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Paper Leak: MP सरकार ला रही कड़ा कानून, एक करोड़ का जुर्माना और 10 साल की जेल

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

Paper Leak: भोपाल। बीते दिनों NEET समेत अन्य परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों या पेपर लीक को लेकर मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार कड़ा कानून बनाने की तैयारी में है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार अब पेपर लीक (Paper Leak) व परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने की तैयारी में है।

स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी में है और इसको लेकर प्रारंभिक दौर की मीटिंग हो चुकी हैं।

कानून में संसोधन को लेकर एक वरिष्ठ सचिव समिति के समक्ष इसका प्रारूप भी रखा जा चुका है, लेकिन अब इसमें केंद्रीय अधिनियम के अंतर्गत जारी नियम के अनुरूप प्रावधान किए जाएंगे।

बताया जा रहा है कि यदि परीक्षा अधिनियम में संशोधन का काम 1 जुलाई से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति तक पूरा हो गया तो संशोधित विधेयक पेश कर दिया जाएगा।

अगर ऐसा नहीं हो सका तो राज्य सरकार (Paper Leak) अध्यादेश के माध्यम से इस प्रावधान को लागू कर सकती है।

मध्य प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन मंडल, विश्वविद्यालय, माध्यमिक शिक्षा मंडल समेत अन्य एजेंसियं विभिन्न परीक्षाएं संचालित करती हैं।

फिलहाल राज्य में अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिसमें सभी एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की निगरानी हो सके।

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के संबंध में मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम का प्रावधान है जिसकी धारा-D में जो व्यक्ति (Paper Leak) अनुचित साधन का इस्तेमाल करता या करवाता है, उसे 3 साल की जेल और 5 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है।

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के अधिनियम के दायरे में सभी परीक्षाएं सम्मिलित होंगी और इसके लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधने की रोकथाम) अध्यादेश के प्रावधानों को भी देखा जा रहा है, जिसमें फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवा योजना वेबसाइट बनाने को भी दंडनीय अपराध बनाया गया है।

अधिनियम के प्रावधान के उल्लंघन पर कम से कम दो साल से लेकर आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपये तक के दंड का प्रावधान है।

इसके साथ ही यदि परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों तथा सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

(Paper Leak) वित्तीय वसूली के लिए राजस्व की वसूली की तरह कुर्की की जा सकेगी और जमानत भी आसानी से नहीं मिल सकेगी।

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