Ranganathan Parasiah Court Attack: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 25 हो गया है।
इस मामले ने देश की न्यायपालिका और प्रशासनिक व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है।
एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग को खारिज कर दी है।
वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश पुलिस की SIT आरोपी दवा कंपनी के मालिक गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तारी के बाद छिंदवाड़ा लाई जहां उसे शाम को कोर्ट में पेश किया गया।
आरोपी के खिलाफ गुस्सा फूटा
मध्य प्रदेश के परासिया कोर्ट में गुरुवार को जहरीले कफ सिरप के मामले के मुख्य आरोपी गोविंदन रंगनाथन को पेश किया गया।
इस दौरान लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उस पर हमले की कोशिश की गई।
वकीलों और मौजूद लोगों ने “हत्यारे को फांसी दो” के नारे लगाए।
#Chhindwara: Sresan Pharma owner Ranganathan produced before Parasia court in connection with the deaths of children allegedly caused by Coldrif cough syrup.#MadhyaPradesh #Chhindwara #CoughSyrupCase #BreakingNews pic.twitter.com/hYyphtEQaD
— Lokmat Times Nagpur (@LokmatTimes_ngp) October 10, 2025
वकीलों ने किया आरोपी की पैरवी से इनकार
परासिया अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्याम कुमार साहू ने कहा कि जिले का कोई भी वकील रंगनाथन का केस लड़ने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बाहर से कोई वकील आरोपी की पैरवी करने आता है, तो स्थानीय वकील उसका विरोध करेंगे।
VIDEO | Chhindwara: Following the arrest of Dr. Ranganathan Govindan, owner of Sresan Pharmaceuticals, in the adulterated cough syrup case, an advocate said, “Today, all advocates have decided that no one will defend this murderer. The writ filed by Vishal Tiwari in the Supreme… pic.twitter.com/WGF6OHq15I
— Press Trust of India (@PTI_News) October 10, 2025
10 दिन की रिमांड पर भेजा
प्रथम श्रेणी न्यायाधीश शैलेंद्र उइके की अदालत ने रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) सुबह 11 बजे आरोपी को परासिया लेकर पहुँचा था और उसे स्थानीय थाने में हिरासत में रखा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की CBI जांच की मांग?
सुप्रीम कोर्ट के सामने एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों की CBI से जांच कराने की मांग की गई थी।
यह याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की थी। याचिका में प्रमुख मांगें थीं…
- सभी संबंधित मामलों की CBI जांच।
- सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति का गठन।
- सभी संदिग्ध दवाओं की बिक्री पर तुरंत रोक लगाना और उनका गहन परीक्षण कराना।
BREAKING: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश-राजस्थान में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत की CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज की#SupremeCourt #Coldrif #GRanganathan #Chhindwara #ColdRifSyrup #MadhyaPradesh #CoughSyrupDeaths #CoughSyrup #BreakingNews
Madhya Pradesh | Supreme Court | pic.twitter.com/MyVXFFR9C3— Chautha Khambha (@chauthakhamba) October 10, 2025
याचिकाकर्ता का तर्क था कि अलग-अलग राज्यों में हो रही जांच से जिम्मेदारी बिखर जाती है और इस वजह से ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
एक केंद्रीकृत जांच से निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका पर विचार करने के बाद इसे खारिज कर दिया।
अदालत ने राज्य स्तर की जांच एजेंसियों पर भरोसा जताते हुए फिलहाल CBI जांच के आदेश देने से इनकार कर दिया।
इसका मतलब यह हुआ कि मामले की जारी जांच की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश पुलिस की एसआईटी पर ही रहेगी।

चेन्नई से किया था अरेस्ट
मध्य प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने बुधवार की रात तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के मालिक गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रंगनाथन अपनी पत्नी के साथ फरार थे और पुलिस ने साइबर सेल की मदद से उनके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करके उन्हें पकड़ा।
VIDEO | Special Investigation Team (SIT) of Chhindwara Police brought Ranganathan Govindan, owner of Coldrif cough syrup manufacturer Sresan Pharmaceuticals, to Parasia Police Station.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/O5jLw0jifs
— Press Trust of India (@PTI_News) October 10, 2025
गिरफ्तारी के बाद, एसआईटी की टीम रंगनाथन को लेकर गुरुवार रात एक फ्लाइट से चेन्नई से रवाना हुई और शुक्रवार सुबह लगभग 6 बजे नागपुर एयरपोर्ट पहुंची।
एयरपोर्ट से उन्हें सीधे एक कार में बैठाकर छिंदवाड़ा जिले के परासिया थाने ले जाया गया।
डॉक्टर ने किया चेक-अप
थाने पहुंचने के बाद रंगनाथन का ब्लड प्रेशर हाई पाया गया, जिसके बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाकर चेक-अप कराया गया।
इसके बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में परासिया थाने में रखा गया।
उन्हें दोपहर 2 से 4 बजे के बीच स्थानीय अदालत में पेश किया जाना था।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
आखिर क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा इलाके में कई बच्चों ने ‘कोल्ड्रिफ’ नामक एक कफ सिरप पी थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।
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कारण: जांच में पता चला कि इस कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नाम का एक जहरीला रसायन मिला हुआ था। यह रसायन औद्योगिक इस्तेमाल के लिए होता है और दवाओं में इसकी मिलावट जानलेवा साबित हो सकती है। मध्य प्रदेश सरकार की लैब ने अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की।
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निर्माता: यह जहरीला सिरप तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाया गया था।
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मौतों का आंकड़ा: इस घटना में अब तक 25 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मौतें छिंदवाड़ा और पांढुर्णा क्षेत्र की हैं। कुछ बच्चों का अभी भी नागपुर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
जांच के अगले कदम:
रंगनाथन की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी अब उनसे पूछताछ करेगी।
इस पूछताछ के आधार पर कंपनी के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान कंपनी के महत्वपूर्ण दस्तावेज और दवाओं के नमूने भी जब्त किए हैं।
बड़े सवाल:
यह मामला देश में दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
कैसे एक जहरीला रसायन दवा बनाने की सप्लाई चेन में शामिल हो गया?
दवा कंपनियों पर निगरानी की व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों है?
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और रंगनाथन की गिरफ्तारी इस मामले के दो अहम पहलू हैं।
जहां कोर्ट ने अभी राज्य एजेंसियों को मौका दिया है, वहीं पुलिस की तेज रफ्तार गिरफ्तारी से पीड़ित परिवारों को न्याय की उम्मीद जगी है।
पूरा देश इस जांच के नतीजों और दोषियों को सजा मिलने का इंतजार कर रहा है।