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मोहन कैबिनेट के फैसलेः स्वास्थ्य विभाग में 46 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती, किसानों-जनता को 24420 करोड़ की सब्सिडी

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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 89 दिनों के बाद मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 13,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का फैसला लिया गया जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को 5000 करोड़ और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को भी 5000 करोड रुपये से ज्यादा की सबसिडी दी जाएगी।

नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि सीएम यादव ने निर्देश दिए थे कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए। कैबिनेट में इसी वजह से अस्पतालों में खाली पदों की भर्ती का प्रस्ताव लाया गया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा भर्ती नियम 2022 में प्रावधानित विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 1214 पदों में से 50 प्रतिशत यानी 607 पदोन्नति के पदों को भी सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने के फैसले को स्वीकृति दी गई।

राज्य स्वास्थ्य समिति की अनुशंसा के आधार पर स्वास्थ्य संस्थानों में स्वीकृत एवं भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए 40491 नए नियमित, संविदा और आउटसोर्स के नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई जिनमें से 18,653 पदों को आगामी तीन वर्षों में भरा जाएगा।

इन भर्तियों के बाद इस पर वार्षिक 343 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। शेष 27,828 पदों की भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से ही की जाएंगी।

इसके अलावा मोहन कैबिनेट ने रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय सागर, क्रांति सूर्यकांत टंट्या विश्वविद्यालय खरगोन तथा क्रांतिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय गुना में से प्रत्येक नए विश्वविद्यालय की प्रारंभिक आवश्यकता के लिए तीन करोड़ रुपये की स्वीकृति दी।

इसके साथ ही प्रतिवर्ष ब्लॉक ग्रांट भी दी जाएगी। पहले वित्तीय वर्ष के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रविधान किया जाएगा। साथ ही नवीन विश्वविद्यालयों के लिए 235 पदों की स्वीकृति भी दी गई। भवन निर्माण के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये प्रत्येक विश्वविद्यालय तथा पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल के लिए 45 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी की गई।

साथ ही साथ मोहन कैबिनेट ने यह वर्ष गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसमें गौशालाओं को उन्नत करने, सड़क पर घूमने वाले गौवंश को गोशाला तक पहुंचाना, बीमार होने वाले गौवंश को उपचार की सुविधा देने और घायल गौवंश को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए हाइड्रोलिक गाड़ियों की खरीदी का भी निर्णय लिया गया।

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