Diwali Leave Cancelled: दिवाली के त्योहार पर प्रदेश को बिना किसी रुकावट बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक अहम और सख्त फैसला लिया है।
राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी छह बिजली कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर अगले तीन महीनों के लिए ‘आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम’ (Essential Services Maintenance Act – ESMA) लागू कर दिया है।
इसका सीधा मतलब है कि अब इन कर्मचारियों के लिए अगले 3 महीने तक बिना अनुमति के छुट्टी लेना या काम से इनकार करना कानूनन दंडात्मक अपराध होगा।
सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?
दिवाली जैसे बड़े त्योहारों पर पूरे प्रदेश में बिजली की खपत अचानक कई गुना बढ़ जाती है।
ऐसे में बिजली की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए बिजली विभाग का पूरी क्षमता के साथ काम करना बेहद जरूरी होता है।
किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी या मानवीय कमी की स्थिति में बड़े पैमाने पर बिजली कटौती की आशंका बनी रहती है।
इसके अलावा, हाल के दिनों में राज्य के बिजली कर्मचारियों के संगठन वेतन और सेवा शर्तों को लेकर असंतोष जता रहे थे और संभावित हड़ताल या विरोध की तैयारी में थे।
सरकार ने त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी तरह की अप्रत्याशित बाधा से बचने के लिए एस्मा लागू करने का निवारक कदम उठाया है।
यह फैसला त्योहार के दौरान “अंधेरा नहीं, बस उजाला” सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्या है ESMA और इसके प्रावधान?
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) एक कानून है जिसके तहत सरकार समाज के लिए अत्यावश्यक मानी जाने वाली सेवाओं (जैसे बिजली, पानी, परिवहन) को बनाए रखने के लिए इन क्षेत्रों के कर्मचारियों की हड़ताल या काम रोकने के अधिकार को सीमित कर सकती है।
MP में बिजली कर्मचारियों पर लागू ESMA के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:
- कार्य से इनकार पर पूर्ण प्रतिबंध: अगले तीन महीने तक कोई भी कर्मचारी या अधिकारी अपनी नियमित ड्यूटी करने से इनकार नहीं कर सकेगा।
- छुट्टियां रद्द: इस अवधि में सभी प्रकार की सामान्य छुट्टियां स्वत: रद्द मानी जाएंगी।
- सख्त छुट्टी नियम: अब कर्मचारी केवल गंभीर बीमारी, पारिवारिक आपात स्थिति जैसे विशेष और अत्यावश्यक कारणों से ही छुट्टी के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसी छुट्टी भी संबंधित विभागीय अधिकारी की स्पष्ट स्वीकृति के बाद ही मंजूर होगी।
- हड़ताल पर रोक: कर्मचारी संगठन कानूनी तौर पर इस अवधि में कोई हड़ताल या विरोध-प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे।
ESMA का दायरा कितना बड़ा है?
यह आदेश प्रदेश की सभी छह बिजली कंपनियों पर लागू होगा, जिनमें शामिल हैं:
- मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी, जबलपुर
- मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर
- मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इंदौर
- मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल
- मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी, जबलपुर
- मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी, जबलपुर
यह महत्वपूर्ण है कि यह आदेश न केवल नियमित कर्मचारियों, बल्कि संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) और आउटसोर्स कर्मचारियों पर भी समान रूप से लागू होगा।
इससे सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि बिजली आपूर्ति श्रृंखला का कोई भी हिस्सा इस नियम से अछूता न रहे।
मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से जनहित को प्राथमिकता देता है।
त्योहारों के इस मौसम में हर घर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
हालांकि, इस फैसले को कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया का इंतजार अभी बाकी है।