CM Mohan Suspended SDM: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सबलगढ़ SDM (उपमंडल अधिकारी) अरविंद माहौर पर एक युवती के साथ फोन पर अभद्र व्यवहार और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे थे।
इस घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए थे। जिससे मामले ने काफी तूल पकड़ा।
अब इस घटना पर कड़ा एक्शन लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर SDM को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
यह फैसला तब आया जब पीड़ित परिवार ने मंगलवार को मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना के सामने जनसुनवाई में इसकी शिकायत करते हुए एक वीडियो सबूत पेश किया।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दिए निलंबन के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट कर इस मामले में संज्ञान लेते हुए लिखा,
“सबलगढ़ (मुरैना) के एसडीएम अरविंद माहौर के विरुद्ध महिला से अभद्र व्यवहार एवं नियमविरुद्ध पटवारियों के तबादले करने की गंभीर शिकायतों के संज्ञान में आने के पश्चात एसडीएम को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण में कमिश्नर चंबल को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।”
सबलगढ़ (मुरैना) के एसडीएम अरविन्द माहौर के विरुद्ध महिला से अभद्र व्यवहार एवं नियमविरुद्ध पटवारियों के तबादले करने की गंभीर शिकायतों के संज्ञान में आने के पश्चात् एसडीएम को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिये हैं। इस प्रकरण में कमिश्नर चंबल को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 19, 2025
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित परिवार ने कलेक्टर को बताया कि एसडीएम अरविंद माहौर ने उनकी नाबालिग बेटी का मोबाइल नंबर ढूंढ़ निकाला था।
पिछले लगभग एक साल से वह उसे देर रात फोन करके गलत और अश्लील बातें करता था।
जब लड़की ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया, तो उसने परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों को फोन करके धमकाना शुरू कर दिया।
इसके बाद तो एसडीएम की हिम्मत और बढ़ गई।
वह सीधे पीड़िता के देवर (पति के छोटे भाई) की दुकान पर पहुंच गया और उसे खुलेआम धमकाया।
शिकायत के मुताबिक, एसडीएम ने कहा, “तेरी बेटी और तेरी भाभी में बहुत गर्मी है, मैं तुम सबको झूठे केस में फंसा दूंगा। यहां मुझसे बड़ा कोई अधिकारी नहीं है।”
पीड़ित महिला ने कलेक्टर से कहा कि अगर उन्हें तुरंत न्याय नहीं मिला तो उनका परिवार सामूहिक आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा।
चाचा को भी दी जान से मारने की धमकी
घटना की और भी भयावह जानकारी देते हुए युवती के चाचा ने बताया कि 5 सितंबर को एसडीएम उनकी दुकान पर आए और डांटते हुए पूछा कि “बुलाया था, तो नहीं आए?”
जब उन्होंने जवाब दिया कि वे मजदूरी करते हैं और व्यस्त थे, तो एसडीएम ने धमकी दी कि अगर वह समय पर नहीं आए तो पूरे परिवार को फंसा दिया जाएगा।
डर के मारे वह शाम को एसडीएम के कार्यालय पहुंचे, जहां एसडीएम ने उन्हें गालियां दीं और जान से मारने की धमकी भी दी।
जब उन्होंने इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करने के लिए अपना मोबाइल निकाला तो एसडीएम ने जबरदस्ती वह मोबाइल छीन लिया।
वायरल वीडियो बना सबूत
हालांकि, परिवार के पास एक और वीडियो था, जिसे उन्होंने कलेक्टर को दिखाया।
इस वीडियो में एसडीएम अरविंद माहौर को अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो में वह युवती के देवर से पूछ रहे हैं, “तेरी भाभी कहां की है?” और इसके बाद कई आपत्तिजनक बातें करते हैं।
यह वीडियो ही मामले की पुष्टि करने वाला सबसे बड़ा सबूत बना।
निलंबन के बाद भी SDM ने दिखाई दबंगई
दिलचस्प बात यह है कि जब मामला सामने आया और कलेक्टर ने एसडीएम माहौर को मुख्यालय में अटैच कर दिया, तब भी उन्होंने अपनी करतूतें जारी रखीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने रात में ही एसडीएम कार्यालय खुलवाया और अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए 6 पटवारियों के तबादले के आदेश जारी कर दिए।
जैसे ही कलेक्टर अंकित अस्थाना को इसकी भनक लगी, उन्होंने तुरंत इनमें से 4 तबादले रद्द कर दिए।
बाकी दो तबादले हाई कोर्ट के निर्देश पर किए गए थे, इसलिए उन्हें बरकरार रखा गया।
मुख्यमंत्री का हंटर इस बार मुरैना, सबलगढ़ एसडीएम अरविंद माहौर पर चला है
एसडीएम महोदय भी कम रंगबाज नहीं है दो दिन पहले एक युवती को परेशान कर रहे थे जिसके कारण कलेक्टर कार्यालय अटैच किए गए
फिर क्या है जाते जाते रात्रि 11 बजे 6 पटवारियों के स्थानांतरण कर दिए pic.twitter.com/1jYI7zvtRX
— Mr.Binod (@Mr__binod) September 19, 2025
पहले भी रह चुके हैं विवादों में
अरविंद माहौर का यह पहला विवाद नहीं है।
करीब दो महीने पहले, सबलगढ़ की एक जनसुनवाई के दौरान, उन्होंने एक फरियादी को थप्पड़ मारने की धमकी दी थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
इसके अलावा, महज एक सप्ताह पहले ही, उन पर अपने ही सरकारी चपरासी को घर बुलाकर मारपीट करने का आरोप लगा था।
चपरासी ने इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर और एसपी को दी थी।
“जाते हो या थप्पड़ मारूं?” – मुरैना के सबलगढ़ में जनसुनवाई के दौरान SDM अरविंद माहौर की जनता को धमकी।
क्या अधिकारी जनता की सेवा के लिए होते हैं या थप्पड़ मारने के लिए?
ये है सरकारी तंत्र की सामंती सोच और बेलगाम अहंकार का नमूना!#MPNews #NarendraModi pic.twitter.com/FtL7lRGsn1
— Deepak Khatri (@Deepakkhatri812) July 23, 2025
अब आगे क्या?
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, कलेक्टर अंकित अस्थाना ने इस मामले की एक विस्तृत रिपोर्ट (प्रतिवेदन) तैयार कर चंबल संभाग के कमिश्नर को भेज दी है।
चूंकि निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार कमिश्नर स्तर का है, इसलिए औपचारिक निलंबन आदेश कमिश्नर के कार्यालय से ही जारी होगा।
इस बीच, मेघा तिवारी को सबलगढ़ का नया एसडीएम नियुक्त किया गया है।
यह मामला एक बार फिर उस सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है जहां सत्ता के नशे में चूर कुछ अधिकारी जनता के हितों की अनदेखी करके अपनी मनमानी करते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा त्वरित कार्रवाई से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है।