MP Flood Alert: मध्यप्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
राजधानी भोपाल से लेकर राजगढ़, श्योपुर, रायसेन और गुना तक बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
नदी-नाले उफान पर हैं, कई गांवों का संपर्क टूट गया है, और सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं।
ऐसे में बुधवार, 30 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जांची स्थिति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड आपदा प्रबंधन मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस दौरान उन्होंने अतिवृष्टि (अत्यधिक बारिश) से प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की और हालात का जायजा लिया।
आज भोपाल स्थित होमगार्ड के बाढ़ आपदा केंद्र में प्रदेशभर में जवानों द्वारा किए जा रहे बचाव व राहत कार्यों का निरीक्षण किया।
रीवा, गुना, दमोह, अशोकनगर, शिवपुरी आदि जिलों में करीब 2,900 बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित रेस्क्यू कर आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं हैं।प्रदेशवासियों से… pic.twitter.com/76BmZTZ2wi
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 30, 2025
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को तुरंत राहत पहुंचाई जाए और बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
सीएम ने कहा, “बचाव और राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी जिलों को हर संभव मदद दी जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब तक 2,900 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और सभी प्रभावितों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
आज पुलिस मुख्यालय के स्टेट कमांड सेंटर से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवर्षा से उत्पन्न बाढ़ एवं जन सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा की।
प्रदेश में अब तक जलमग्न क्षेत्रों से 2,900 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सभी को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। दो जिलों के लिए केंद्र… pic.twitter.com/AkGdOzyq8C
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 30, 2025
किसानों के नुकसान का सर्वे होगा, मुआवजा दिया जाएगा
बाढ़ से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित किसानों का सर्वेक्षण कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने बताया कि “किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके नुकसान की भरपाई करेगी।”

राजधानी भोपाल से लेकर राजगढ़, श्योपुर, रायसेन और गुना तक बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
आइए जानते हैं प्रमुख जिलों में कैसे हैं हालात…
भोपाल: जलभराव से शहर का हाल बेहाल
राजधानी भोपाल में लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है।
कई कॉलोनियों में 2-3 फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सड़कों पर गड्ढों में पानी भर जाने के कारण वाहन फंस रहे हैं, और लोगों को गाड़ियों को धकेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रशासन ने जल निकासी के लिए अधिकारियों को तैनात किया है, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है।
राजगढ़: तीन मंजिला इमारत ढही, बचाव कार्य जारी
राजगढ़ जिले के ब्यावरा में सुठालिया रोड पर स्थित एक तीन मंजिला इमारत बारिश के कारण ढह गई।
बारिश से इमारत में दरारें आ गई थीं, जिसके बाद मंगलवार सुबह ही इसे खाली करा लिया गया था।
हालांकि, इमारत के निचले हिस्से के गिरने से ऊपर की दो मंजिलें आधी लटक गई हैं।
प्रशासन ने मौके पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
श्योपुर: अस्पताल में पानी भरा, 12 मरीजों को बचाया गया
श्योपुर जिले में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। बडौदा नगर के अस्पताल में पानी भर गया, जिससे 12 मरीज फंस गए थे।
एसडीआरएफ (SDRF) की टीम ने सभी को सुरक्षित निकाला है।
शीप नदी उफान पर होने के कारण मानपुर गांव में भी बाढ़ आ गई है।
कई गांवों से संपर्क टूट गया है, और सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात बाधित है।
कलेक्टर अर्पित वर्मा ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।

रायसेन: 200 से अधिक मजदूर फंसे, एसडीआरएफ ने बचाया
रायसेन जिले में बारिश के बीच 200 से अधिक मजदूर फंस गए थे।
ये मजदूर कटनी से धान की रोपाई के लिए आए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
एसडीआरएफ की टीम ने सभी को सुरक्षित निकालकर राहत शिविर में पहुंचाया है।
इसके अलावा, बारना बांध के 8 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
बरेली की कई बस्तियों में लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
गुना: जनजीवन ठप, स्कूल बंद, सेना की तैनाती
गुना जिले में मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है।
कई पुल ढह गए हैं, और स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
झांसी के बबीना से सेना की एक टीम गुना पहुंची है, जिसमें 75 जवान और 10 ट्रकों में राहत सामग्री शामिल है।
इस टीम को गुना के बमोरी और फतेहगढ़ क्षेत्र में रवाना किया गया है, जहां बाढ़ की स्थिति गंभीर है।

सेना के जवानों के पास नावें और अन्य बचाव उपकरण हैं, जो प्रभावितों को सुरक्षित निकालने में मदद करेंगे।
बमोरी और कलेरा में सेना की टीमें तैनात की गई हैं, ताकि बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।
प्रशासन ने निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया है और लोगों से जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।

अन्य प्रभावित जिले: डिंडोरी और नर्मदापुरम में भी बाढ़ की स्थिति
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डिंडोरी: बुढनेर नदी उफान पर है, जिससे समनापुर-गौराकन्हारी मार्ग बंद हो गया है।
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नर्मदापुरम: नर्मदा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है, और बरगी व बरना डैम से पानी छोड़ा जा रहा है।

प्रशासन और केंद्रीय मंत्री की कार्रवाई
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रभावित जिलों के हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
एसडीआरएफ, होमगार्ड और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
15 अगस्त को बाढ़ राहतकर्मियों का सम्मान किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बाढ़ राहत कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में लो प्रेशर सिस्टम और दो ट्रफ लाइन के प्रभाव से अगले 24 घंटों में कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
नीमच, मंदसौर, श्योपुर, गुना, आगर-मालवा और राजगढ़ में अति भारी वर्षा (8.5 इंच तक) की चेतावनी जारी की गई है।
इसके अलावा, भोपाल, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में भी 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन टीमों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
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