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मध्य प्रदेश सरकार 1 नवंबर से पहले फिर लेगी 5200 करोड़ का कर्ज, कुल उधारी 42,600 करोड़ हुई

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

MP Govt 5200 Crore Loan मध्य प्रदेश की मोहन सरकार एक नवंबर को मनाए जाने वाले राज्य स्थापना दिवस से पहले एक बार फिर बड़ा कर्ज लेने जा रही है।

सरकार 28 और 29 अक्टूबर को दो किश्तों में कुल 5200 करोड़ रुपये का ऋण लेगी।

इस नए कर्ज के बाद चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज 42,600 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

सरकार का कहना है कि इस राशि का इस्तेमाल लाडली बहना योजना समेत विभिन्न विकास परियोजनाओं और सामुदायिक विकास कार्यों के भुगतान के लिए किया जाएगा।

दो किश्तों में लेंगे कर्ज

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा यह ऋण दो अलग-अलग किश्तों में लिया जाएगा, जिसकी जानकारी इस प्रकार है:

  • पहली किश्त: 28 अक्टूबर, मंगलवार को 2700 करोड़ रुपये का ऋण लिया जाएगा। यह कर्ज 21 साल की लंबी अवधि के लिए है, जिसका ब्याज सहित भुगतान अक्टूबर 2046 तक किया जाना है।

  • दूसरी किश्त: 29 अक्टूबर, बुधवार को 2500 करोड़ रुपये का दूसरा ऋण लिया जाएगा। इस ऋण की अवधि 22 वर्ष निर्धारित की गई है और इसका भुगतान अक्टूबर 2047 तक चलेगा।

यह कर्ज चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा लिए गए 20वें और 21वें ऋण के रूप में दर्ज होंगे।

इससे स्पष्ट होता है कि सरकार वित्तीय प्रबंधन के लिए लगातार बाजार से उधारी ले रही है।

सरकार ने बताया कर्ज लेने का मकसद

मध्य प्रदेश सरकार ने इस बड़े ऋण लेने के पीछे के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह राशि केंद्र सरकार द्वारा मंजूर और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से स्वीकृत योजनाओं के लिए ली जा रही है।

इन योजनाओं में मुख्य रूप से सिंचाई परियोजनाएं, बिजली संयंत्र (पावर प्रोजेक्ट्स) और सामुदायिक विकास (कम्युनिटी डेवलपमेंट) जैसे उत्पादक क्षेत्र शामिल हैं।

सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और बुनियादी ढांचे का व्यापक विस्तार होगा, जिसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा।

हालांकि, विपक्ष की ओर से आरोप लगाया गया है कि भाईदूज के अवसर पर प्रदेश की 1.27 करोड़ लाडली बहनों के खाते में 250 रुपये जमा करने में सरकार चूक गई थी और अब यह कर्ज लेकर स्थापना दिवस जैसे आयोजनों और योजनाओं के भुगतान के लिए धन जुटाया जा रहा है।

चालू वित्त वर्ष में कर्ज लेने का लेखा-जोखा

मध्य प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष की शुरुआत से ही लगातार ऋण लेने का सिलसिला जारी रखा है।

आइए, एक नजर डालते हैं सरकार द्वारा अब तक लिए गए प्रमुख ऋणों पर:

  • 30 सितंबर: 1500-1500 करोड़ रुपये के दो ऋण (20 और 23 वर्ष की अवधि)।
  • 23 सितंबर: 1500-1500 करोड़ रुपये के दो ऋण (18 और 21 वर्ष की अवधि)।
  • 9 सितंबर: 1500 करोड़, 1500 करोड़ और 1000 करोड़ रुपये के तीन ऋण (17, 19 और 20 वर्ष की अवधि)।
  • 26 अगस्त: 2500 करोड़ और 2300 करोड़ रुपये के दो ऋण (20 और 18 वर्ष की अवधि)।
  • 5 अगस्त: 1600 करोड़ (18 वर्ष), 1400 करोड़ (20 वर्ष) और 1000 करोड़ (23 वर्ष) के तीन ऋण। कुल 4000 करोड़।
  • 30 जुलाई: 4300 करोड़ रुपये के दो ऋण (17 और 23 वर्ष की अवधि)।
  • 8 जुलाई: 2500 और 2300 करोड़ रुपये के दो ऋण (16 और 18 वर्ष की अवधि)।
  • 4 जून: 2000 करोड़ (16 वर्ष) और 2500 करोड़ (18 वर्ष) के दो ऋण।
  • 7 मई (पहला ऋण): ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपये के दो ऋण (12 और 14 वर्ष की अवधि)।

इस तरह, अक्टूबर के अंत में लिए जा रहे नए ऋणों के बाद राज्य सरकार का चालू वित्त वर्ष का कुल उधारी 42,600 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

इसके अलावा, राज्य पर पहले से मौजूद कुल ऋण 4 लाख 64 हजार 340 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू सकता है।

क्या कर्ज लेने की सीमा से बाहर जा रही है सरकार?

बड़े पैमाने पर ऋण लेने के मद्देनजर सवाल उठना स्वाभाविक है कि कहीं सरकार वित्तीय नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रही।

हालांकि, सरकार की ओर से दावा किया गया है कि उसने कर्ज लेने की तय सीमा का उल्लंघन नहीं किया है।

इस दावे की पुष्टि के लिए सरकार पिछले वित्त वर्ष के अपने राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) का हवाला देती है।

वित्त वर्ष 2023-24 में:

  • राज्य सरकार की कुल आय: 2,34,026.05 करोड़ रुपये
  • राज्य सरकार का कुल खर्च: 2,21,538.27 करोड़ रुपये
  • राजस्व अधिशेष: 12,487.78 करोड़ रुपये

वहीं, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए:

  • अनुमानित आय: 2,62,009.01 करोड़ रुपये
  • अनुमानित खर्च: 2,60,983.10 करोड़ रुपये

सरकार का तर्क है कि राजस्व अधिशेष की स्थिति होने से यह दर्शाता है कि उसकी वित्तीय स्थिति नियंत्रण में है और वह उत्पादक कार्यों के लिए ऋण लेने में सक्षम है।

विकास बनाम वित्तीय बोझ का सवाल

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम एक ओर जहां विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं के लिए धन जुटाने की जरूरत को रेखांकित करता है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी खड़े करता है कि कहीं यह बढ़ता हुआ कर्ज भविष्य में राज्य पर एक भारी वित्तीय बोझ तो नहीं बन जाएगा।

लंबी अवधि के इन ऋणों पर ब्याज की अदायगी भी भावी बजट का एक बड़ा हिस्सा खाएगी।

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