगी। इससे 5512 करोड़ रुपये की इन योजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, लगभग 71,967 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो सकेगी और 125 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन संभव होगा।

  • वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना: प्रदेश के छह जिलों में नए वन विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस योजना के लिए 48 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य वन प्रबंधन, वन्यजीव संरक्षण और वन-आधारित शोध को बढ़ावा देना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

अन्य प्रमुख निर्णय और घोषणाएं

कैबिनेट बैठक में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कई अन्य प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई:

  • मेट्रो रेल को बढ़ावा: भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के संचालन और रखरखाव के लिए 90.67 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

  • इंदौर में विश्वस्तरीय अस्पताल: इंदौर के एमवाय अस्पताल का 773 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्माण किया जाएगा। यह 1450 बिस्तरों वाला एक आधुनिक अस्पताल होगा, जिसमें नर्सिंग हॉस्टल और ऑडिटोरियम भी बनेंगे।
  • उद्यमियों के लिए सौगात: मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से अगले पांच साल तक जारी रखने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 905.25 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इस योजना के तहत उद्यमियों को 50 हजार से 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
  • खिलाड़ियों को सम्मान: विमेन T20 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल मध्य प्रदेश की तीन दृष्टिबाधित खिलाड़ियों सुनीता सराठे, सुषमा पटेल और दुर्गा येवले को प्रत्येक को 25-25 लाख रुपये (10 लाख नकद + 15 लाख की एफडी) के पुरस्कार दिए जाएंगे।

सुशासन और विकास की दोहरी रणनीति

मध्य प्रदेश सरकार के इन निर्णयों से स्पष्ट है कि वह एक ओर प्रशासनिक ढांचे को सरल और कर्मचारी-हितैषी बनाना चाहती है, तो दूसरी ओर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी विकास पर बल दे रही है।

कर्मचारी श्रेणियों का सरलीकरण दीर्घकाल में सरकारी व्यय प्रबंधन और न्यायिक प्रक्रियाओं को आसान बनाएगा।

- Advertisement -spot_img